मध्य प्रदेश

शादियों में टूट रहे नियम, कैसे रोकेंगे हम तीसरी लहर

फिर वही लापरवाही: जिले में दी गई छूट बन सकती है जान की दुश्मन

रिपोर्टर : शुभम साहू
सिलवानी
भले ही हम एक दिन के टीकाकरण का रिकार्ड बनाकर गौरांवित महसूस कर रहे हों, लेकिन हमारी असावधानियां हमें मुसीबत में डाल सकती हैं। जिले में मिली अनलाॅक की छूट अब जान की दुश्मन बन सकती है।
बाजार, हाट बाजार के साथ ही भीड़ नगर में उमड़ रही है। प्रोटोकाॅल वाली शादियों के हैं, उसमें भी हर दिन नियम टूट रहे हैं। ऐसे में हम आखिर कैसे खुद को तीसरी लहर से बचा पाएंगे। खास बात यह है कि हमें खुद ही सतर्क रहना होगा अन्यथा तीसरी लहर से बच नहीं पाएंगे। खतरे का अंदेशा इसी से लगाया जा सकता है कि हमारे नजदीक ही भोपाल में कोरोना वायरस का डेल्टा वेरिएंट आ चुका है। उसका खतरा बरकरार है, वह कभी भी यहां स्प्रेड हो सकता है, इसलिए सावधानी बेहद जरूरी है।
डर के साथ बेहतर टीकाकरण ही हमें बचाएगा
कोरोना की दूसरी भयावह लहर के जैसे ही तीसरी लहर से भी हमें डरना होगा, अन्यथा हमें दिक्कत आ सकती है। यह डर ही हमें बचाकर रखेगा। इस डर के साथ ही बेहतर टीकाकरण हमें बचाएगा। इसके लिए यह जरूरी है कि सबसे पहले हम खुद टीका लगवाएं दूसरों को भी लगवाने का बोलें। यदि हम खुद लगवा लेंगे और हमसे मिलने वाला नहीं लगवाएगा तो भी खतरा बराबर ही है। संक्रमण की चैन तोड़ने के लिए ज्यादा से ज्यादा टीके लगवाने की जरूरत है।
यूं हो रही लापरवाही, जिस पर अंकुश नहीं
कहने को कलेक्टर के अनलाॅक के आदेश में हाट-बाजार बंद हैं, लेकिन वे कागजों तक ही सीमित हैं। बाजार में उमड़ने वाली भीड़ को लेकर नो मास्क नो सामान का रूल हैं, लेकिन दुकानों पर लागू नहीं हो रहा है। फालतू घूमने वालों की संख्या में भी कमी नहीं आई। कई लोग अभी भी टीका नहीं लगवा रहे। ये लापरवाहियां हमें महंगी पड सकती है। कोरोना का प्रकोप क्या कम हुआ लोग शादियों में आने जाने लगे हैं। इन सभी पर अंकुश नहीं लग पाने से भी दिक्कत आ रही है।
हर जगह प्रशासन नहीं बचाएगा आपको?
मास्क नहीं पहने तो चालान… भीड़ में गए तो चालान… फालतू बाहर निकले तो चालान… और अब टीका नहीं लगवाने पर भी सख्ती। कुल मिलाकर प्रशासन ने सख्ती के साथ समझाइश तक में योगदान दिया लेकिन आपकी, हमारी और हम सभी की जान बचाने का ठेका भी प्रशासन ने नहीं ले रखा है। या यूं कहें कि यह हमारी खुद की नैतिक जिम्मेदारी है। प्रशासन हर जगह रोके यह भी जरूरी नहीं है। हमें खुद संभलना, सुधरना होगा तभी हम कोरोना से जंग जीत पाएंगे।

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