भाजपा में जाने की अटकलों पर अजय सिंह राहुल भैया का बयान : कहा- सौजन्य भेंट लोकतंत्र का हिस्सा है, मैं कांग्रेसी था.. हूं और रहूंगा; विचारधारा पर मतभेद भले हों, लेकिन मनभेद नहीं

गृह मंत्री से बंद कमरे में मुलाकात के बाद हुई थी बीजेपी में जाने की अटकलें
रिपोर्टर : शिवलाल यादव, रायसेन।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह राहुल भैया क्या पार्टी छोड़ेंगे? यही एक सवाल इस समय गलियारे में चर्चा का विषय है। अजय सिंह की नरोत्तम मिश्रा से तीन दिन पहले बंद कमरे में (करीब 40 मिनिट) हुई मुलाकात के बाद इसको लेकर अटकलों को बल मिला और और कांग्रेस पार्टी में हलचल तेज हो गई। कांग्रेस ने शनिवार को अजय सिंह का बयान जारी किया है। उन्होंने कहा- किसी पार्टी के नेता से सौजन्य भेंट करना लोकतंत्र का हिस्सा है। मैं कांग्रेसी था.. हूं और रहूंगा।
पूर्व नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि जब मैं मंत्री था, तब बीजेपी के कई विधायक क्षेत्र के काम से मिलने आते थे। मैं सहर्ष उनकी समस्याओं को हल करता था। उनमें कई वर्तमान में मंत्री हैं। इसी तरह, मैं भी अपने क्षेत्र की समस्याओं और जनता के काम लेकर भाजपा सरकार के मंत्रियों से मिलता रहता हूं। कई बार एक-दूसरे से सौजन्य भेंट होती रहती है। राजनीति में विपक्ष दुश्मन नहीं होता। लोकतंत्र में वैमनस्य का स्थान नहीं। इस सौजन्यता का यह अर्थ कतई नहीं लगाना चाहिए कि मैं कांग्रेस पार्टी को छोड़ रहा हूं।
हम आपको यह बता दें कि अजय सिंह की बीजेपी में जाने की अटकलों की वजह भी है। पार्टी में उन्हें तवज्जो कम मिल रही। उन्हें उम्मीद थी कि 2019 में लोकसभा चुनाव में हारने के बाद उन्हें राज्य सभा में भेजा जाएगा या फिर पार्टी उन्हें प्रदेश की कमान सौंप देगी।
कांग्रेस पार्टी को लगता है कि बीजेपी उनकी पार्टी में फिर सेंध लगाने की तैयारी में है। अजय सिंह विंध्य के कद्दावर नेता रहे पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह के बेटे हैंं, इसलिए बीजेपी उन्हें साधने की कोशिश जरूर करेगी। हालांकि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अजय सिंह का कहना है कि पार्टी का ध्यान अपनी तरफ खींचने के लिए अजय सिंह बीजेपी के ऐसे नेताओं से मिल रहे हैं, जो उनके केंद्रीय नेतृत्व के करीब रहते हैं।
जब अजय सिंह की नरोत्तम मिश्रा से मुलाकात हुई, तो उन्होंने बयान नहीं दिया था। इसके बाद नरोत्तम के मिश्रा को अलावा बीजेपी के राष्ट्रीय महामंत्री कैलाश विजयवर्गीय अजय सिंह को जन्मदिन पर बधाई देने घर पहुंचे थे। इसके बाद उन्होंने बयान दिया था- मुझे अपनी पार्टी में समस्या नहीं है। अगर मुझे बीजेपी में जाना होगा तो मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलूंगा। अब पार्टी ने उनकी तरफ से बयान जारी किया है।
इसलिए अकटलों को हवा मिली
दरअसल, प्रदेश में तीन विधानसभा और एक लोकसभा सीट पर उपचुनाव होना है। इसमें सतना रैगांव विधानसभा की सीट भी शामिल है। रैगांव सीट पर कांग्रेस नेता अजय सिंह का भी खासा प्रभाव है। ऐसे में उपचुनाव की तारीखों के ऐलान से पहले गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा से अजय सिंह की बंद कमरे में मुलाकात के कई तरह के मायने निकाले जा रहे हैं।
कमलनाथ- अजय सिंह के बीच सब कुछ ठीक नहीं….
कांग्रेस पार्टी के अंदर कमलनाथ के साथ अजय सिंह के मतभेद विंध्य में उनके प्रभाव को लेकर भी सामने आ चुके हैं। जब प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने अजय सिंह राहुल भैया के धुर विरोधी रहे चौधरी राकेश सिंह चतुर्वेदी को विंध्य क्षेत्र के प्रभारी बना दिया था। हालांकि अजय सिंह की नाराजगी के बाद चौधरी राकेश सिंह को मुरैना का प्रभारी बना दिया था। चौधरी राकेश सिंह की कांग्रेस में वापसी गुपचुप तरीके से हो गई थी। जिसका अजय सिंह ने खुल कर विरोध किया था।
विधानसभा- लोकसभा चुनाव हार गए
अजय सिंह 2018 के विधानसभा चुनाव में अपने गृह क्षेत्र चुरहट से हार गए थे। इसके बाद 2019 के लोकसभा चुनाव में वह सीधी से मैदान में उतरे। लेकिन वे यह चुनाव भी हार गए थे। इसके बाद से ही पार्टी में उनकी अनदेखी शुरू हो गई थी। यही वजह हे कि वे कई बार पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के खिलाफ बयान दे चुके हैं।