मध्य प्रदेश

सरपंचों का मानदेय ढाई गुना बढा, पंचायत प्रतिनिधियों के सम्मेलन में मुखमंत्री ने की घोषणा

भोपाल ।  ग्राम पंचायत, जनपद पंचायत और जिला पंचायत के नव निर्वाचित प्रतिनिधियों का सम्मेलन बुधवार को राजधानी भोपाल के जंबूरी मैदान में आयोजित किया गया। इस सम्मेलन में प्रदेश भर से सरपंच, जिला पंचायत और जनपद पंचायत के अध्यक्षों ने अपनी उपस्थिति दर्ज की। दोपहर करीब 12 बजे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने यहां पहुंचकर दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने पंचायत प्रतिनिधियों को संबोधित करने के साथ ही स्थानीय विकास लक्ष्यों के वैश्विक संकल्प के बारे में जानकारी दी। कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री शिवराजसिंह ने सरपंचों का मानदेय बढ़ाने की घोषणा की। सरपंच को प्रतिमाह 1750 रुपये के बजाय 4250 रुपये मानदेय मिलेगा। कार्यक्रम में पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया, राज्य मंत्री सुरेश धाकड़, सांसद प्रज्ञा सिंह और महापौर मालती राय समेत अनेक गणमान्य लोगों ने अपनी मौजूदगी दर्ज कराई।
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने पंचायत प्रतिनिधियों से कहा कि आप और मैं एक बराबर हैं। आप गांव की पंचायत के सरपंच है और मैं बड़ी पंचायत का सरपंच। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पंचायत प्रतिनिधियों से अपेक्षा की कि वे गांव में ऐसी व्यवस्था बनाए की कोई लड़ाई झगड़ा ना हो, एफआइआर ना हो, छोटे-मोटे झगड़ों का निपटारा गांव में ही पंचायत स्तर पर हो जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं प्रतिदिन पौधारोपण करता हूँ। गांव में भी आप लोग इसे अपनाएं। स्वच्छता का विशेष ध्यान रखें अपनी पंचायत स्वच्छ हो।
मुखमंत्री ने कहा कि अनाज वितरण में किसी ने भी गड़बड़ की, तो सीधे हथकड़ी लगेगी। यह हमने तय किया है। पंचायत प्रतिनिधि अपने गांव में व्यवस्थाओं को देखें मकान बनाने का पैसा मकान में ही लगे। हमने 10000 हजार करोड़ रुपये का बजट रखा है। योजना में कोई गड़बड़ी नहीं होनी चाहिए। अपने गांव में इसकी चिंता करें। गांव के सभी बच्चे पढ़ने के लिए स्कूल जाएं, इसकी चिंता करें। हमने यह व्यवस्था की है कि पढ़ाई के आड़े फीस नहीं आएगी, सरकार भरेगी। मुख्यमंत्री ने सबसे सहयोग मांगा। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं के लिए आयुष्मान कार्ड बनाए गए हैं ताकि इलाज सुलभ हो सके। मुख्यमंत्री जनसेवा अभियान में 83 लाख हितग्राही चिन्हित किए है। किसी भी योजना में भ्रष्टाचार नहीं होना चाहिए। बेटा-बेटी में कोई अंतर नहीं है। गांव का मास्टर प्लान बनाएं और उसमें प्राथमिकताएं तय कीजिए कि कौन सा काम कराना है। कोई भी अधिकारी अब यह तय नहीं करेगा कि कौन सा कार्य करना है। ग्रामसभा काम तय करेगी।
इससे पहले पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया ने अपने संबोधन में कहा कि पंचायतों को अधिकार संपन्न बनाया। कांग्रेस ने पंचायत चुनाव को लेकर काफी अडंगे लगाए लेकिन मुख्यमंत्री का संकल्प था कि ओबीसी आरक्षण के साथ चुनाव कराउंगा और यह कर दिखाया है।
उन्मुखीकरण प्रशिक्षण एवं सम्मेलन में प्रदेश की 23 हजार 12 पंचायतों के सरपंच, 52 जिला पंचायतों और 313 जनपद पंचायतों के प्रतिनिधि शामिल हुए। प्रशिक्षण निर्धारित नौ थीम गरीबी मुक्त और आजीविका उन्नत पंचायत, स्वस्थ पंचायत, बाल हितैषी पंचायत, जल संतृप्त पंचायत, स्वस्थ और हरित पंचायत, आधारभूत संरचना वाली पंचायत, सामाजिक रूप से सुरक्षित पंचायत, सुशासन वाली पंचायत और महिला हितैषी पंचायत के आधार पर दिया गया।
*मुखमंत्री की घोषणाये–*
रोजगार सहायको का स्थानांतरण अन्य पंचायतों में किये जा सकेंगे ।
पंचायत मे सरपंच अब निर्माण कार्यों की राशि 15 लाख से बढ़ाकर 25 लाख रू लागत तक कार्य कर सकेंगे ।
पंचायत के कार्यों से सम्बन्धित कोई शिकायतकर्ता अगर झूठी शिकायत करता है, तो अब उसके खिलाफ भी कार्यवाही की जाएगी। ताकि कोई झूठी शिकायत ना कर सके !
सरपंच का मानदेय 1750 से बढ़ा कर 4250 रू किये जाएँगे।

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