धार्मिक

गुड फ्राइडे : प्रभु यीशु के बलिदान को याद किया गया, ईसाई समुदाय ने निकाली क्रूस यात्रा

हमारे पापों को दूर करने के लिए यीशु गिरकर फिर उठ गए और चल दिए’
गुड फ्राइडे पर पुष्पा चर्च में धार्मिक विधि संपन्न की गई। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में ईसाई समुदाय के सदस्य शामिल हुए।

सिलवानी । ईसाई समुदाय ने प्रभु यीशु की याद में पुण्य शुक्रवार मनाया। इस दौरान पीड़ित मानवता के उद्धार के लिए सूली पर चढ़ गए प्रभु ईशु को याद किया, बल्कि पुष्पा चर्च से क्रूस यात्रा निकालकर उस समय प्रभु यीशु को दी गई यातनाओं का दर्द भी महसूस किया। सभी ने प्रभु से अपने पापों के लिए क्षमा मांगी। पुष्पा चर्च से शाम के समय क्रूस यात्रा निकाली गई। जिस तरह ईसा मसीह को कलवारी पहाड़ी तक यातना देते हुए 14 विश्राम स्थलों से ले जाया गया था, उसे क्रूस यात्रा के माध्यम से बताया गया। प्रत्येक विश्राम पर प्रभु का संदेश और दुख भोग सुनाया गया। सम्पूर्ण धर्म विधि पुष्पा चर्च फादर एवं अन्य पुरोहितों ने पूर्ण कराई। धर्मविधि तीन भाग में हुई। पहले भाग में मसीह की मृत्यु पुराने व्यवस्थान में चिन्हों द्वारा तथा भविष्यवाणी द्वारा, नए व्यवस्थान में संत योहान के समाचार से और दुखभोग की कथा में सत्य रूप में और परम प्रसाद की रीति में रहस्यात्मक ढंग से प्रस्तुत की गई।
इसलिए निकालते हैं क्रूस यात्रा
आज ही के दिन प्रभु ईसा मसीह को पकड़कर तीन अलग-अलग जगहों पर ले जाकर यातनाएं दी गई थी। उन्हें प्रताड़ित कर येरुसलेम में सूली पर चढ़ा दिया था। उन्हें 14 विश्राम स्थलों से ले जाया गया था। पांचवे विश्राम स्थल पर प्रभु से मिलने उनकी मां आती हैं, लेकिन उन्हें मिलने नहीं दिया जाता है। वे एक-दूसरे को देखकर ही अपना दर्द महसूस कर लेते हैं। क्रूस यात्रा को याद करते हुए सारे संसार में इस यात्रा को गुड फ्राइडे के रूप में मनाया जाता है।
दोपहर में हुई मिस्सा प्रार्थना : दोपहर में चर्च में विशेष मिस्सा बलिदान का आयोजन हुआ। पूर्ण दुख के साथ समुदाय के सभी लोगों ने मानवजाति के लिए उनके पापों की क्षमायाचना करते हुए पवित्र क्रूस का चुंबन किया। इसके बाद कड़वे पानी का सेवन कर धर्म लाभ लिया।
पास्का पर्व शनिवार को
ईसाई समाज के सामाजिक व्यक्ति ने बताया शनिवार रात को 11 बजे से पास्का पर्व मनाया जाएगा। इस दौरान पवित्र महा गिरीजाघर में माता मरियम के सम्मान में विशेष प्रार्थना की जाएगी। रात साढ़े 10 बजे पास्का जागरण धर्म विधि प्रारंभ होगी। इसके बाद मोमबत्ती के आशीष के साथ जुलूस निकलेगा जो मुख्य वेदी तक पहुंचेगा।

Related Articles

Back to top button