जिनवाणी की निकली शोभायात्रा, बालिकाओं ने रास्ते भर किया गरबा

पूरे शहर में तोरण द्वार सजाए गए, जगह.जगह सर्व समाज के लोगों ने किया स्वागत, पूजन व दर्शन किए
स्वास्थ्य राज्य मंत्री, विधायक व पूर्व विधायक हुए कार्यक्रम में शामिल, जिनवाणी की उतारी आरती
तारण स्वामी के 25 हजार अनुयाई बने चल समारोह के साक्षी,
कौमी एकता का नजारा चल समारोह में देखा गया
सिलवानी । शनिवार को श्री जिनवाणी जी अस्थाप, वेदी प्रतिष्ठा कलशारोहण व तिलक महामहोत्सव के द्वितीय दिवस तारण तरण जैन समाज द्वारा चांदी की पालकी में श्री जिनवाणी की विशाल शोभायात्रा निकाली। यह कार्यक्रम स्थल समवशरण पंडाल मॉ कर्मा मैदान से प्रारंभ होकर नगर के मुख्य मार्गों से होते हुए श्री तारण तरण दिगंबर जैन चैत्यालय हौली चौक पहुंची, जहां पर धार्मिक अनुष्ठानों के साथ मुख्य वेदी जी एवं सभी शिखरों का कलशारोहण हुआ। संपूर्ण आयोजन में भक्ति एवं आध्यात्म का सुंदर समायोजन देखने को मिला। इसमें सारे भारतवर्ष से आए तारण तरण समाज के लोग मौजूद थे। समवशरण मंडप में प्रभात फेरी, मंत्र जाप एवं प्रवचन के बाद श्री पालकी शोभायात्रा प्रारम्भ हुई। इसमें रजत पालकी में तारण स्वामी द्वारा ग्रंथ मॉ जिनवाणी को विराजमान किया गया था। इसे श्रद्धालु अपने कंधे पर उठाकर चल रहे थे। सभी वेदीसूतनकर्ता सौभाग्यशाली भी शामिल रहे। यात्रा मार्ग में विभिन्न स्थानों पर नगर के कई सामाजिक, राजनैतिक, व्यापारिक संगठनों, जनप्रतिनिधियों ने पालकी जी की आरती उतारी व लोगों पर अक्षत वर्षा की। पालकी की अगवानी के लिए पूरे मार्ग भर में द्वार सजाए गए थे। नगर वासियों ने अपने घरों और प्रतिष्ठानों के बाहर तोरण द्वार सजाकर रंगोली बनाई थी। शोभायात्रा में शामिल श्रद्धालुओं को पानी पिलाकर उनका स्वागत किया।
भजनों पर नाचे श्रद्धालु
शोभायात्रा में चल रहे संगीतकारों द्वारा सुंदर भजन गाए जा रहे थे, जिनकी धुन पर श्रद्धालु नाचते गाते व जयकारा लगाते चल रहे थे। शोभायात्रा में बालिका, महिलाए गरबा कर रही थी। जो आकर्षण का केद्र बनी रही। बेटियों ने सुंदर दिव्य घोष का वादन किया। विभिन्न महिला एवं बालिका मंडल की सदस्यों ने डांडिया गरबा का पूरे अनुशासन और सादगी के साथ प्रस्तुतीकरण किया। शोभायात्रा एवं कलशारोहण के बाद रात्रि में भक्ति और प्रवचन के बाद सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन हुआ। इस कार्यक्रम में दूर. दूर से जैन समाज के श्रद्धालु धर्म लाभ लेने शामिल हुए।
शोभायात्रा में इतिहास रत्नाकर बाल ब्रह्मचारी बसंत महाराज, बाल ब्रह्मचारी आत्मानंद महाराज, बाल ब्रम्हचारी शांतानंद महाराज, ब्रह्मचारी धर्मेंद्र भैया सहित कई साधक साधिकाएं शामिल थे। साधकों ने अपने प्रवचन में वेदी प्रतिष्ठा एवं कलशारोहण का महत्व समझाया। चल समारोह कार्यक्रम में देश भर से आए करीब 25 हजार तारण स्वामी के अनुयाईयों के द्वारा सहभागिता की गई।
शोभायात्रा में चल रहे संगीतकारों के द्वारा सुंदर भजन गाए जा रहे थे। जिनकी धुन पर श्रद्धालु नाचते गाते जयकारा लगाते चल रहे थे। चहुंऔर जो जहां था वहीं भक्ति में लीन रहा। शोभा यात्रा में दिव्यघोष का वादन प्रस्तुत किया। वही विभिन्न महिला एवं बालिका मंडल की सदस्याओं ने डांडिया गरबा का प्रस्तुतीकरण किया। शोभायात्रा एवं कलशारोहण के बाद रात्रि में भक्ति और प्रवचन उपरांत सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन हुआ। इस भव्य कार्यक्रम में दूर.दूर से जैन समाज के श्रद्धालु धर्म लाभ लेने पहुंचे।
स्वास्थ्य राज्य मंत्री, विधायक व पूर्व कैबिनेट मंत्री हुए शामिल –
उक्त कार्यक्रम में स्वास्थ्य राज्य मंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल, क्षैत्रीय विधायक देवेंद्र पटेल तथा पूर्व कैबिनेट मंत्री रामपालसिंह भी शामिल हुए। सभी जन प्रतिनधियो का अखण्ड दिबंगर जैन समाज ने स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मान किया। जन प्रतिनिधियो ने मॉ जिनवाणी की आरती उतार कर देश दुनिया की सुख समृद्वि की कामना की तथा धर्म के प्रति अपनी आस्था को प्रदर्षित किया।
कौमी एकता का दिखा नजारा –
जैन समाज के चल समारोह का हिंदु संगठनो विहिप, वजरंग दल, हिउस, मुस्लिम समाज, नगर परिषद, राजनैतिक दलो सहित अन्य संगठनो ने स्वागत कर कौमी एकता का उदाहरण प्रस्तुत कर हम सब एक है का संदेश दिया।
