ज्योतिष

आज का पंचांग आज का पंचांग शनिवार, 09 मार्च 2024

आचार्य श्री गोपी राम (ज्योतिषाचार्य) जिला मुख्यालय हरियाणा मो. 9812224501
✦••• जय श्री हरि •••✦
🧾 आज का पंचाग 🧾
शनिवार 09 मार्च 2024

09 मार्च 2024 : दिन शनिवार को फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि है। आज भद्रा प्रातः (06:30 AM बजे तक) है एवं आज शनिवार की रिक्ता तिथि होने से सिद्धयोग का निर्माण भि हो रहा है। आज महाशिवरात्री व्रत को उपवास करने वालों के लिए व्रत खोलने अर्थात पारण करने का दिन है। आज शिवरात्रि व्रत का पारण आज सुबह ही किया जाएगा। आप सभी सनातनियों को “शिवरात्रि व्रत के पारण” की हार्दिक शुभकामनायें।।
शनि देव जी का तांत्रिक मंत्र – ऊँ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः।।
☄️ दिन (वार) -शनिवार के दिन क्षौरकर्म अर्थात बाल, दाढ़ी काटने या कटाने से आयु का नाश होता है । अत: शनिवार को बाल और दाढ़ी दोनों को ही नहीं कटवाना चाहिए।
शनिवार के दिन प्रात: पीपल के पेड़ में दूध मिश्रित मीठे जल का अर्ध्य देने और सांय पीपल के नीचे तेल का दीपक जलाने से कुंडली की समस्त ग्रह बाधाओं का निवारण होता है ।
शनिवार के दिन पीपल के नीचे हनुमान चालीसा पड़ने और गायत्री मन्त्र की àएक माला का जाप करने से किसी भी तरह का भय नहीं रहता है, समस्त बिग़डे कार्य भी बनने लगते है ।
शिवपुराण के अनुसार शनि देव पिप्लाद ऋषि का स्मरण करने वाले, उनके भक्तो को कभी भी पीड़ा नहीं देते है इसलिए जिन के ऊपर शनि की दशा चल रही हो उन्हें अवश्य ही ना केवल शनिवार को वरन नित्य पिप्लाद ऋषि का स्मरण करना चाहिए।
शनिवार के दिन पिप्पलाद श्लोक का या पिप्पलाद ऋषि जी के केवल इन तीन नामों (पिप्पलाद, गाधि, कौशिक) को जपने से शनि देव की कृपा मिलती है, शनि की पीड़ा निश्चय ही शान्त हो जाती है ।
🔮 शुभ हिन्दू नववर्ष 2023 विक्रम संवत : 2080 नल, शक संवत : 1945 शोभन
🌐 संवत्सर नाम अनला
🔯 शक सम्वत : 1945 (शोभकृत् संवत्सर)
☸️ काली सम्वत् 5124
🕉️ संवत्सर (उत्तर) पिंगल
☣️ आयन – उत्तरायण
☀️ ऋतु – सौर बसन्त ऋतु
⛈️ मास – फाल्गुन मास
🌒 पक्ष – कृष्ण पक्ष
📆 तिथि – शनिवार फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष चतुर्दशी तिथि 06:18 PM तक उपरांत अमावस्या
✏️ तिथि स्वामी : चतुर्दशी तिथि के देवता हैं शंकर। इस तिथि में भगवान शंकर की पूजा करने से मनुष्य समस्त ऐश्वर्यों को प्राप्त कर लेता है।
💫 नक्षत्र – नक्षत्र धनिष्ठा 07:55 AM तक उपरांत शतभिषा 04:56 AM तक उपरांत पूर्वभाद्रपदा
🪐 नक्षत्र स्वामी : धनिष्ठा नक्षत्र मंगल इस नक्षत्र का स्वामी है, वहीं राशि स्वामी शनि है। तथा देवता वसु है।
🔕 योग – सिद्ध योग 08:32 PM तक, उसके बाद साध्य योग
प्रथम करण : विष्टि – 08:09 ए एम तक शकुनि – 06:17 पी एम तक
द्वितीय करण : चतुष्पाद – 04:24 ए एम, मार्च 10 तक नाग
🔥 गुलिक काल : – शनिवार को शुभ गुलिक प्रातः 6 से 7:30 बजे तक ।
