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मकर संक्राति पर्व 14 जनवरी को है, पूजा का शुभ मुहूर्त, महत्व, दान, पुण्य काल और सरल रूप में पूजन विधि के बारे में जानिए

Astologar Gopi Ram : आचार्य श्री गोपी राम (ज्योतिषाचार्य) जिला हिसार हरियाणा मो. 9812224501
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🪁 मकर संक्राति पर्व 14 जनवरी को है, पूजा का शुभ मुहूर्त, महत्व, दान, पुण्य काल और सरल रूप में पूजन विधि के बारे में जानिए
🪶 2025 : प्रतिवर्ष की तरह वर्ष 2025 में मकर संक्राति पर्व 14 जनवरी को मनाया जा रहा है। धार्मिक मान्यता के अनुसार यह सूर्यभगवान और शनिदेव का त्योहार क्योंकि शनिदेव की की मकर राशि में सूर्यदेव का इस दिन गोचर होता है। और, इस दिन पर सूर्य दक्षिणायन पक्ष छोड़कर उत्तरायणपथ से निकलकर गमन करते हैं। इस दिन से दिन बड़े होने लगते हैं। इस दिन व्रत और दान यानी विशेष कर तिल के दान का काफी महत्व माना गया है। इस दिन पूजा करने के बाद जब तक गाय और गरीबों को दान नहीं दिया जाता, तब तक व्रत रखना चाहिए। इस दिन पूजा के बाद तिल-गुड़ की मिठाइयां बांटते हैं।
🌞 सूर्य 14 जनवरी मंगलवार को सुबह 09:03 बजे मकर राशि में प्रवेश करेगा।
🤷🏻 मकर संक्रांति का पुण्य काल- सुबह 09:03 से शाम 05:46 तक।
👉🏼 मकर संक्रांति का महा पुण्य काल- सुबह 09:03 से सुबह 10:48 तक।
⚛️ शुभ मुहूर्त:-
▪️ अमृत काल: प्रात: 07:55 से सुबह 09:29 बजे तक।
▪️ अभिजीत मुहूर्त: दोपहर 12:09 से दोपहर 12:51 तक।
▪️ विजय मुहूर्त: दोपहर 02:15 से दोपहर 02:57 तक।
▪️ गोधूलि मुहूर्त: शाम 05:43 से शाम 06:10 तक।
📗 मकर संक्रांति पूजा विधि_
🔸 संक्रांति के दिन पुण्य काल में दान, स्नान व श्राद्ध करना शुभ माना जाता है।
🔹 इस दिन तीर्थों में या गंगा स्नान और दान करने से पुण्य प्राप्ति होती है।
🔸 मकर संक्रांति के दिन पावन नदियों में श्रद्धापूर्वक स्नान करें।
🔹 इसके बाद, पूजा-पाठ, दान और यज्ञ क्रियाओं को करें।
🔸 प्रातःनहा-धोकर भगवान शिव जी की पूजा तेल का दीपक जलाकर करें।
🔹 भोलेनाथ की प्रिय चीजों जैसे धतूरा, आक, बिल्व पत्र इत्यादि को अर्पित करें।
🔸 भविष्यपुराण के अनुसार सूर्य के उत्तरायन या दक्षिणायन के दिन संक्रांति व्रत करना चाहिए।
🔹 इस व्रत में संक्रांति के पहले दिन एक बार भोजन करना चाहिए।
🔸 संक्रांति के दिन तेल तथा तिल मिश्रित जल से स्नान करना चाहिए।
🔹 इसके बाद सूर्य देव की स्तुति करनी चाहिए। ऐसा करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है।
🔸 संक्रांति के पुण्य अवसर पर अपने पितरों का ध्यान और उन्हें तर्पण अवश्य प्रदान करना चाहिए।
🔹 सूर्यदेव को अर्घ्य दें। आदित्य हृदय स्तोत्र का 108 बार पाठ करें।
🔸 मकर संक्रांति के शुभ मुहूर्त में सिद्ध सूर्य यंत्र को सूर्य मंत्र का जप करके पहनने से सूर्यदेव तरक्की की राह आसान बना देते हैं।
🔹 तिल युक्त खिचड़ी, रेवड़ी, लड्डू खाएं एवं दूसरों को भी खिलाएं।
🔸 ब्राह्मण को गुड़ व तिल का दान करें और खिचड़ी खिलाएं।
🔹 वेदों में वर्जित कार्य- जैसे दूसरों के बारे में गलत सोचना या बोलना, वृक्षों को काटना और इंद्रिय सुख प्राप्ति के कार्य इत्यादि कदापि नहीं करना चाहिए।
🔸 जरूरतमंद को कंबल, वस्त्र, छाते, जूते-चप्पल इत्यादि का दान करें।

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