ज्योतिष

Aaj ka Panchang आज का पंचांग रविवार, 23 अप्रैल 2023

आचार्य श्री गोपी राम (ज्योतिषाचार्य) जिला हिसार हरियाणा मो. 9812224501
✦••• जय श्री हरि •••✦
🧾 आज का पंचांग 🧾
रविवार 23 अप्रैल 2023

भगवान सूर्य जी का मंत्र : ऊँ घृणि सूर्याय नम: ।।
🌠 रविवार को की गई सूर्य पूजा से व्यक्ति को घर-परिवार और समाज में मान-सम्मान की प्राप्ति होती है। रविवार के दिन उगते हुए सूर्य को देव को एक ताबें के लोटे में जल, चावल, लाल फूल और रोली डालकर अर्ध्य करें।
इस दिन आदित्य ह्रदय स्रोत्र का पाठ करें एवं यथा संभव मीठा भोजन करें। सूर्य को आत्मा का कारक माना गया है, सूर्य देव को जल देने से पितृ कृपा भी मिलती है।
रविवार के दिन भैरव जी के दर्शन, आराधना से समस्त भय और संकट दूर होते है, साहस एवं बल की प्राप्ति होती है। रविवार के दिन जी के दर्शन अवश्य करें ।
रविवार के दिन भैरव जी के मन्त्र ” ॐ काल भैरवाय नमः “ या ” ॐ श्री भैरवाय नमः “ की एक माला जाप करने से समस्त संकट, भय दूर होते है, रोगो, अकाल मृत्यु से बचाव होता है, मनवांछित लाभ मिलता है।
🔮 *🔮 *शुभ हिन्दू नववर्ष 2023 विक्रम संवत : 2080 नल, शक संवत : 1945 शोभन* 🌐 संवत्सर नाम अनला
🔯 शक सम्वत : 1945 (शोभकृत् संवत्सर)
☸️ काली सम्वत् 5124_