⚜️ दिशाशूल – शनिवार को पूर्व दिशा का दिकशूल होता है ।यात्रा, कार्यों में सफलता के लिए घर से अदरक खाकर, घी खाकर जाएँ ।
🤖 राहुकाल -सुबह – 9:00 से 10:30 तक।राहु काल में कोई भी शुभ कार्य नहीं करना चाहिए |
🌞 सूर्योदयः- प्रातः 06:09:00
🌅 सूर्यास्तः- सायं 05:51:00
👸🏻 ब्रह्म मुहूर्त : 05:00 ए एम से 05:49 ए एम
🌄 प्रातः सन्ध्या : 05:24 ए एम से 06:37 ए एम
🌟 अभिजित मुहूर्त : 12:08 पी एम से 12:55 पी एम
✡️ विजय मुहूर्त : 02:30 पी एम से 03:17 पी एम
🐃 गोधूलि मुहूर्त : 06:24 पी एम से 06:48 पी एम
🏙️ सायाह्न सन्ध्या : 06:26 पी एम से 07:39 पी एम
💧 अमृत काल : 10:38 पी एम से 12:02 ए एम, मार्च 10
🗣️ निशिता मुहूर्त : 12:07 ए एम, मार्च 10 से 12:55 ए एम, मार्च 10
🚓 यात्रा शकुन-शर्करा मिश्रित दही खाकर घर से निकलें।
👉🏽 आज का मंत्र-ॐ प्रां प्रीं प्रौं स: शनयै नम:।
🤷🏻 आज का उपाय-शनि मंदिर में इमरती चढ़ाएं।
🍃 वनस्पति तंत्र उपाय-शमी के वृक्ष में जल चढ़ाएं।
⚛️ पर्व एवं त्यौहार – भद्रा/ अमावस्या प्रारंभ शाम 06.18 / पंचक जारी/ संत तुकाराम स्मृति दिवस, मशहूर तबला वादक ,उस्ताद ज़ाकिर हुसैन, जन्म दिवस, भारतीय अभिनेत्री देविका रानी पुण्य तिथि, राजनीतिज्ञ ओ. पी. जिन्दल के सुपूत्र नवीन जिंदल जन्म दिवस, मेड इन यूके डे, नेशनल मीटबॉल डे, नेशनल गेट ओवर इट डे, पैनिक डे, नेशनल बार्बी डे, अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस, केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल का स्थापना दिवस (सीआईएसएफ), शिक्षक दिवस – लेबनान, राष्ट्रीय पोषण माह (1 से 31 मार्च)
✍🏼 विशेष – चतुर्दशी तिथि को शहद त्याज्य होता है। चतुर्दशी तिथि को एक क्रूरा तिथि मानी जाती है। इतना ही नहीं चतुर्दशी तिथि को उग्रा तिथि भी माना जाता है। यह चतुर्दशी तिथि रिक्ता नाम से विख्यात मानी जाती है। यह चतुर्दशी तिथि शुक्ल पक्ष में शुभ और कृष्ण पक्ष में अशुभ फलदायिनी मानी जाती है। इस चतुर्दशी तिथि के देवता भगवान शिवजी हैं।
🗽 Vastu Tips 🗺️
कुछ लोगों की आदत होती है कि चीज़ों को खराब होने के बाद भी वो उसे फेंकते नहीं है और इस्तेमाल करते रहते हैं। खासतौर से कुछ लोग घरों में टूटे कप, ग्लास या दूसरे बर्तनों का इस्तेमाल करते हैं। वास्तुशास्त्र के मुताबित इससे घर में वास्तु दोष पैदा होता है। टूटी फूटी चीजों को घर में रखने से नकारात्मता आती है। जिसका असर घर के हर सदस्य पर पड़ता है। वास्तु के हिसाब से हर चीज की सही दिशा होती है और उसका असर आपके जीवन पर भी पड़ता है। इसलिए इन चीजों का खास ख्याल रखना चाहिए। खासतौर से शीशा लगाते वक्त भी दिशा ध्यान रखना जरूरी हो जाता है। ये चीजें सीधे आपके जीवन को प्रभावित कर सकती हैं। देश के जाने-माने ज्योतिषी आचार्य श्री गोपी राम से जानते हैं घर में टूटे सामान या बर्तन रखने से क्या वास्तु दोष पैदा होता है साथ ही जानते हैं आठ कोण वाला मिरर घर की किस दिशा में लगाना चाहिए?
