काली पट्टी बांधकर नियमितीकरण की मांग को लेकर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन कलेक्टर को सौंपा।
रिपोर्टर : शिवलाल यादव, रायसेन।
रायसेन। जिले के विभिन्न विभागों में कार्यरत संविदा कर्मचारी लंबे समय से प्रदेश सरकार से नियमितीकरण की मांग करते आ रहे हैं। संविदा कर्मिचारियों द्वारा 8 जुलाई से काली पट्टी बांधकर विरोध दर्ज कराते हुए ज्ञापनों को माध्यम से मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान को अपना वादा याद दिला रहे हैं। प्रदेश सरकार की वादा खिलाफी से असंतुष्ट संविदा कर्मियों द्वारा चरणबद्ध आन्दोलन किया जा रहा है।
आंदोलन के दूसरे दिन शुक्रवार को जिला पंचायत की विभिन्न शाखाओं में कार्यरत संविदा कर्मियों ने संविदा अधिकार आन्दोलन प्रबंधन समिति के तत्वावधान में काली पट्टी बांधकर नियमितीकरण की मांग को लेकर मुख्यमंत्री के नाम संबोधित ज्ञापन कलेक्टर उमाशंकर भार्गव को सौंपा। ज्ञापन में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के संकल्प को दोहराया कि ‘‘संविदा की व्यवस्था अन्यायपूर्ण है, मैं शोषण की इस व्यवस्था को समाप्त करने के लिए संकल्पित हूं।’’ इसके अलावा ज्ञापन में लेख किया गया है कि संविदा कर्मचारियों को नियमितीकरण करने हेतु अपनी कैबिनेट से पारित एवं सामान्य प्रशासन विभाग के आदेश क्र. सी-5-2/2018/1/3 भोपाल दिनांक 05 जून 2018 से संविदा नीति जारी की गई। साथ ही मुख्यमंत्री द्वारा 22 नवम्बर 2018 को चुनावी कार्यक्रम के दौरान सभी संविदा कर्मियों को नियमित करने की घोषणा की गई थी। लेकिन नियमितीकरण तो दूर की बात, तीन साल बाद भी 5 जून 2018 की संविदा नीति भी लागू नहीं की गई। जबकि कोरोना महामारी के दौरान अल्प वेतन एवं अनुकम्पा नियुक्ति आदि सुविधाओं के अभाव में शासकीय दायित्व निभाए हैं। सरकार की बेरूखी से संविदा कर्मचारियों में असंतोष पनप रहा है। आन्दोलन के अगले चरण में 12 जुलाई को ब्लाॅक स्तर पर एसडीएम को ज्ञापन एवं 13 जुलाई को एक दिवसीय सामूहिक अवकाश लेकर स्तर स्तर पर रैली निकाली जाएगी एवं ज्ञापन दिया जायेगा।
ज्ञापन सौंपने वालों में विनोदसिंह बघेल, अखिलेश द्विवेद्वी, विजय देवरिया, मोहरसिंह गुर्जर, मोहरसिंह भदौरिया, अर्चना राजपूत, सुधीर सोनी, विष्णु प्रसाद, विवेक सूर्यवंशी, गुंजन चौहान, अरविंद सिंह, पवन खत्री, अनूप खलस्तो, शकुंतला चौरसिया सहित अनेक संविदा कर्मचारी शामिल हैं।