🕉️ संवत्सर (उत्तर) पिंगल
☣️ आयन – उत्तरायण
☀️ ऋतु – सौर ग्रीष्म ऋतु
🌤️ मास – वैशाख मास
🌖 पक्ष – शुक्ल पक्ष
📆 तिथि – तिथि तृतीया 07:47 AM तक उसके बाद चतुर्थी
✏️ तिथि स्वामी – तृतीया तिथि में धन के स्वामी कुबेर । तथा तृतीया के देवता हैं यक्षराज कुबेर।
💫 नक्षत्र – रोहिणी, 12:29 पूर्वाह्न, अप्रैल 24 तक
🪐 नक्षत्र स्वामी – इस नक्षत्र का स्वामी शुक्र है। योग- सौभाग्य, जाति- स्त्री, स्वभाव से शुभ, वर्ण- शूद्र है ।
🔈 योग : सौभाग्य – 08:22 ए एम तक
प्रथम करण : गर – 07:47 ए एम तक
द्वितीय करण : वणिज – 08:01 पी एम तक
🔥 गुलिक काल : रविवार का शुभ (गुलिक काल) 03:35 पी एम से 05:13 पी एम
⚜️ दिशाशूल – रविवार को पश्चिम दिशा की यात्रा नहीं करनी चाहिये, यदि अत्यावश्यक हो तो पान एवं घी खाकर यात्रा कर सकते है।
🤖 राहुकाल (अशुभ) – सायं 16:30 बजे से 18:00 बजे तक राहु काल में कोई भी शुभ कार्य नहीं करना चाहिए |
🌞 सूर्योदयः- प्रातः 05:37:00 A.M
🌅 सूर्यास्तः- सायं 06:23:00 P.M
👸🏻 ब्रह्म मुहूर्त : 04:20 ए एम से 05:04 ए एम
🌇 प्रातः सन्ध्या : 04:42 ए एम से 05:48 ए एम
🌟 अभिजित मुहूर्त : 11:54 ए एम से 12:46 पी एम
🔯 विजय मुहूर्त : 02:30 पी एम से 03:22 पी एम
🐃 गोधूलि मुहूर्त : 06:50 पी एम से 07:12 पी एम
🏙️ सायाह्न सन्ध्या : 06:51 पी एम से 07:57 पी एम
💧 अमृत काल : 09:07 पी एम से 10:47 पी एम
🗣️ निशिता मुहूर्त : 11:57 पी एम से 12:41 ए एम, अप्रैल 24
❄️ रवि योग : 05:48 ए एम से 12:27 ए एम, अप्रैल 24
🚓 यात्रा शकुन-इलायची खाकर यात्रा प्रारंभ करें।
👉🏽 आज का मंत्र-ॐ घृणि: सूर्याय नम:।
🤷🏻‍♀️ आज का उपाय-विष्णु मंदिर में जल कुम्भ (पानी से भरा घड़ा) चढ़ाएं।
🪵 वनस्पति तंत्र उपाय-बेल के वृक्ष में जल चढ़ाएं।
⚛️ पर्व एवं त्यौहार – श्री अक्षय तृतीया (आखातीज)/भद्रा/ विनायक चतुर्थी/ रोहिणी व्रत, मातंगी जयंती, वरद चतुर्थी,विश्व पुस्तक और कॉपीराइट दिवस, राष्ट्रीय संप्रभुता और बाल दिवस, योनि प्रशंसा दिवस, भारतीय रंगमंच अभिनेत्री उषा गांगुली पुण्य तिथि, बाबा साहब डॉ. भीमराव आम्बेडकर जन्म दिवस
✍🏼 विशेष – तृतीया तिथि में नमक का दान तथा भक्षण दोनों ही त्याज्य बताया गया है। तृतीया तिथि एक सबला अर्थात बल प्रदान करने वाली तिथि मानी जाती है। इतना ही नहीं यह तृतीया तिथि आरोग्यकारी रोग निवारण करने वाली तिथि भी मानी जाती है। इस तृतीया तिथि की स्वामिनी माता गौरी और इसके देवता कुबेर देवता हैं। यह तृतीया तिथि जया नाम से विख्यात मानी जाती है। यह तृतीया तिथि शुक्ल पक्ष में अशुभ तथा कृष्ण पक्ष में शुभफलदायिनी मानी जाती है।
🎑 Vastu tips 🏞️
घर की जिस दिशा में शिव मंदिर हो, उस दिशा की ओर भगवान गणेश की प्रतिमा स्थापित करने से वास्तुदोष दूर हो जाता है। लेकिन यदि शिव मंदिर घर के ठीक सामने हो, तो घर की मुख्य दहलीज में तांबे का सर्प गाड़ देना चाहिए।
यदि भगवान भैरवनाथ का मंदिर यदि ठीक सामने हो तो कौवों को अपने मुख्य द्वार पर रोज रोटी खिलानी चाहिए।
यदि किसी देवी मंदिर के कारण उत्पन्न वास्तुदोष है तो उस देवी के अस्त्र के प्रतीक की स्थापना प्रमुख द्वार पर करनी चाहिए अथवा उसका चित्र लगाया जा सकता है। यदि देवी प्रतिमा अस्त्रहीन हो, तो देवी के वाहन का प्रतीक द्वार पर लगाएं।
भगवती लक्ष्मी का मंदिर हो, तो द्वार पर कमल का चित्र बनाएं या भगवान विष्णु का चित्र लगाकर उन्हें नित्य कमल गट्टे की माला पहनाएं।
यदि मंदिर भगवान विष्णु का हो, तो भवन के ईशान कोण में चांदी या तांबे के आधार पर दक्षिणावर्ती शंख की स्थापना कर उसमें नियमित जल भरना व उसका पूजन करना चाहिए। यदि प्रतिमा चतुर्भुज की हो, तो मुख्य द्वार पर गृहस्वामी के अंगूठे के बराबर पीतल की गदा भी लगानी चाहिए।
यदि किसी देवी मंदिर के कारण उत्पन्न वास्तुदोष है तो उस देवी के अस्त्र के प्रतीक की स्थापना प्रमुख द्वार पर करनी चाहिए अथवा उसका चित्र लगाया जा सकता है। यदि देवी प्रतिमा अस्त्रहीन हो, तो देवी के वाहन का प्रतीक द्वार पर लगाएं।
भगवती लक्ष्मी का मंदिर हो, तो द्वार पर कमल का चित्र बनाएं या भगवान विष्णु का चित्र लगाकर उन्हें नित्य कमल गट्टे की माला पहनाएं।
⏹️ जीवनोपयोगी कुंजियां ⚜️
