स्वच्छता सर्वेक्षण- 2022 : 5 साल से ट्रीटमेंट प्लांट तैयार, लेकिन नहीं किया शुरू, स्वच्छता सर्वेक्षण में कटेंगे नंबर
मिश्र तालाब के पास बनाया गया जल सयोधन सयंत्र, कोविड-19 को भी स्वच्छता सर्वे की गाइडलाइन में पहली बार जोड़ा
रिपोर्टर : शिवलाल यादव, रायसेन।
रायसेन। स्वच्छता सर्वेक्षण- 2022 की गाइड लाइन में कुछ बदलाव किए गए हैं, ये बदलाव शहर की जरूरतों को देखकर किए गए हैं। अभी तक स्वच्छता सर्वेक्षण में शहर से निकलने वाले कचरे के प्रबंधन पर अधिक जोर दिया जाता था। इसलिए एमआएफ कचरा निष्पादन केंद्र बनाकर वहां कचरे को अलग-अलग कर उचित निपटान शुरू कर दिया गया।
अब इससे भी आगे जाकर अपशिष्ट जल प्रबंधन पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है ऐसा पहली बार हो रहा है। इसके अलावा कोविड-19 को भी पहली बार गाइडलाइन में जाेड़ा गया है।
फ्रंट लाइन वर्करों को बचाया जाएगा कोरोना महामारी से……
सीएमओ आरडी शर्मा ने बताया कि नपा के फ्रंट लाइन वर्करों को कोविड से बचाव के लिए सभी आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराए जाना हैं।शहर में मिश्र तालाब पर सीवर ट्रीटमेंट प्लांट तो स्थापित कर दिया गया है।लेकिन इस प्लांट तक जिस पाइप लाइन से सीवेज का पानी लाया जाना है, उसमें अभी कुछ घरों के कनेक्शन ही हो पाए हैं, जबकि अधिकतर घरों का पानी खुली नालियों में बह रहा है।इससे स्वच्छता सर्वेक्षण में नपा की रैंकिंग घट सकती है। एक लाख से कम आबादी वाली नगरपालिकाओं में वर्ष 2019 में नपा को वेस्ट जोन में 11वीं और 2021 में इसी कैटेगरी में 13वी रेंक मिली है।
पहले कचरा प्रबंधन पर रहता था जोर, इस बार अपशिष्ट जल प्रबंधन भी शामिल….
स्वच्छता सर्वेक्षण अभियान
*,2022 के लिए 6 हजार से बढ़ाकर 7500 किए गए।
*,सिटीजन वॉइस 30 प्रतिशत
सर्टिफिकेशन- 30 प्रतिशत {सरि्वस लेवल प्रोग्रेस- 40 प्रतिशत
एक स्टार के लिए एप्लाई
कचरा मुक्त शहर होने पर स्टार रेटिंग मिलती है। बीते साल शहर को बिना अंक के एक स्टार रेटिंग मिली थी। एक स्टार रेटिंग के लिए 500 अंक तय हैं, और अधिकतम 7 स्टार रेटिंग के लिए 1250 अंक। इसके बीच 5 स्टार रेटिंग के लिए 1000, 3 स्टार रेटिंग के लिए 800 अंक तय किए गए हैं। शहर के नपा यदि एक स्टार रेटिंग ला पाई तब ही 500 अंक मिल सकते हैं।
बढ़ाई नागरिकों की इसमें सहभागिता….
इस बार स्वच्छता सर्वेक्षण 2022में नागरिक सहभागिता के भी अंक बढ़ाए गए हैं। जो नपा की सेवाओं की जानकारी देंगे। इसके लिए पहले 1800 अंक थे अब इन्हें बढ़ाकर 2250 कर दिया गया है। यानि की लोगों की राय का महत्व भी बढ़ा दिया गया है। स्वच्छता सर्वेक्षण में सफाई मित्र सुरक्षा चैलेंज के 375 अंक बढ़ाए गए अभी तक सफाई कर्मचारियों को लेकर गाइड लाइन में कुछ खास प्रावधान नहीं थे। लेकिन स्वच्छता सर्वेक्षण 2022 के लिए सफाई मित्र सुरक्षा चैलेंज लागू किया गया है। इसके लिए 375 अंक अतिरिक्त जोड़े गए हैं।शहर में सैप्टिक टैंक पंप के माध्यम से खाली कराए जाएं। ये काम बिना पंप के सफाई कर्मचारियों से न कराए जाएं।इसके साथ ही उन्हें पीपीईकिट, हेलमेट, ग्लब्ज, सहित सभी आवश्यक सामग्री उपलब्ध कराना होंगे। स्वच्छता सर्वेक्षण 2022 के लिए तीन चरण तय किए गए थे। पहला चरण जुलाई से अगस्त, दूसरा चरण सितंबर से अक्टूबर के बीच और तीसरा चरण नवंबर 2021 से जनवरी 2022 के बीच चलेगा। स्वच्छता सर्वेक्षण अभियान के दो चरण पूरे किए जा चुके हैं। हालांकि इनके परिणाम अभी नहीं आए हैं।
नपा का 4.36 करोड़ का सीवर लाइन प्रोजेक्ट ही फेल हो गया है….
600 घर पर 100 कनेक्शन ही हो पाए शहर का पहला सीवर लाइन प्रोजेक्ट ही फेल हो गया है। इसके निर्माण पर यूरोपियन यूनियन के माध्यम से नगर पालिका परिषद द्वारा 4.36 करोड़ रुपए की राशि इसलिए खर्च की गई थी।शहर के बीच और धार्मिक महत्व के मिश्र तालाब में शहर के ड्रेनेज का पानी सीधा न मिले, पहले इस पानी का ट्रीटमेंट कर शुद्ध किया जाए। बाद में इसे मिश्रा तालाब में छोड़ा जाए, लेकिन दो साल पहले प्रोजेक्ट का काम पूरा हो जाने के बाद भी ऐसा नहीं हो पा रहा है।शहर का पानी नाले के माध्यम से मिश्र तालाब जाकर मिल रहा है। इससे तालाब का पानी पहले की तरह ही प्रदूषित होने से हरा हो गया है। जल शाेधन संयत्र बनाकर तैयार है। लेकिन शहर के वार्ड नंबर 11 और वार्ड नंबर 12 में हर घर का कनेक्शन सीवेज लाइन में किया जाना है जाे नपा से नहीं हाे पा रहा है।शहर के सीवर लाइन प्रोजेक्ट में शामिल शर्त के मुताबिक कंपनी को कनेक्शन करके नहीं देना है। बस यहीं से पेंच फंस गया। अब नपा रहवासियों से कनेक्शन के लिए सामग्री के मांग कर रही है तो कहीं लोगों से खुद ही अपने स्तर पर कनेक्शन लेने की बात कही जा रही है। इस तरह से करीब 600 घरों में से करीब 100 कनेक्शन ही सीवेज लाइन में हो पाए हैं।