किसअधिकारी की कृपा से गैंगस्टर अब्दुल रज्जाक को कटनी से जारी हुआ था लायसेंस
अधिकारियों में मचा हड़कंप, भोपाल से खंगाली जा रही कुंडली
रिपोर्टर : सतीश चौरसिया, उमरिया पान।
उमरियापान, कटनी । पिछलों दिनों जबलपुर पुलिस ने कुख्यात गैंगस्टर अब्दुल रज्जाक और उसके भतीजे को उसके घर नये मोहल्ले से गिरफ्तार किया गया था जहां से पुलिस द्वारा न्यायालय के समक्ष पेश किया गया। न्यायालय ने दोनों आरोपियों को जेल भेज दिया है।
उल्लेखीय है कि कुख्यात गैंगस्टर अब्दुल रज्जाक के घर से विदेशी सहित इंडिया मेड गन व अन्य हथियारों का जखीरा मिलने से खुफिया विभाग भी परेशान है। जांच में यह पता चला है कि अब्दुल रज्जाक के पास जिस गन का लाइसेंस था वह जबलपुर से नहीं बल्कि कटनी से मिला था, जिसके बाद भोपाल में उच्च पुलिस व प्रशासनिक अधिकारी इस बात का पता लगाने में लग गये हैं कि अब्दुल रज्जाक पर किस अधिकारी की कृपा बरस रही थी क्योंकि रज्जाक पर 2012 में भी राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम एनएसए लग चुका है ऐसी स्थित में उसके हथियार का लायसेंस जारी किया ही नहीं जा सकता है लेकिन कटनी में पदस्थ पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारियों के द्वारा रुपयों की खातिर नियम कानून को धत्ता बतलाकर उसे लायसेंस जारी किया गया है जो अपने आप में एक बड़ा अपराध है। क्योंकि लायसेंस जारी होने से पहले संबंधित थाने से प्रतिवेदन एवं कई प्रक्रियाओं से गुजारना पड़ता है और रज्जाक पर पहले से ही कई मामले दर्ज हैं ऐसी स्थिति में उस गन का लायसेंस जारी किया जाना प्रश्न चिन्ह खड़ा कर रहा है। वहीं जानकारी यह भी लगी है कि रज्जाक की स्लीमानाबाद में मार्बल की खदान है इसी बात को आधार बनाकर उसने अपना लायसेंस कटनी से जारी करवा लिया जो अब अधिकारियों को सकते में डाल दिया है।
उल्लेखनीय है कि जबलपुर के विजय नगर में दर्ज मारपीट और जानलेवा हमला मामले के आरोपी की तलाश में गैंगस्टर अब्दुल रज्जाक के पहुंची पुलिस ने एक विदेशी सहित 5 राइफल, 10 कारतूस और 15 चाकू बरामद किया है। आरोपी शहबाज गैंगस्टर का भतीजा है। शहबाज की गिरफ्तारी के लिए पुलिस अब्दुल रज्जाक के घर शुक्रवार सुबह 5 बजे पहुंची और उसे दबोच लिया। पुलिस ने जब घर की सर्चिंग की तो ये हथियार बरामद किए गए। मामले में पुलिस ने अब्दुल रज्जाक को भी गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी रज्जाक के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम का वारंट भी एसपी के प्रतिवेदन पर जिला दंडाधिकारी ने जारी किया है।
जबलपुर एसपी सिद्धार्थ बहुगुणा ने बताया कि बड़ी ओमती नया मोहल्ला निवासी अब्दुल रज्जाक के खिलाफ 10 आपराधिक प्रकरण और 12 प्रतिबंधात्मक कार्रवाई पहले हो चुकी है। 2012 में आरोपी के खिलाफ एनएसए की कार्रवाई हुई है। आरोपी पर हत्या, बलवा, हत्या के प्रयास, अपहरण, धमकी देना, आर्म्स एक्ट के कई प्रकरण दर्ज हैं। आरोपी के भतीजे शहबाज और अब्दुल रज्जाक और अन्य के खिलाफ विजय नगर थाने में हत्या के प्रयास, जानलेवा हमले की साजिश रचने, धमकी, तोडफ़ोड़ व बलवा का प्रकरण 26 अगस्त की रात में दर्ज हुआ था।
कुख्यात अपराधी है रज्जाक
एसपी बहुगुणा के मुताबिक हिस्ट्री शीटर बदमाश अब्दुल रज्जाक वर्ष 1991 से लेकर लगातार मारपीट, अवैध वसूली, बलवा कर मारपीट करना, हत्या जैसे वारदात को अंजाम दिया है उसके खिलाफ आर्म्स एक्टए वन्य प्राणी अधिनियम जैसे मामलों में भी केस दर्ज हैं। आरोपी अब्दुल गिरोह बनाकर गम्भीर घटनाओं को अंजाम देता है। एसपी ने बताया कि अब्दुल क्षेत्र में व्यक्तिगत हितों के संरक्षण के दहशत का वातावरण निर्मित करने लगा था। अपराध से अर्जित पैसों का उपयोग कर प्रतिस्पर्धा रखने वाले विरोधियों को धन और बाहुबल से समाप्त कर गैंग का सरगना बन बैठा था। आरोपी पर 12 प्रतिबंधात्मक कार्रवाई की जा चुकी है। 2012 में एनएसए भी हो चुका है पर आदतों में सुधार नहीं हुआ।
कटनी के तत्कालीन पुलिस व प्रशासनिक अधिकारी निशाने पर
सूत्रों के मुताबिक पुलिस की जांच में पता चला है कि अब्दुल रज्जाक के पास गन व विस्फोटक का जो लाइसेंस मिला है वह जबलपुर से नहीं बल्कि कटनी से बना था जिसके बाद माना जा रहा है कि रज्जाक की पैठ कटनी के पुलिस व प्रशासनिक अफसरों के बीच जमकर रही जिसका फायदा उठाकर उसने पूर्व में एनएसए लगने के बावजूद लाइसेंस प्राप्त करने में सफलता हासिल की।
खँगाली जा रही कुंडली
बताया जाता है कि अब्दुल रज्जाक के संबंध कटनी के किन-किन पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों से थे। किन अफसरों के कार्यकाल में गन व विस्फोटक का लाइसेंस दिया गया है उनकी पूरी जानकारी जुटाई जा रही है। माना जा रहा है कि अब्दुल रज्जाक को प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष मददगार अफसरों का नाम पता चलने के बाद कड़ी कार्रवाई राज्य सरकार के स्तर पर किये जाने की पूरी संभावना है।
मददगार अफसरों में चिंता
बताया जाता है कि पूर्व में अब्दुल रज्जाक के जिन पुलिस व प्रशासनिक अफसरों से संबंध रहे हैं जिनकी मदद से लाइसेंस दिया गया है उनमें चिंता की लहर दौड़ गई है। वे इस प्रयास में जुट गये हैं कि किसी भी तरह उनका नाम अब्दुल रज्जाक के साथ नहीं आये लेकिन जानकार बताते हैं कि इस मामले में कई अफसरों पर आने वाले समय में गाज गिरना तय है चूंकि इनके द्वारा नियमों को ताक पर रखकर एक कुख्यात अपराधरी को लायसेंस जारी किया गया जो एक गंभीर अपराध है।