रिजर्व फारेस्ट क्षेत्र में बड़े पैमाने पर बेशकीमती सागौन की अवैध कटाई, वन विभाग उदासीन,
ग्राम सर्रा से लगे जंगल मे हर बीस कदम पर ठूंठ ही ठूंठ, विभागीय अमले की कार्यप्रणाली संदेहास्पद
वन ग्राम सुआगढ़ में सागौन के पेड़ जलाकर वन भूमि पर अतिक्रमण,
रिपोर्टर : राकेश गौर, गैरतगंज।
गैरतगंज। सामान्य वन मंडल रायसेन के वन परिक्षेत्र गढ़ी में बड़े पैमाने पर सागौन की अवैध कटाई का मामला सामने आया है। लकड़ी तस्करों ने बेशकीमती सागौन के बड़े बड़े वृक्षों को धारदार हथियार की मदद से अपना निशाना बनाया है। हैरान कर देने वाली बात तो यह है कि मामला ग्राम सर्रा के पास रिजर्व फॉरेस्ट क्षेत्र का है जहां लंबे समय से इस प्रकार से लकड़ी कटाई को अंजाम दिया जा रहा है । अब हालात यह है कि हर बीस कदम पर सागौन के बचे ठूंठ ही ठूंठ नज़र आ रहे है। वही इसी क्षेत्र से लगे हुए ग्राम सुआगढ़ में बड़े पैमाने पर वनभूमि पर अतिक्रमण हुआ है तथा यहाँ खड़े पेड़ो को जलाकर बलि दे दी गई है। इस सबके बावजूद वन विभाग की पूरे मामले में ध्यान नही देना वनमाफ़िया से मिलीभगत का संदेह पैदा कर रही है।
वन परिक्षेत्र गढ़ी के अंतर्गत आने वाले ग्राम सर्रा से लगे कम्पाउंड नम्बर आरएफ 103 किले वाले क्षेत्र सहित आसपास के क्षेत्र में बड़े पैमाने पर बेशकीमती सागौन की अवैध कटाई को अंज़ाम दिया गया है। पूरे मामले की स्थानीय स्तर पर मीडियाकर्मियों को सूचना मिलने पर जब मौके पर पहुंचा गया तो सागौन के बड़े बड़े पेड़ो को निशाना बनाकर बड़े स्तर पर काटा गया है। कई स्थानों पर ताज़ी कटाई के बाद ज़िंदा ठूंठ देखे गए। इस क्षेत्र मे कई स्थानों पर सागौन की लकड़ी भी कटी हुई अवस्था मे मिली। यहां ज़िंदा सागौन के ठूठों की बात की जावे तो 1 से 2 किमी के क्षेत्र में सैकड़ों ठूठों को आसानी से देखा जा सकता है। वही सैकड़ो की संख्या में पुराने ठूंठ देखे जा रहे है। इनमे से कई सागौन के ठूँठो पर वन विभाग द्वारा नंबर भी दर्ज़ किए गए है अनुमान लगाया जा रहा है कि इस क्षेत्र में बीते 1 वर्ष से अधिक समय से अवैध सागौन कटाई एवं बाहरी क्षेत्रों में परिवहन का गौरखधंधा चल रहा है। यह भी पता चला हा की इस क्षेत्र से लगे ग्रामीणो को वन अमले द्वारा शिकायत नही करने के लिए डराया धमकाया जाता है तथा झूठे मामले मे फँसाने का दबाब बनाया जाता है जिससे इन मामलो का पता किसी को नही चल पाता है।
जंगल के रास्ते में मिले चार पहिया वाहनो के निशान
ग्राम सर्रा से 1 किमी की दूरी पर जंगली क्षेत्र लग जाता है। तथा सभी तरह के रास्ते बंद हो जाते है। परंतु जिस क्षेत्र में सागौन की कटाई की गई है वहां बड़े चार पहिया वाहन आने जाने के लिए रास्ते बने हुए है ताकि आसानी से वाहनो में धारदार हथियार एवं मशीनों को जंगल के अंदर ले जाकर पेड़ो की कटाई की जा सके तथा बाद में उसे भरकर लाया जा सके। इस रास्ते पर भी बड़े चार पहिया वाहनों के ताज़े निशान भी देखे गए।
वनपट्टे हाँसिल करने बड़े पैमाने पर वनभूमि पर अतिक्रमण
वन ग्राम सुआगढ़ में बड़े पैमाने पर वनभूमि पर अतिक्रमण किया गया है। यहां शासन के वनमित्र योजना के तहत वर्षो से काबिज लोगो को उनके भरण पोषण के लिए वन पट्टे प्रदान किये गए है। इसी योजना के लाभ के लिए सुआगढ़ वन चौकी से 500 मीटर दूरी पर बड़े पैमाने पर वनों का सफाया कर मैदान में तब्दील कर दिया गया है। विभागीय अधिकारियों की।मिलीभगत से चल रहे इस गोरखधंधे में बेशकीमती सागौन सहित अन्य पेड़ो को बेरहमी से जलाया गया है तथा अपना कृत्य छुपाने बचे ठूठों को पत्थरों से ढक दिया गया है। मौके पर दर्जनों वृक्षों को आग से जली अवस्था मे आसानी से देखा जा सकता है।
डिप्टी रेंजर को डबल चार्ज देना दे रहा संदेह को जन्म
पता चला है कि सर्रा के पास स्थित बीट में कार्य करने वाले डिप्टी रेंजर को 30 किमी दूर देवनगर का अतिरिक्त चार्ज भी दिया गया है जिसके चलते क्षेत्र पर निगरानी रख पाना कठिन हो रहा है तथा इसका फायदा लकड़ी तस्करों ने जमकर उठाया। जिससे ये भी संदेह जताया जा रहा है कि डबल चार्ज के बहाने इस पूरे गोरखधंधे को अंजाम दिया गया है। सूत्रों की माने तो वन विभाग के ही कुछ अधिकारी कर्मचारियों एवं खासतौर पर हेल्परो की मिलीभगत से ही सागौन की कटाई एवं इसके परिवहन में सहयोग किया जाता है तथा उन्हें बाजारों में महंगे दामों में बेंचकर खूब पैसा कमाया जा रहा है। तभी तो इतने लंबे समय से हो रही कटाई की भनक वन विभाग के आला अधिकारियों को नही हो पाई या फिर कहे जानबूझकर अंजान बने रहे यह जांच का विषय है।
इस संबंध में वन मण्डल अधिकारी अजय पांडे का कहना है मामले की जानकारी मिली है। पूरे मामले की जांच कराई जाएगी। तथा दोषियो पर सख्त कार्यवाही की जावेगी।
