बस में नर्स द्वारा युवक के साथ मारपीट, वायरल वीडियो मामले में लोगो ने रनेह थाने का घेराव कर 5 घंटे तक किया प्रदर्शन
ब्यूरो चीफ : भगवत सिंह लोधी
हटा । रनेह स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थ नर्स द्वारा यात्री बस में युवक के साथ मारपीट वीडियो वायरल के मामले में विवाद थमता नजर नही आ रहा, ओबीसी वर्ग के नेतृत्व में हजारों की संख्या में लोगो ने आज रनेह थाने का घेराव कर जमकर प्रदर्शन किया और पुलिस के खिलाफ नारेबाजी कर अपनी मांगे बुलंद की।
पुलिस प्रशासन और सिस्टम के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगो ने मांग की गर्भवती महिला के पति महेंद्र सिंह के साथ मारपीट गालीगलौज करने वाली रनेह स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थ नीलिमा यादव को बर्खास्त किया जाए। मामले में झूठी एफआईआर दर्ज करने वाले रनेह थाना प्रभारी और पुलिस को सस्पेंड किया जाए,
पीड़ित महेंद्र सिंह लोधी पर दर्ज एफआईआर रद्द करने सहित जिस बस में घटना को अंजाम दिया गया उसका परमिट रद्द करने की भी मांग प्रदर्शन के दौरान रखी गई । प्रदर्शन के दौरान हटा विधायक के बेटे भी प्रदर्शनकारियों के बीच पहुंचे और सामंजस्य बनाने का प्रयास किया लेकिन प्रदर्शनकारियों के विरोध का सामना करना पड़ा इसी दौरान हटा विधायक मुर्दाबाद के नारे भी लगाए गए
प्रदर्शन की सूचना पर अपर कलेक्टर मीना मसराम, एसडीएम हटा राकेश मरकाम, एडिशनल एसपी संदीप मिश्रा, एसडीओपी प्रशान्त सिंह सुमन के साथ अधिकारी और कई थानों के पुलिस बल मौजूद रहा। बता दें कि पिछले दिनों यात्री बस में युवक महेंद्र लोधी के साथ नर्स द्वारा मारपीट का वीडियो वायरल हुआ था उसके बाद नर्स की रिपोर्ट पर रनेह थाना पुलिस ने पीड़ित महेंद्र सिंह के ही विरुद्ध छेड़छाड़ की धाराओं में मामला दर्ज किया था जबकि पीड़ित महेंद्र अपनी गर्भवती पत्नी का इलाज कराने अस्पताल पँहुचा था जिसके बाद यह पूरा बबाल खड़ा हुआ है ऐसे में दमोह पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाने वाली यह बात गंभीर है। अगर पुलिस की कार्रवाई हंगामे के बाद ही होती है, तो इससे उनकी जिम्मेदारी और प्रभावशीलता पर संदेह पैदा होता है। पुलिस को पहले से ही कार्रवाई करने और ऐसे धरना प्रदर्शन को रोकने के लिए कदम उठाने की आवश्यकता है। ताकि जनता का विश्वास पुलिस की कार्यशैली पर बना रहा और धरना प्रदर्शन करने की जरूरत न पड़े।