मूलभूत सुविधाओं को मोहताज वार्ड 15 समस्याओं का समाधान नहीं होने से वार्डवासियों में रोष
सिलवानी। नगर के वार्ड क्रमांक 15 बेगवा कलां के वार्डवासी आजादी के सात दशक बाद भी पेयजल, सड़क, बिजली जैसी मूलभूत सुविधाओं के अभाव में नारकीय जीवन जीने मजबूर हैं। वार्ड के अंदर पानी, सड़क जैसी समस्या वर्षों से बनी हुई हैं लेकिन समाधान नहीं किया जा सका। सरकार बदली, नेता बदले नहीं बदली तो इस वार्ड की तस्वीर ऐसे में सरकार के विकास के दावे खोखले साबित हो रहे है।
बरसात के मौसम में हालात और बद से बदतर हो गए है। जबकि वार्डवासियों ने इस मुद्दे को लेकर अनेकों बार पार्षद से लेकर अध्यक्ष, सीएमओ सहित जिम्मेदार अधिकारियों को अवगत कराया परंतु कोई नहीं सुनता। यहां की स्थिति के बारे में नगर परिषद के जिम्मेदार भलीभांति परिचित है बावजूद इसके समस्या का समाधान अब तक नहीं हो पाया है। इसी के चलते वार्डवासियों में नगर परिषद की गतिविधियों को लेकर काफी नाराजगी भी है।
सुविधाओं से है मोहताज
वार्ड में निवासरत प्रदीप कुशवाहा, नर्वदा कुशवाहा, मुन्नालाल कुशवाहा, नारायण कुशवाहा, हल्के कुशवाहा, हरीराम कुशवाहा, हरिकिशन कुशवाहा ने बताया बेगवा ग्राम को वार्ड क्रमांक 15 का दर्जा तोे हैं लेकिन उन्हें संसाधन नाम मात्र को भी नहीं दिया जाता। आज भी यहां के लोग मूलभूत सुविधाओं के अभाव में ग्रामीण क्षेत्र से बदतर जीवन जीने को मजबूर है। उनके लिए न तो सड़क बनाई गई हैं और न ही पेयजल की उचित व्यवस्था है। ग्रामीणों को पीने के पानी की किल्लत का सामना करना पड़ रहा है। मूलभूत सुविधाओं से जूझते इस मोहल्ले की ओर जनप्रतिनिधियों का बिल्कुल भी ध्यान नहीं है।
कीचड़ में तब्दील सड़क
जरा सी बारिश में सड़क कीचड़ इतनी है कि पैदल निकलना भी दूभर हो गया है। स्कूल जाने वाले बच्चों को परेशानी होती हैं। जबकि बारिश के समय इस मोहल्ले में बीमार होने वाले किसी भी व्यक्ति का उपचार कराना मुष्किल हो जाता है। दरअसल कीचड़ और उबड़-खाबड़ वाला रास्ता होने से वाहन चालक मोहल्ला तक आने के लिए तैयार नहीं होते। वही वार्डवासियों को शहरीय बिजली प्रदाय का लाभ नहीं मिल पा रहा है इस वार्ड में अभी तक ग्रामीण बिजली प्रदाय से ही जोडा गया है। वार्डवासियों का कहना है कि अब नगरीय निकाय में जुड़ने के बाद भी मूलभूत सुविधाओं को तरस रहे है। हम लोगों से टेक्स तो नगरीय निकाय क्षेत्र का लिया जाता है और सुविधाओं के नाम पर ग्रामीण क्षेत्र से बदतर है।
इस संबंध में मुख्य नगर पालिका अधिकारी राजेन्द्र शर्मा का कहना है कि संबंधित ठेकेदार को अनुबंध संपादन के लिए पत्र जारी किए गए, संबंधित ठेकेदार द्वारा अनुबंध न करने कारण ठेकेदार की जमा अमानत राशि नगर परिषद द्वारा राजसात कर ली गई है, साथ ही ठेकेदार को किसी भी निविदा लेने से तीन साल के लिए वंचित कर दिया।