दादा धूनी बालो का मंदिर समाधि स्थल खंडवा में बने, रायसेन में हस्ताक्षर अभियान जारी
रायसेन। नरसिंगपुर जिले के साँईखेड़ा में दादा धूनी बाले की जन्मस्थली है, उदयपुरा सहित सम्पूर्ण रायसेन जिले में दादा धूनी बालो का, खंडवा में संगमरमर के सफेद पत्थरों से भव्य मंदिर बने इसके लिये बुधवार को रायसेन जिले के उदयपुरा में बाबा की शोभायात्रा निकाली गयी और हस्ताक्षर अभियान भी चलाया गया।
रायसेन जिले के उदयपुरा में बुधवार को दादा धूनी दरबार के भक्तो द्वारा, दादा धूनी बाले की भव्य शोभायात्रा निकाली गई जो नगर के विभिन मार्गो से निकली बही दादा के भक्तो ने बाबा के समाधि स्थल खंडवा में संगमरमर के 84 खम्बो के साथ भव्य मंदिर का निर्माण कराया जाए इसके लिये आज शोभायात्रा निकाली और माँग की, की एक ट्रस्ट के द्वारा मंदिर निर्माण नही कराया जा रहा है।सनातन की दृष्टि से दादा धूनी वाले का पांचवा विशालधाम हैं खंडवा में। बाबा के परम भक्त राजेन्द्र रघुवंशी ने बताया कि नरसिंगपुर जिले के साईंखेड़ा में दादा धूनी वाले की लीला स्थल है और खंडवा में समाधि स्थल है। अंग्रेज भी दादा धूनी बालो के सामने नतमस्तक रहते थे। अंग्रेजो ने भी दादा की कई परीक्षाए ली लेकिन असफल हुए अंग्रेज और दादा के सामने झुक गए थे। अंग्रेजो द्वारा भेंट किये वाहन आज भी समाधि स्थल खंडवा में हैं। वही महात्मा गांधी को दादा धूनी वालो ने अपनी लाठी दी थी जिसके सहारे महात्मा गांधी ने कई आंदोलन किये गए और देश को आजादी दिलाई गई।ऐसे शिव अवतारी दादा धूनी वाले महाराज का समाधि स्थल खंडवा में मंदिर निर्माण के लिए बुधवार को उदयपुरा में शोभायात्रा निकाली गई और हस्ताक्षर अभियान किया जिसमें हजारों लोगों ने हस्ताक्षर किए ।