मध्य प्रदेश

बिजली संकट : कटौती का कोई घोषित शेड्यूल नहीं, किसान आमजन हलाकान, गांव के बाद अब शहर में भी बिजली कटौती शुरू कर दी, लोगों की समस्या की हो रही अनदेखी


राजनीतिक खामोशी बिजली वितरण कंपनी के मनमानी तरीके से अनाप शनाप राशि के हर महीने दे रहै बिजली बल
रिपोर्टर : शिवलाल यादव, रायसेन
रायसेन।
रायसेन में शहर से लेकर गांव तक इनदिनों बिजली का संकट बढऩे लगा है। ग्रामीण क्षेत्रों में समस्या पहले भी थी लेकिन शहरी क्षेत्र में किसी तकनीकी कारण के चलते जब चाहे बिजल कटौती प्रारंभ हो जाती थी। इनदिनों किसी भी समय के लिए लोड शेडिंग के बहाने बिजली कटौती कर दी जाती है। इसकी कोई समय सारिणी नहीं है। अचानक से बिजली गुल होने और उसके आने का कोई समय निर्धारित नहीं होने की वजह से आम लोग परेशान हो रहे हैं। भले कम समय के लिए ही बिजली काटी जाती है लेकिन यह सुबह से देर रात तक कई बार काटी जाती है। उमस भरी गर्मी में लोगों की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। भोपाल रायसेन संभागीय मुख्यालय है, यहां सामान्यतौर पर बिजली कटौती कम होती है लेकिन इनदिनों किसी भी समय पर कटौती कर दी जाती है। शहर के मोहल्लों से लेकर कालोनियों में लगातार शिकायतें विद्युत वितरण कंपनी के अधिकारियों के पास पहुंच रही हैं। इस सारे मामलों में अधिकारियों का तर्क है कि बिजली का उत्पादन इस समय प्रभावित हो रहा है। कोयले ,पानी की किल्लत की समस्या के साथ ही हाइडल प्रोजेक्ट में भी उत्पादन प्रभावित हो रहा है। जिसके चलते बिजली कट होने की समस्याएं सामने आ रही हैं। हाल ही में ऊर्जा विभाग के प्रमुख सचिव ने जिले के कई हिस्सों का भ्रमण कर वस्तु स्थिति देखी थी ।जिसमें लोगों ने बताया कि बिजली कटौती के चलते मुश्किलें हो रही हैं। उन्होंने आश्वासन दिया था कि व्यवस्थाएं सुधारी जाएंगी ।लेकिन उनके जाने के बाद फिर पहले जैसे ही हालत बने हुए हैं। अधिकारियों की बैठक में भी बिजली की सप्लाई बेहतर करने के निर्देश दिए थे। जिले में बिजली की बढ़ती समस्या को लेकर सत्ताधारी दल के नेता खामोश बने हुए हैं। वहीं विपक्ष यानि कांग्रेस पार्टी बसपा और समाजवादी पार्टी ,आप पार्टी की ओर से भी अब तक आंदोलन विरोध प्रदर्शन को लेकर अभी तक आक्रामकता नहीं दिखाई जा रही है। पूर्व में जब कांग्रेस प्रदेश की सत्ता में थी तो भाजपा द्वारा बिजली को लेकर आंदोलन किए जाते थे, । जब कमलनाथ सीएम बने थे तो शिवराज सिंह चौहान भी बिजली बिलों की होली जला चुके थे। लेकिन अब स्थानीय नेता भी खामोश हैं, समस्या का सामना लोगों को करना पड़ रहा है।
गांवों में गहराया बिजली संकट…
जिले के गांवों कस्बों तहसील मुख्यालयों पर भी इन दिनों बिजली संकट गहराने लगा है।आलम यह है कि ग्रामीण क्षेत्रों में किसान परेशान होने लगे हैं।बिजली कटौती से ग्रामीण क्षेत्रों में इनदिनों किसान सबसे अधिक प्रभावित हो रहे हैं। नियमित बारिश नहीं होने की वजह से सिंचाई के मोटरपंप चलाने बिजली की अधिक जरूरत हो रही है। जिले भर में किसानों का बिजली समस्याओं को लेकर प्रदर्शन भी हो रहे है।
लोगों के कामकाज पर पड़ रहा असर….
बिजली के अघोषित कटौती की वजह से लोगों के कामकाज पर इसका सीधा असर पड़ रहा है। व्यवसाय पर असर के साथ ही घरों में रह रहे लोग भी उमस भरी गर्मी से बिजली नहीं होने के चलते परेशान हो रहे हैं। बिजली कंपनी के कर्मचारी भी कटौती ऐसे करते हैं कि लोग उन पर अधिक दबाव नहीं बना पाएं। दस से १५ मिनट कटौती के बाद कुछ समय के लिए बिजली दी जाएगी फिर काट दी जाएगी। पूरे शहर में एक साथ भी नहीं काटी जा रही है, अलग-अलग फीडरों में अलग समय पर कटौती हो रही है।
बिजली समस्या पर ये बोले लोग….
बिजली की समस्या से इनदिनों काम प्रभावित हो रहा है। मैं एटीएम मेंटेनेंस का काम करता हूं। कई बार बिजली नहीं होने से काम में अधिक समय लग जाता है। बिजली कब और कितने समय के लिए नहीं रहेगी इसका शेड्यूल तय होना चाहिए।
केपी सिंह, एक्जीक्यूटिव
-बिना किसी पूर्व जानकारी के अचानक से बिजली कटौती होने से परेशानी होती है। शाम के समय दुकान में ग्राहकों की आवाजाही नहीं होती। दिन में भी कई बार ट्रिप हो रही है।
विजय सिंह जादौन इलेक्ट्रिकल्स दुकानदार
दिन में कई बार बिजली गुल रही है, इसका असर आनलाइन क्लास पर भी पढ़ रहा है। बिजली गुल होने से कमरे में अंधेरा हो जाता है, पंखा बंद हो जाता है जिससे गर्मी में पढऩा मुश्किल हो रहा है। अन्य समय भी परेशानी हो रही है।
भानु प्रताप सिंह, छात्र
इस संबंध में राजेश दुशाद उप महाप्रबंधक बिजली कंपनी रायसेन का कहना है कि इन दिनों मप्र मध्यक्षेत्र बिजली वितरण कंपनी के अधिकारी ऊपर से ही लोड शेडिंग के नाम पर घण्टों बिजली कटौती कर रहे हैं।इसमें हमारा कोई कसूर नहीं हैं।जल्द ही बिजली सप्लाई में सुधार किसानों सहित उपभोक्ताओं को भरपूर बिजली सप्लाई की जाएगी।

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