कलियुग में भगवत् प्राप्ति का सरल साधन है भागवत कथा : स्वामी रामानुजमदास
संगीतमय श्रीमद भागवत कथा का दूसरा दिन।
रायसेन। नगर के वार्ड नंबर 14 स्थित खेड़ापति माता मंदिर पर सप्त दिवसीय संगीतमय श्रीमद भागवत कथा का आयोजन चल रहा है। सात दिवसीय संगीतमय श्रीमद भागवत कथा के दूसरे दिन कथा वाचन के आयोजन मे बडी संख्या मे नगर के भक्तगण पहुच रहे हैं। संगीतमय श्रीमद भागवत कथा का आयोजन प्रतिदिन दोपहर 12 बजे से 4 बजे किया जा रहा है। स्वामी रामानुजम दास जी महाराज वृंदावन धाम द्वारा कथा वाचन किया जा रहा है।
श्रीमद् भागवत कथा के द्वतीय दिवस कथा व्यास स्वामी रामानुजम दास जी महाराज ने बताया कि धुंधकारी ने अपने ही कुकर्मों से ब्राह्मणत्व नास करके प्रेत योनी प्राप्त की थी, और भागवत कथा श्रवण करके सारूप्य मुक्ति प्राप्त कर ली श्रीमद् भागवत कथा मानव मात्र को निष्पाप कर देती है। भगवान जब स्वधाम जा रहे थे तब निज तेज भागवत में प्रविष्ट कर दिया था अतः भागवत साक्षात श्री कृष्ण का शब्द स्वरूप ही है सम्पूर्ण भागवत शौनक जी के छः प्रश्नों की निवृति है व्यास जी का असंतोष हो या नारद जी की प्रभु दर्शन लालसा, उत्तरा का भय हो या भीष्मपितामह की मुक्ति कि अभिलाषा, सब श्रीमद्भागवत से पूर्ण हो जाती हैं । स्वामी रामानुजम् दास जी ने बताया की भागवत हमें भगवान की अनन्य शरणागति प्रदान करती है जिससे लौकिक एवं पारलौकिक कर्मों से जीव कृतकृत्य होकर भक्ति सहित भगवान का नित्य अनुचर बन जाता है भागवत कथा कामना सहित श्रवण करने पर मनोकामना पूर्ण करती है और निष्काम सुनने पर भगवान का साक्षात्कार करा देती है।
