क्राइम

प्राण घातक हमले के आरोपी को हुआ पांच वर्ष का सश्रम कारावास

ब्यूरो चीफ : शब्बीर अहमद
बेगमगंज । रायसेन जिले के थाना बम्हौरी अंतर्गत सत्र प्रकरण में धारा 294, 307 भादवि में आरोप सिद्ध पाए जाने पर अपर सत्र न्यायाधीश राजकुमार वर्मा द्वारा निर्णय पारित करते हुए आरोपी जितेंद्र लोधी पिता भगवान सिंह लोधी आयु 20 वर्ष निवासी ग्राम कुण्डाली थाना बम्हौरी जिला रायसेन को दोषी पाते हुए पांच वर्ष कि सश्रम कारावास एवं एक हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया है।
प्रकरण में शासन की ओर से पैरवी एजीपी धीरेन्द्र सिंह गौर द्वारा की गई। उन्होंने बताया कि फरियादी दिनेश कुमार साहु पुत्र लखमीचन्द साहू उम्र 45 साल निवासी कुण्डाली ने थाना आकर रिपोर्ट किया कि ग्राम कुण्डाली का रहने वाला हूँ घर पर ईलेक्ट्रीकल चलाता हूँ मेरा भाई सुरेश साहू गल्ला खरीद बिक्री का काम करता है जिसके लिये मेरे भाई सुरेश साहू ने जितेन्द्र गढोरे (लोधी) निवासी कुण्डाली से सो कुण्टल गेंहू खरीदने की बात किया था एवं घटना के दिन सुबह करीब दस बजे जितेन्द्र लोधी को एक लाख रुपए भी दिए थे जिसमे दो हम्माल मुक्कु लोधी एवं जितेन्द्र कहार उर्फ लल्लू दोनो निवासी कुण्डाली के साथ मेरा भाई शाम करीबन चार बजे गेंहू तुलवाने जितेन्द्र लोधी के घर गया था उसी समय मै अपने घर से ग्राहको का काम करने बाजार जा रहा था कि रास्ते मे मेरे चाचा मंगल साहू ने बताया कि सुरेश के साथ जितेन्द्र लोधी मार पीट कर रहा है तो मै जल्दी से जितेन्द्र लोधी के घर के पास गया तो जितेन्द्र लोधी अपने घर के सामने मेरे भाई के साथ मां बहन की बुरी बुरी गांलिया देते हुये बेसबाल के डण्डे से मार रहा था तो मैने छुडाने का प्रयास किया तो गंदी गाली देते हुए बोला कि तू बचाने आया है आ मे तुझे बताता हूँ एवं मेरे से झूम गया जब तक मेरा भाई उठने का प्रयास किया तो जितेन्द्र लोधी ने पुनः बेसबाल के डण्डे से मेरे भाई को जान से मारने की नियत से सिर में मारा जिससे मेरे भाई सुरेश के नाक एवं कान से खून आने लगा उसके बाद मैने मुक्कु लोधी एवं जितेन्द्र कहार उर्फ लल्लू के साथ अपने भाई को बचाया एवं इलाज के लिये अस्पताल बम्होरी लेकर आया मेरे भाई को बाएं हाथ की कुहनी से नीचे मुदी चोट होकर खून निकला है एंव दाहिने पैर के घुटने में चोट होकर काफी सूजन है एवं दाहिने हाथ की कुहनी के उपर चोट होकर काफी सूजन होने के कारण प्राथमिक उपचार के बाद रेफर कर दिया गयाक्ष। बाद विवेचना अनुसंधान उपरांत आरोपी के विरूद्ध अभियोग पत्र अंतर्गत धारा 307, 506(2) न्यायालय के समक्ष पेश किया गया।
सुनवाई के दौरान गवाहों एवं चिकित्सक के बयानों से आरोप सिद्ध पाए जाने पर अपर सत्र न्यायाधीश राजकुमार वर्मा के द्वारा आरोपी को भादवि में पांच वर्ष के सश्रम कारावास एवं एक हजार रुपए के जुर्माने से दंडित किया गया।

Related Articles

Back to top button