मध्य प्रदेश

सांसद, विधायक और स्वेच्छानुदान राशि में घपला, संविदा कम्प्यूटर आपरेटर राजेश विश्वकर्मा को गबन का प्रकरण दर्ज कर भेजा जेल

परिजनों ने लगाया आरोप जिला सांख्यकीय अधिकारियों ने किया भ्र्ष्टाचार जेल भुगतने की सजा मिली कम्प्यूटर आपरेटर को
रिपोर्टर : शिवलाल यादव, रायसेन

रायसेन।
कहते हैं कि भृष्ट और घोटाले बाज अधिकारियों के काले कारनामों की सजा सरकारी दफ्तरों के एक संविदा के पद पर कार्यरत कम्प्यूटर ऑपरेटर को गबन के मामले में फंसा कर जेल हो जाने की सजा के रूप में भुगतना पड़ रहा है। ऐसा ही एक गड़बड़झाले का मामला जिला सांख्यकीय विभाग रायसेन में एक कम्प्यूटर ऑपरेटर के साथ हुआ है।जिला सांख्यकीय विभाग में पदस्थ बेचारा कम्प्यूटर ऑपरेटर राजेश विश्वकर्मा पर एक करोड़ 17 लाख 400 रुपये की विधायक सांसद, विधायक और स्वेच्छानुदान की राशि गोलमाल किए जाने के मामले में पुलिस द्वारा जांच के बाद कम्प्यूटर आपरेटर राजेश विश्वकर्मा के खिलाफ भादवि की धारा 420 और भ्र्ष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत केस दर्ज करने के बाद उसे फिलहाल जेल की सलाखों के भीतर भेज दिया गया है।
छोटे कर्मचारी को फंसाया गबन में अफसरों को बचाया प्रशासन ने…..
जिला सांख्यकीय विभाग रायसेन में एक नहीं बल्कि तीन अधिकारियों द्वारा गबन तो किया गया। लेकिन तत्कालीन जिला प्रशासन के प्रशासनिक अधिकारियों को आंच तक नहीं आने दी। बल्कि सारा घोटालों का सीधा आरोप अदने से कम्प्यूटर ऑपरेटर पर लाद दिया गया है। यहां जिला सांख्यकीय विभाग रायसेन में स्वेच्छानुदान निधि सांसद विधायक निधि में करोड़ों के घोटाले की चर्चा यहां आम बात की तरह लोग चुटकी लेते हुए करते नजर आ रहे हैं।
जेल में आरोपी से बातचीत के बाद परिजनों ने तीन जिला सांख्यकीय अधिकारियों पर लगाए आरोप….
आरोपी संविदा कम्प्यूटर ऑपरेटर राजेश विश्वकर्मा से उसके परिजनों ने मुलाकात के बाद भ्र्ष्टाचार के सीधे अधिकारियों पर आरोप लगाए हैं।जबकि राजेश कुमार विश्वकर्मा सारे गबन के मामले में बेकसूर हैं। उसे करोड़ रुपये के गबन के मामले में झूठा फंसाया गया है। जिला सांख्यकीय अधिकारी एके रिछारिया जिला सांख्यकीय विभाग में पिछले 11 सालों से कुर्सी पर डटे हुए हैं। वह करोड़ों के भ्र्ष्टाचार कर रकम हड़प रहे हैं।जिम्मेदार अधिकारी भी उसे बचा लेते हैं। जिससे वह आला अफसरों का भी चहेता बना हुआ है।
अफसरों ने ऐसे की रकम गोलमाल
बताया जा रहा है आरोपी के परिजनों ने तत्कालीन जिला प्रशासन के एक मुखिया समेत जिला सांख्यकीय अधिकारी कमल कुमार गुप्ता इसके बाद रजनी मैडम सहित एके रिछारिया पर भी घपले के आरोप लगाए हैं।उन्होंने मीडिकर्मियों से चर्चा करते हुए बताया कि हमारा राजेश विश्वकर्मा निर्दोष ईमानदार है। उसे जिम्मेदार अधिकारियों ने झूठा फंसाया है।जो कि सरासर गलत अन्यायपूर्ण कार्यवाही की गई है। जिनको वास्तव में जेल जाना चाहिए था।वह कुर्सी पर बैठकर फिर से राशि डकार रहे हैं। उन्होंने बताया कि उक्त जिम्मेदार अधिकारियों ने भ्र्ष्टाचार कर जुटाई रकम को राजेश के बैंक खातों में जमा करवा देते थे।बाद में राजेश से उसके खातों में जमा राशि आहरण करवाकर आपस में बंदरबांट कर लेते थे। सांसद विधायक और करोड़ों की स्वेच्छानुदान की राशि घोटाला की तीनों सांख्यकीय अफसरों ने गबन के झूठे मामले में कसूरवार ठहरा दिया राजेश को। उन्होंने बताया कि दोषी तीनों जिला सांख्यकीय अधिकारियों के कार्यकाल की जांच बारीकी से कराई जाना चाहिए।घोटाला खुलकर सामने आ जाएगा।
इस संबंध में एके रिछारिया जिला सांख्यकीय अधिकारी रायसेन का कहना है कि करोड़ों के गबन के आरोप में फंसे राजेश विश्वकर्मा के परिजनों ने मुझ पर जो आरोप लगाए हैं। वह सरासर गलत व बेबुनियाद हैं। पुलिस जांच में आरोपी राजेश ने भ्र्ष्टाचार की वह करोड़ों की राशि बैंक खाते से लौटाई भी है। इसीलिए पुलिस अधिकारियों ने उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज कर जेल भेजने की कार्रवाई की है ग्वालियर की आडिट जांच टीम की रिपोर्ट के आधार पर राजेश विश्वकर्मा को आरोपी बनाया गया है।

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