पंचायत कर्मचारियों की प्रदेशव्यापी हड़ताल के चलते किया अर्धनग्न प्रदर्शन
सरकार पर लगाया उनकी बातें न सुनने और समस्या का निदान न करने का आरोप
पंचायतों का सारा कामकाज पूरी तरह से ठप्प
सिलवानी। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों के संयुक्त मोर्चे के आव्हान पर 22 जुलाई से हड़ताल की जा रही है। हड़ताली कर्मचारियों ने बताया कि हमारी प्रमुख मांगों में ग्राम रोजगार सहायकों की मांगों में रोजगार सहायकों की सेवाए समाप्त के स्थान पर निलंबन कर इस अवधि में गुजारा भत्ते की पात्रता देने, नियमित कर्मचारियों के समकक्ष 90 प्रतिशत वेतनमान दिए जाने, मनरेगा कर्मचारियों की भांति स्वेच्छा के आधार पर स्थानांतरण की प्रकिया का लाभ दिया जाए। ग्राम रोजगार सहायक की मृत्यु होने पर उसके परिवार को आर्थिक सहायता एवं उनके परिवार के सदस्य को अनुकंपा नियुक्ति दी जाए। ग्राम रोजगार सहायक को एनपीएस का लाभ दिया जाए। पंचायत सचिव संगठन की प्रमुख मांगों में सचिवों के छठवें वेतनमान की गणना नियुक्ति दिनांक से की जाए एवं सातवें वेतनमान का लाभ दिया जाए। प्रदेश के पंचायत सचिवों को पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग में संविलियन किया जाए सहित विभिन्न मांगों को लेकर सरकार से कई बार पत्राचार किया। लेकिन सरकार ने उनकी मांगों पर अब तक कोई ध्यान नहीं दिया। ऐसे में उन्हें हड़ताल पर जाने को विवष होना पड़ा। गुरूवार को कर्मचारियों द्वारा अर्धनग्न प्रदर्शन कर जमकर नारेबाजी की। इधर, अधिकारी व कर्मचारियों के हड़ताल पर होने पंचायतों में ताले लटके है और सारे कामकाज प्रभावित होकर रह गए है।