लंबे अरसे बाद रायसेन जिले में प्रसन्न हुए इंद्र देवता, राहत की लगाई बारिश की झड़ी
किसान के चेहरे खिले,बौछारें पड़ने से गर्मी से मिली थोड़ी निजात
रिपोर्टर : शिवलाल यादव, रायसेन।
रायसेन। रविवार को दोपहर भगवान इंद्र देवता रायसेन में हुए मेहरबान।दोपहर के वक्त आसमान पर छाए काले मेघों ने उमड़ घुमड़ कर राहत की बौछारें बरसाईं। जिससे मौसम में ठंडक घुल गई। शाम तक रिमझिम बारिश का दौर चलता रहा। इस राहत भरी बारिश ने किसानों के चेहरे खिल उठे।
लगभग सवा महीने की मानसून की बेरुखी के चलते जिले में अभी तक 311.12 मिमी बारिश दर्ज हो सकी है। कम बारिश होने से उमस गर्मी में लोग परेशान रहे। जिला मौसम विभाग ने यह दावा किया है कि जल्द ही झमाझम बारिश का सिलसिला हो सकता है। मौसम विशेषज्ञ डॉ एस एस तोमर ने बताया कि मानसून ट्रफ के मध्यप्रदेश के ऊपर से गुजरने से हवाओं का निश्चित रूप से रुख बदलेगा। साथ ही वातावरण में भी नमी बढ़ेगी। सोमवार से बारिश की गतिविधियों में बदलाव आने के संकेत मिल रहे हैं।
किसानों को दी जा रही सलाह….
कृषि अनुसंधान केंद्र नकतरा के वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक डॉ स्वप्निल दुबे ने बताया कि 18 से 21 दिनों की खेतों में खड़ी मक्का फसल में घास फूंस व चौड़े पत्तों वाले खरपतवारों के नियंत्रण के लिए टेम्बोट्रे ऑनया ट्रोपोमायीऑन नामक कीटनाशक दवाओं का छिड़काव करें। सोयाबीन की फसल में इमेथाफ़ायर का स्प्रे करेंअन्नदाता।मक्के की फसल में फाल आर्मी वर्म कीट की रोकथाम के लिए खेतो में पक्षियों को बैठने के लिए टी आकार की खूंटियां लगाएं। वहीं पोंगलियों में राख, लकड़ी का बुरादा या बारीक रेत डालें। जैविक को नियंत्रित करने के लिए एनपीवी का किसान छिड़काव कराते रहें।
पशु मालिकों को सलाह…
उप संचालक पशु चिकित्सा सेवाएं रायसेन डॉ पी पी के अग्रवाल का कहना है कि बारिश में पशुओं को पशु पालक खुरपका, मुंहपका बीमारी से बचाने के लिए उन्हें टीके लगवाएं। दिन में दो बार पशुओं को पानी पिलाया जाएं। डेयरी के पशुओं के बछड़ों को कृमि नाशक दवाएं जरूर दें। पशुशाला और गौशालाओं मच्छरों मक्खियों और अन्य कीटों से बचाने के लिए गीला कचरा जरूर चढ़ेंगे।