रैरा की लेटलतीफी…..100 करोड़ के प्राइवेट प्रोजेक्ट, दस महीने से पेंडिंग

तमाम प्रतिक्रियाऐं होने के बाद भी नहीं मिल पा रही डेवलपमेंट की अनुमति भोपाल तक भटक रहे रायसेन जिले के बिल्डर, उनकी नहीं हो पा रही कोई सुनवाई बोले शिवराज सरकार रेरा के मामले में हो रही फेल
रिपोर्टर : शिवलाल यादव, रायसेन।
रायसेन। रैरा की लेटलतीफी की वजह से रायसेन शहर सहित जिलेभर के कॉलोनाइजर और बड़े बिल्डरों के जिले में लगभग 100 करोड़ रुपये के हाउसिंग प्रोजेक्ट को परेशानी में डाल दिया है। मनमानी और लापरवाही का आलम यह है कि पिछले दस महीनों से बिल्डर आवेदन कर वह अपने किए पर पछता रहे हैं। उनको अब प्रदेश की शिवराज सरकार पर मानो तो अब बिल्कुल भरोसा ही नहीं रहा है। बिल्डर शिवराज सरकार पर आरोप लगाते हुए बोले कि रैरा के मामले में हम यकीन के साथ कह सकते हैं कि रैरा के मामले में शिवराज सरकार फेल नजर आने लगी है। उनका यह भी कहना है कि पिछले 10 महीने बीत जाने के बाद आवेदन करने के बाद रायसेन शहर सहित जिलेभर के कॉलोनाइजर, बिल्डर भोपाल की तरफ दौड़ लगा रहे हैं। लेकिन इस मामले में न तो विभागों में तमाम फाइलें व कागजी खानापूर्ति पूरी करने के बावजूद न तो प्रोजेक्ट की फ़ाइल आगे बढ़ पा रही है। वास्तव में सबसे बड़ा नुकसान उन लोगों को हो रहा हैजो अपने सपनों के घर का सपना संजोए बैठे हैं। जबकि वे हाउसिंग प्रोजेक्ट में बिल्डरों को एडवांस रकम जमा कर चुके हैं।
पिछले एक साल से कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के चलते सभी व्यापारिक गतिविधियों पर बुरा असर पड़ा है। लेकिन रियल स्टेट कारोबार ही सिर्फ ऐसा हैं। फिलहाल इसमें उछाल आया है। कोरोना कर्फ्यू के हटते ही उप पंजीयक कार्यालय में रिकार्ड रजिस्ट्रियां हुई हैं। इस साल भी 1 जून से कोरोना कर्फ्यू के हटते ही अनलॉक लागू होने के बाद हालात यह है किये शासन द्वारा निर्धारित किए गए स्लॉट उप पंजीयक कार्यालयों में कम पड़ने लगे हैं। लेकिन शहर सहित जिले के बिल्डरों के बड़े प्रोजेकटों को शासन से अनुमति नहीं मिल सकी है। सूत्रों के मुताबिक अब तक लगभग 100 करोड़ के हाउसिंग प्रोजेक्ट अटके हुए हैं।
इसका यह असर हुआ है….
बैंक लोन लेना हुआ मुश्किल
शासन स्तर पर जब तक बिल्डरों को रैरा की अनुमति जब तक नहीं मिल पाती है तब तक बैंक लोन लेना बड़ा मुश्किल हो रहा है। रायसेन नगर की कई बैंकों ने हितग्राहियों को रैरा की बगैर हाउसिंग अनुमति के बिना लोन देने से मना कर दिया है।
एडवांस की राशि फंसी….
हितग्राहियों की राशि एडवांस में फंसी हुई है। वहीं अपने सपनों के घरों में लोग शिफ्ट होने का सपना संजोए हुए हैं।वे पिछले एक साल से घरों में शिफ्ट होने का इंतजार कर रहे हैं।
आसमान छू रहे वैध कालोनियों में फ्लैट के दाम
नए हाउसिंग प्रोजेक्टों को अनुमति नहीं मिलने के कारण वैध कालोनियों में जमीन और फ्लैटों की कीमत आसमान छूने लगी हैं। शहर में गिनी चुनी ही वैध कालोनियां हैं।
अवैध कालोनियों की आई बाढ़
रायसेन शहर में अफसरों की अनदेखी के चलते वैध कालोनियों की अनुमति मिलने में हो रही देरी के कारण अवैध कालोनियों की बाढ़ सी आ गई है। शहर के हरेक छोर पर इन दिनों अवैध कॉलोनियों का जाल सा बिछा हुआ है।चाहे रायसेन नगर हो या जिले के कस्बा तहसीलों में भी कुछ ऐसे ही हालात बने हुए हैं। स्थानीय प्रशासन के अधिकारियों को सिर्फ बिल्डरों से काली कमाई वसूलने से मतलब है।
इस संबंध में एल.के. खरे एसडीएम रायसेन का कहना है कि शासन स्तर पर कई हाउसिंग प्रोजेक्ट रैरा की परमिशन के इंतजार में भोपाल के दफ्तरों में लंबित है। रैरा से अनुमति मिलने के बाद रायसेन ज़िला प्रशासन भी प्रोजेक्टों को जल्द हरी झंडी दे देगा।
मुल्ला लियाकत अली, बिल्डर रायसेन का कहना है कि नए प्रोजेक्टों की अनुमति का सालभर से बेसब्री से इंतजार है। कई दफे शिकायतें कर चुके हैं। लेकिन फिलहाल कोई सुनवाई नहीं हो पा रही है। जिससे हाउसिंग प्रोजेक्ट परमीशन के अभाव में अटके हुए हैं।