मध्य प्रदेश

SDM की कुर्सी टेबिल सहित सामान न्यायालय के आदेश पर कुर्क

MPRDC द्वारा डाले गए रोड पर हितग्राहियों को समुचित मुआवजा राशि न देने का है मामला।
रिपोर्टर : राजकुमार रघुवंशी
विदिशा । एमपी के विदिशा जिले के सिरोंज में मंगलवार को एसडीएम कार्यालय के कुर्सी, टेबल, कंप्यूटर, लैपटॉप आदि की कुर्की कर ली गई। न्यायालय प्रथम जिला न्यायाधीश सिरोंज के आदेश के पालन में ये कुर्की की गई।
जानकारी के अनुसार वर्ष 2011 में रोहिलपुरा चौराहे से बासौदा रोड तक बाइपास डालने के लिए कपिल त्यागी एडवोकेट, पवन जैन, अशोक जैन, रूपेश यादव ओमप्रकाश झा, अर्चना भार्गव आदि की भूमि अधिग्रहण की गई थी। भूमि स्वामी द्वारा अधिग्रहण की गई भूमि का मुआवजा कम मिलने पर कलेक्टर को आवेदन किया गया था। कलेक्टर विदिशा द्वारा न्यायालय सिरोंज को भूमि की मुआवजा राशि निर्धारण के लिए आवेदन भेजा। जिस पर न्यायालय द्वारा अपीलकर्ता एडवोकेट कपिल त्यागी को एक करोड़ 9 लाख 32 हजार, ओम प्रकाश झा, पवन कुमार जैन, अशोक कुमार जैन, रूपेश यादव एवं अन्य लोगों को लगभग 6 करोड़ रुपए का भुगतान करने का निर्देश न्यायालय द्वारा अनुविभागीय अधिकारी सिरोंज को दिया गया था।
लेकिन मुआवजा राशि न मिलने पर उक्त अपीलकर्ताओं द्वारा वसूली ईजारा पेश की गई थी। जिस पर मंगलवार को सिरोंज न्यायालय के नजीर द्वारा अनुविभागीय अधिकारी सिरोंज के कार्यालय का कंप्यूटर, लैपटॉप, कुर्सी, टेबल तहसीलदार की मौजूदगी में कुर्की कर ली गई। उक्त संपूर्ण मामले पर जिम्मेदारों द्वारा लगातार लापरवाही बरतने पर 30 प्रतिशत ब्याज भी देना तय किया गया है। सम्पत्ति कुर्क करने से चुनाव और हितग्राही मूलक काम प्रभावित होंगे।
40 हजार की मुआवजा राशि एक करोड़ के पार पहुंची
एडवोकेट कपिल त्यागी ने बताया कि फरवरी 2023 में न्यायालय ने बढ़ा हुआ मुआवजा देने का आदेश शासन को दिया था। परंतु शासन या एमपीआरडीसी ने कोई कार्यवाही नहीं की। तब इस न्यायालय के आदेश की पालन के लिए इजरा भरकर वापस से आवदेक न्यायालय की शरण में गए। 2011 के हिसाब से दी गई मुआवजा राशि के अनुसार एडवोकेट कपिल त्यागी को करीब 40 हजार रुपए का मुआवजा देना तय हुआ था। इसके खिलाफ वे न्यायालय गए। जिसमें फरवरी 2023 को न्यायालय ने उन्हें 29 लाख 5 हजार 200 रुपए प्राप्त करने का अधिकारी माना। लेकिन अनुविभागीय स्तर पर इसमें उचित कार्रवाई नहीं होने पर न्यायालय ने 30% अतिरिक्त ब्याज लगाते हुए राशि को एक करोड़ 1 करोड़ 9 लाख 32 हजार रुपए के करीब हो चुका है। इसी तरह अन्य लोगों का मामला था। इस कार्रवाई के दौरान सिरोंज एसडीएम हर्षल चौधरी नदारद रहे। ऐसे में तहसीलदार संजय चौरसिया के समक्ष कुर्की यह पूरी प्रक्रिया संपन्न की गई।
इस संबंध में हर्षल चौधरी, एसडीएम सिरोंज का कहना है कि ये न्यायालय की प्रक्रिया है। मुआवजा की राशि एमपीआरडीसी को ही देना है। जिसके चलते हमनें एमपीआरडीसी को अवगत करा दिया था। उन्होंने मामले में हाईकोर्ट में अपील भी की है। जिसकी कॉपी भी कोर्ट में जमा कर दी गई है।
आदेश पर टिप्पणी करना मैं उचित नहीं समझता हूं अब यदि किसी प्रकरण में तत्कालीन अनुविभागीय अधिकारी राजस्व (पदस्थ 2013) के दारा पारित ₹30,744 मात्र की मुआवजा राशि को सिरोंज न्यायालय द्वारा बढ़ाकर ₹1,09,00,000 से अधिक पारित कर आम जानता (जरीब करदाता) के पैसों से चुकाने का आदेश पारित किया गया तो यह न्यायालय का विवेकाधिकार है, जिसमें टिप्पणी करना मैं उचित नहीं समझता है। परंतु यदि आम जनता के कर के पैसों को बचाने के लिए एमपीआरडीसी द्वारा उच्च न्यायालय में अपील दर्ज की गई है तो इसे मैं गरीब जानता के हित में समझता हूं।

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