यज्ञनारायण की परिक्रमा करने से तीर्थों के दर्शन का पुण्य प्राप्त होता है : रेवाशंकर शास्त्री
यज्ञ में दान करने से धन पवित्र होता श्रम करने से तन पवित्र होता है। यज्ञ में आहुति देने से मन पवित्र होता है
सिलवानी । सिलवानी से महज 8 किलोमीटर दूरी पर स्थित ग्राम पंचायत साईखेड़ा के प्राचीन श्रीराम जानकी मंदिर सोजनी धाम मे सप्त दिवसीय श्री राम कथा के साथ श्रीराम महायज्ञ का आयोजन समस्त ग्राम वासीयो एव क्षेत्रवासी द्वारा किया जा रहा सप्त दिवसीय श्रीराम महायज्ञ के चौथे दिवस पर यज्ञ आचार्य रेवाशंकर शास्त्री ने श्रद्धालुओं को यज्ञ की महिमा बताते हुए कहा कि यज्ञ भारतीय संस्कृति का प्रमुख अंग है । सनातन धर्म में प्रति दिन यज्ञ करने की बात कही है । वर्तमान समय में समयाभाव के कारण यह संभव नहीं है। लेकिन जीवन में प्रत्येक सनातन प्रेमी को यज्ञ में प्रतिवर्ष सम्मिलित होना ही चाहिए क्योंकि यज्ञ से श्रेष्ठ कोई दूसरा धर्म नहीं है । यज्ञ में दान करने से धन पवित्र होता है । यज्ञ में श्रम करने से तन पवित्र होता है। यज्ञ में आहुति देने से मन पवित्र होता है । यज्ञनारायण की परिक्रमा करने से तीर्थों से दर्शन का पुण्य प्राप्त होता है इस हेतु एक का सर्वोत्तम साधन है मुक्ति का ।
यज्ञ आचार्य रेवाशंकर शास्त्री ने कहा कि यज्ञ में समस्त देवताओं का आह्वान किया गया है। यज्ञ सदैव विश्व कल्याण की भावना से किया जाता है । यज्ञ सम्पूर्ण संपूर्ण प्राणियों का भौतिक (सांसारिक) आध्यात्मिक शक्ति प्रदान करता है । इस कारण यज्ञ नारायण भगवान मैं पूर्ण श्रद्धा होना चाहिए। हमें सनातन धर्म से सूत्रों का पालन करना चाहिए उससे ही हमें मोक्ष प्राप्त होगा। आज सनातन धर्म को आघात पहुंचाने के लिए अनेकों पंथ चल रहे है। वह हमारे सनातन धर्म को हानि पहुंचाना चाहते हैं लेकिन सनातन धर्म अविनाशी अनंत है जो अनादी काल से चला आ रहा है।