प्रभारी मंत्री के जिले में 2 करोड़ के चना मसूर के खरीदी के घोटालेबाजों को नहीं मिली सजा
कहां गुम हो गया सहकारिता व जिले के प्रभारी मंत्री अरविंद सिंह भदौरिया का वह बयान कि सहकारिता में घोटालेबाजों को अब भेजा जाएगा जेल की सलाखों में
रिपोर्टर : शिवलाल यादव, रायसेन
रायसेन। आज भी रायसेन जिले की सोसाइटियों और विपणन संघ में अधिकारी कर्मचारियों द्वारा किए गए लाखों करोड़ों के सहकारिता घोटाले के घोटालेबाज स्वतंत्र घूम रहे हैं। जबकि उनके काले कारनामों के मामले में उनको जेल की हवा खाना चाहिए था।इनमें प्रमुख रूप से खरबई और हिनोतिया महलपुर के लाखों करोड़ों के घोटाले कर समिति प्रबंधक आराम से घूम रहे हैं।
उनकी जांच पर जरा सी भी आंच नहीं आई है। इससे सहकारिता विभाग के उन जांच अधिकारियों पर उंगलियां उठने लगी है जो बिंदुबार जांच की कागजी कार्रवाई में जुटे हुए हैं।
चना मसूर खरीदी में 2 करोड़ की रकम हजम ….
सहकारी विपणन संस्था मर्यादित गैरतगंज में वर्ष 2017-18 में संस्था के अधिकारी कर्मचारियों ने मिलजुलकर समर्थन मूल्य पर चना मसूर खरीदी में 1 करोड़ 92 लाख रुपए का घोटाला कर राशि हड़प ली गई है। इन घोटालेबाजों पर कलेक्टर के आदेश पर सहकारिता महकमे के आला अफसरों ने जांच तो शुरू की। लेकिन अगली जांच की जांच पड़ताल की कार्रवाई की फ़ाइल आखिर कहां गुम हो गई है जिसका कहीं पता नहीं चला है। इस तरह करोड़ों के घोटाले की जांच अधिकारियों की भूमिका संदिग्ध बताई जा रही है। इससे तो साफ जाहिर हो रहा है कि गैरतगंज के उन घोटालेबाज अधिकारी कर्मचारियों से बचाने के एवज में मोटी रकम ऐंठकर उन्हें अभयदान दे रहे हैं। बताया जाता है कि विपणन संघ गैरतगंज के प्रशासक और प्रबंधक द्वारा चना मसूर खरीदी के नुकसान की भरपाई के लिए पंचनामा बनाकर तत्कालीन एसडीएम को भेज दिया गया था। कांग्रेस के जिला महामंत्री नारायण सिंह ठाकुर द्वारा इस सहकारिता घोटाले की शिकायत तत्कालीन शिक्षा मंत्री डॉ प्रभुराम चौधरी को लिखित शिकायत की गई थी। इसके बाद इस सहकारिता विभाग के चना, मसूर उपज खरीदी की जांच फ़ाइल खोली गई थी। पता चला है कि सहकारिता आयुक्त कार्यालय भोपाल में पदस्थ जांच अधिकारी सुधीर कुमार पांडे ने पूर्व सहकारिता मंत्री विश्वास सारंग के आदेश पर जांच फ़ाइल को दबा दी गई थी। मामले की दूसरी बार शिकायत अब सहकारिता मंत्री भदौरिया और सहकारिता आयुक्त नरेश पाल से की गई है। सहकारिता घोटालों जो कि रमपुरा केसरी, खरबई और हिनोतिया महलपुर के सोसाइटी प्रबंधकों और चेयरमैन ने मिलजुलकर लाखों करोड़ों के घोटाले किए गए हैं।अब वह जांच से बचने के लिए स्वास्थ्य मंत्री और सहकारिता मंत्री के भोपाल स्थित बंगलों के चक्कर काटकर जांच को प्रभावित करने में जुटे हुए हैं।