गर्मी दिनों में शरीर का स्नेह अंश कम होने से शारीरिक बल स्वाभाविक कम हो जाता है, जिससे थकान या कमजोरी महसूस होने लगती है | इसे दूर करने के लिए लोग सूखे मेवे, मिठाइयाँ आदि पचने में भारी चीजों का सेवन करते हैं या दिन में बार-बार कुछ – न – कुछ खाते रहते हैं | इससे कमजोरी दूर नहीं होती बल्कि शरीर में अपचित आहार रस ( कच्चा रस) बनकर थकान, कमजोरी व रोग बढ़ जाते हैं | ऐसे में सुंदर उपाय है सत्तू | देशी गाय का घी, मिश्री व पानी मिलाकर बनाया जौ का सत्तू स्निग्ध, पौष्टिक व शीघ्र शक्तिदायी है | नींबू-पुदीने की शिंकजी, गन्ने का रस, आम का पना एवं बेल, गुलाब, पलाश व कोकम का शरबत, नारियल पानी, घर पर बनायी ठंडाई आदि पेय पदार्थ तथा खरबूजा, तरबूज, बिना रसायन के पकाये मीठे आम, मीठे अंगूर, अनार, सेब, संतरा, मोसम्बी, लीची, केला आदि फलों का सेवन लाभदायी है | मुलतानी मिट्टी या सप्तधान्य उबटन से स्नान करना, मटके का पानी पीना, रात को देशी गाय के दूध में मिश्री मिलाकर पीना स्वास्थ्यप्रद है।
🍻 आरोग्य संजीवनी 🥃
इस वजह से पड़ते हैं पेट में कीड़े
गंदगी और साफ सफाई पर ध्यान नहीं देने से पेट में ज़्यादातर कीड़े पड़ते हैं। साथ ही गंदा पानी पीने की वजह से भी पेट में कीड़े पड़ सकते हैं। इसलिए हो सके तो हमेशा तो पानी को गर्म कर के ही पियें। पानी की स्वच्छता का विशेष ध्यान रखना चाहिए। सिर्फ पानी ही नहीं बल्कि बाहर जंक फ़ूड खाने से भी पेट में कीड़े पड़ जाते हैं। वहीं बच्चों की बात करें, तो कई बच्चे मिटटी खाते हैं, मिटटी में खेलते हैं, ऐसे में उनके पेट में कीड़े हो सकते हैं।
पेट में कीड़े होने से हो सकती हैं ये समस्याएं
पेट में असहनीय दर्द होने लगता है
अचानक से वजन कम होने लगता है
पोट्टी करने में ज़ोर लगाना पड़ता है।
मल में सफेद कीड़े दीखते हैं।अक्सर कमजोरी और सिरदर्द होता है
उल्टी होने लगता है
📖 गुरु भक्ति योग 🕯️
शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
आचार्य श्री गोपी राम ने अपने नीति शास्त्र में मानव जीवन से जुड़े लगभग हर पहलू के बारे में वर्णन किया है। कहा जाता है जो व्यक्ति अपने जीवन में इनकी नीतियों को अपनाता मानता है, उसे सफलता को मिलती ही है साथ ही साथ घर में सुख-समृद्धि बढ़ती है। तथा जीवन सरल हो जाता है। तो आइए जानते हैं आचार्य श्री गोपी राम ऐसे श्लोकों के बारें में गुरु की माता का क्या स्थान होता है, माता की सेवा करना तथा विद्या किसी भी व्यक्ति के जीवन में क्या मायने रखती है, इस बारे में जानकारी दी है।
श्लोक- सर्वावस्थासु माता भर्तव्या
भाव- माता की सेवा परम धर्म
अर्थात- प्रत्येक अवस्था में सर्वप्रथम माता का भरण-पोषण करना चाहिए।माता जन्म देने वाली होती है। वह अपनी संतान का पालन-पोषण अपने दूध से करती है। दूध का ऋण उतारना असंभव है। अत: माता की सेवा करना परम धर्म होना चाहिए।
श्लोक- गुरूणां माता गरीयसी
भाव- गुरु की माता सर्वोच्च
अर्थात- माता का स्थान समाज में सबसे ऊंचा होता है परन्तु गुरु की माता का स्थान हमेशा से ही सर्वोच्च माना गया है।
श्लोक- वैदुष्यमलंकारेणाच्छाद्यते।
भाव ‘विद्या’ ही सच्चा आभूषण
अर्थात- सौंदर्य अलंकारों अर्थात आभूषणों से छिप जाता है। इसका अर्थ है कि विद्या ही मनुष्य का सच्चा आभूषण है। उसी से उसका सौंदर्य है। कृत्रिम आभूषणों को धारण करके एक विद्वान अपनी बुद्धिमत्ता को छिपा डालता है।
श्लोक- दुष्कलत्रं मनस्विनां शरीरकर्शनम्
भाव- कलह नहीं उचित
अर्थात- यदि परिवार में पत्नी कलह करने वाली हो तो चिंतनशील व्यक्ति उसकी रोज की कलह से व्यथित होकर निर्बल हो जाता है। ऐसे में जरूरी है कि परिवार में कलह से बचा जाए।
☞✺═══✺🪔🌹🪔✺═══✺☜
⚜️ तृतीया तिथि केवल बुधवार की हो तो अशुभ मानी जाती है। अन्यथा इस तृतीया तिथि को सभी शुभ कार्यों में लिया जा सकता है। आज तृतीया तिथि को माता गौरी की पूजा करके व्यक्ति अपनी मनोवाँछित कामनाओं की पूर्ति कर सकता है। आज तृतीया तिथि में एक स्त्री माता गौरी की पूजा करके अचल सुहाग की कामना करे तो उसका पति सभी संकटों से मुक्त हो जाता है। आज तृतीया तिथि को भगवान कुबेर जी की विशिष्ट पूजा करनी चाहिये। देवताओं के कोषाध्यक्ष की पूजा आज तृतीया तिथि को करके मनुष्य अतुलनीय धन प्राप्त कर सकता है।
तृतीया तिथि में जन्म लेने वाला व्यक्ति मानसिक रूप से अस्थिर होता है अर्थात उनकी बुद्धि भ्रमित होती है। इस तिथि का जातक आलसी और मेहनत से जी चुराने वाला होता है। ये दूसरे व्यक्ति से जल्दी घुलते मिलते नहीं हैं बल्कि लोगों के प्रति इनके मन में द्वेष की भावना भी रहती है। इनके जीवन में धन की कमी रहती है, इन्हें धन कमाने के लिए काफी मेहनत और परिश्रम करना पड़ता है।

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