⏺️ जीवनोपयोगी कुंजियां ⚜️
ध्यान की अवस्था में अद्भुत प्रकाश कैसा दिखाई देता है?
ओम शांति | ध्यान का दूसरा नाम है राजयोग मेडिटेशन |
इस मैडिटेशन में पहले अपने को ज्योति स्वरूप आत्मा निश्चय करना होता है|
उसके पश्चात आत्मा के पिता ज्योति स्वरूप परमात्मा से मन बुद्धि की कार जोड़ी जाती है अर्थात परमात्मा की स्नेह भरी याद में खोया जाता है |
इस योग से बहुत सी दिव्य अनुभूतियां होती है | मन एकदम शांत हो जाता है, मन में व्यर्थ संकल्पों का प्रवाह समाप्त हो जाता है, खुशी की प्राप्ति होती है, मनोबल का विकास होता है, तनाव दूर होता है आदि आदि | इसने प्रकाश स्वरूप परमात्मा पर मन और बुद्धि को एकाग्र किया जाता है | यही परमात्मा का वास्तविक स्वरूप है |परमात्मा के ज्योति स्वरूप का अनुभव राजयोग में प्राप्त होता है | परमात्मा के गुणों का अनुभव होता है जैसे आनंद, प्रेम, ज्ञान, शक्ति, सुख, पवित्रता आदि | यह सब बुद्धि के नेत्रों के द्वारा अनुभव किया जाता है |
🍵 आरोग्य संजीवनी 🍶
खर्राटों की समस्या को दूर करने के लिए आयुर्वेदिक उपाय
आयुर्वेद में खर्राटों के लिए देसी घी को फायदेमंद बताया गया है। खर्राटों की समस्या से राहत पाने के लिए रात को सोने से पहले को नाक के दोनों छेदों में गुनगुने देसी घी एक-एक बूंद डालें। इससे बेहतर नींद के साथ काफी हद तक मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है।
मेडिटेशन करें कई लोगों में खर्राटों का कारण स्ट्रेस होता है। ऐसे में सोते समय खुद को नेगेटिव विचारों से मुक्त रखने व मन की शांति के लिए मेडिटेशन का सहारा लें। इसके साथ ही रात को सोने से पहले अपने पैरों के तलवों पर थाइम ऑयल लगाएं।
📖 गुरु भक्ति योग 🕯️
राम चरित्र मानस
एक दिन संध्या के समय सरयू के तट पर तीनों भाइयों संग टहलते श्रीराम से महात्मा भरत ने कहा, “एक बात पूछूं भईया ?
माता कैकई ने आपको वनवास दिलाने के लिए मंथरा के साथ मिल कर जो षड्यंत्र किया था, क्या वह राजद्रोह नहीं था?
उनके षड्यंत्र के कारण एक ओर राज्य के भावी महाराज और महारानी को चौदह वर्ष का वनवास झेलना पड़ा तो दूसरी ओर पिता महाराज की दुखद मृत्यु हुई। ऐसे षड्यंत्र के लिए सामान्य नियमों के अनुसार तो मृत्युदंड दिया जाता है, फिर आपने माता कैकई को दण्ड क्यों नहीं दिया?
राम मुस्कुराए…बोले, “जानते हो भरत, किसी कुल में एक चरित्रवान और धर्मपरायण पुत्र जन्म ले ले तो उसका जीवन उसके असँख्य पीढ़ी के पितरों के अपराधों का प्रायश्चित कर देता है। जिस माँ ने तुम जैसे महात्मा को जन्म दिया हो उसे दण्ड कैसे दिया जा सकता है भरत ?”
