साईखेडा कृषि उपज मंडी क्षेत्रवासियों को मात्र दिवास्वप्न, वर्षो बीतने के बाद मंडी पर लटका ताला

रिपोर्टर : बृजेन्द्र कुशवाहा
साईखेडा । गाडरवारा विधानसभा का साईखेडा क्षेत्र कृषि प्रधान क्षेत्र है यहां पर हजारों एकड़ों मैं गेहूं, चना, मसूर, अरहर की खेती की जाती है । किसान अपनी उपज उत्पादन करता है लेकिन साईखेडा में मंडी खुली न होने से किसानों को साईखेडा से 25 किलोमीटर दूर गाडरवारा 15 किलोमीटर उदयपुरा और लगभग 65, किलोमीटर दूर पिपरिया मंडी अपना अनाज बेचने जाना जिससे किसानों माल भाड़े और समय की बरबादी होती है। नगर में 30-35 बषो पूर्व कांग्रेस शासन तत्कालीन बिधायक के प्रयासों से मंडी का निर्माण हुआ था। इस बीच कई सरकार आयी गई लेकिन किसी जनप्रतिनिधि ने साईखेडा में मंडी का संचालन शुरू करने.का प्रयास नहीं किया । मंडी के मुख्य दरवाजे पर आज भी ताला लटका है। पूर्व में एक साल पहले मध्यप्रदेश सरकार के कृषि मंत्री कमल पटेल के अपने कर कमलों से क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों के बीच औपचारिक उद्घाटन कर दिया गया है लेकिन आज दिनांक मंडी में एक दाने अनाज की खरीदी नहीं हुई । साईखेडा में मंडी का बिधिवत संचालन न होने के पीछे अधिकारी और व्यापारियों की मिलीभगत कारण ऐसा लोगों का मानना बताया जा रहा है। साईखेडा में मंडी खुलने से मजदूरो को रोजगार और व्यापारियों को अपने माल बेचने का मौका मिलेगा। साईखेडा में मंडी क्षेत्रीय जप्रतिनिधयो द्वारा साईखेड़ा के साथ सौतेला रवैया अपना रहै है। क्षेत्रीय किसानों, सामाजिक संगठनों ,व्यापारियों मीडिया सोशल मीडिया द्वारा बार बार मांग उठायी जा रही लेकिन कुभकरणी नींद में सो अधिकारियों के कानो में जू तक नहीं रेंग रही है। मंडी का समय पर न खुलना आगामी बिधान सभा चुनाव में जनप्रतिनिधियों और राजनीतिक दलो की गले फांस बन सकती है जिसमें स्तनधारी दल को खासा नुकसान हो सकता। जनापेक्षा क्षेत्रीय जप्रतिनिधधि और अधिकारी जनहित में शीध्र ही मंडी का संचालन कर सके।