कैसे स्कूल चले हम, पानी, कीचड़ पार करके पढ़ने जाने मजबूर स्कूली बच्चे
कब होगा निदान चार वर्ष से अधिक हो गए स्कूल का संचालन होते
ब्यूरो चीफ : मनीष श्रीवास
जबलपुर । जिले का ऐसा भी स्कूल जहां जाने के पहले छात्र छात्राओं को कीचड़ पानी भराव से निकल कर स्कूल तक पहुंचना पड़ता हैं। पनागर नगर पालिका क्षेत्र की हैं। जो लगभाग 10 वर्षो से अधिक समय बीत चुका होगा लेकिन आम जन की समस्याओं का निदान तो दूर शासकीय विद्यालय में जाने वाले रास्ते तक का निदान नहीं हो पाया।
पनागर स्थित देवरी बजरंग वार्ड में 4 वर्ष पूर्व बने हाई स्कूल देवरी खुर्द में स्कूल में आने जानें छात्र छात्राओं को बारिश में अधिक समस्या तो हो ही रही हैं। यहा पर आवागमन के रास्ते में पानी भराव अधिक हो जाने से छात्र छात्राओं की उपस्थिति भी कम हो जाती हैं। जो भी छात्र यहां पढ़ने वाले हैं वे लगभग 10 गांव सहित कई वार्डो के बच्चे इस विद्यालय में अध्ययन के लिए आते हैं पर उन्हें इस रास्ते को पार करने के लिए समस्या से गुजरना पड़ता हैं। जिसकी वजह से कभी भी कोई बड़ी दुर्घटना घट सकती हैं।
हाई स्कूल देवरी खुर्द में 200 से अधिक बच्चे अध्ययनरत हैं। कीचड़ को देखते हुए बारिश में बच्चों की उपस्थिति कम हो जाती है।
4 वर्ष पूर्व बने हाई स्कूल देवरी खुर्द में आवागमन रास्ते को लेकर जिला मुख्यालय से लेकर स्थानीय प्रशासन को लिखित रूप से आवेदन पत्र लिख कर भेजा गया था। लेकिन आज दिनाक तक कोई भी व्यवस्था नहीं हो पाई।
स्कूल के शिक्षको ने बताया कि नगर पालिका क्षेत्र पनागर, तहसीलदार पनागर, ज़िला क्लेक्टर एवं शिक्षा विभाग को इस बारे में जानकारी दी गई थी। साथ ही लिखित रूप से आवेदन पत्र भी दिया जा चुका है। पर स्थित आज सामने नजर आ रही हैं।
इस स्कूल में देवरी खुर्द के साथ साथ पड़री, मोहारी, ईमलाई, तिवारी खेड़ा, रैपरा सहित आसपास के लगे 10 किलोमीटर दूर तक के बच्चे स्कूल पढ़ने आते हैं।
स्कूल आने जानें का एक ही रास्ता – देवरी खुर्द में बने स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों को एक ही रास्ता से गुजरना पड़ता है जो कि तीन पुलिया सीवर से पानी निकासी होती हैं और पानी निकलने पर कीचड़ में बदल जाती हैं।
शिक्षक आरके सोनी ने बताया कि हमारे हाई स्कूल देवरी खुर्द में स्कूल आने जानें के लिए छात्र छात्राओं को बारिश में होने वाली समस्या को जिला मुख्यालय से लेकर स्थानीय प्रशासन को अवगत कराया गया था लेकिन आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई।
शिक्षिका रंजना श्रीवास्तव ने बताया कि पूरा शिक्षक स्टाप इस समस्या को लेकर जिला मुख्यालय गया हुआ था लेकिन कोई भी व्यवस्था आज दिनाक तक नहीं हो पाई है। आज भी बच्चे पानी भराव और कीचड़ के रास्ते स्कूल पढ़ने आ रहे हैं।