भरत संतुष्ट नहीं हुए। कहा, “यह तो मोह है भइया, और राजा का दण्डविधान मोह से मुक्त होता है। एक राजा की तरह उत्तर दीजिये कि आपने माता को दंड क्यों नहीं दिया, समझिए कि आपसे यह प्रश्न आपका अनुज नहीं, अयोध्या का एक सामान्य नागरिक कर रहा है।
राम गम्भीर हो गए। कुछ क्षण के मौन के बाद कहा, “अपने सगे-सम्बन्धियों के किसी अपराध पर कोई दण्ड न देना ही इस सृष्टि का कठोरतम दण्ड है भरत!”
माता कैकई ने अपनी एक भूल का बड़ा कठोर दण्ड भोगा है। वनवास के चौदह वर्षों में हम चारों भाई अपने अपने स्थान से परिस्थितियों से लड़ते रहे हैं, पर माता कैकई हर क्षण मरती रही हैं।
अपनी एक भूल के कारण उन्होंने अपना पति खोया, अपने चार बेटे खोए, अपना समस्त सुख खोया, फिर भी वे उस अपराधबोध से कभी मुक्त न हो सकीं। वनवास समाप्त हो गया तो परिवार के शेष सदस्य प्रसन्न और सुखी हो गए, पर वे कभी प्रसन्न न हो सकीं। कोई राजा किसी स्त्री को इससे कठोर दंड क्या दे सकता है?
मैं तो सदैव यह सोच कर दुखी हो जाता हूँ कि मेरे कारण अनायास ही मेरी माँ को इतना कठोर दण्ड भोगना पड़ा।”
राम के नेत्रों में जल उतर आया था, और भरत आदि भाई मौन हो गए थे।
राम ने फिर कहा, “और उनकी भूल को अपराध समझना ही क्यों भरत! यदि मेरा वनवास न हुआ होता तो संसार भरत और लक्ष्मण जैसे भाइयों के अतुल्य भ्रातृप्रेम को कैसे देख पाता। मैंने तो केवल अपने माता-पिता की आज्ञा का पालन मात्र किया था, पर तुम दोनों ने तो मेरे स्नेह में चौदह वर्ष का वनवास भोगा। वनवास न होता तो यह संसार सीखता कैसे कि भाइयों का सम्बन्ध होता कैसा है।”
भरत के प्रश्न मौन हो गए थे। वे अनायास ही बड़े भाई से लिपट गए!राम कोई नारा नहीं हैं।
राम एक आचरण हैं, एक चरित्र हैं, एक जीवन जीने की शैली हैं।
💐🙏🏻सादर प्रणाम🙏🏻💐
धन्यवाद
❀⇝┈┉╣☆❁☆❁☆❁☆❁☆❁╠┉┈​⇜
⚜️ चतुर्दशी तिथि को भगवान शिव का ज्यादा-से-ज्यादा पूजन, अर्चन एवं अभिषेक करना करवाना चाहिये। सामर्थ्य हो तो विशेषकर कृष्ण पक्ष कि चतुर्दशी तिथि को विद्वान् वैदिक ब्राह्मणों से विधिवत भगवान शिव का रुद्राभिषेक करवाना चाहिये। आज चतुर्दशी तिथि में भगवान् शिव का रुद्राभिषेक यदि शहद से किया करवाया जाय तो इससे मारकेश कि दशा भी शुभ फलदायिनी बन जाती है। जातक के जीवन कि सभी बाधायें निवृत्त हो जाती है और जीवन में सभी सुखों कि प्राप्ति सजह ही हो जाती है।
जिस व्यक्ति का जन्म चतुर्दशी तिथि को होता है वह व्यक्ति नेक हृदय का एवं धार्मिक विचारों वाला होता है। इस तिथि को जन्मा जातक श्रेष्ठ आचरण करने वाला होता है अर्थात धर्म के मार्ग पर चलने वाला होता है। इनकी संगति भी उच्च विचारधारा रखने वाले लोगों से होती है। ये बड़ों की बातों का पालन करते हैं तथा आर्थिक रूप से सम्पन्न होते हैं। देश तथा समाज में इन्हें उच्च श्रेणी की मान-प्रतिष्ठा प्राप्त होती है।

Related Articles

Back to top button