मध्य प्रदेश

धरवारा जीआरएस होगा बर्खास्त, कलेक्टर ने दिया नोटिस, धरवारा जीआरएस पर लटकी बर्खास्तगी की तलवार

लाखों के भ्रष्टाचार पर सचिव निलंबित, सरपंच पर धारा 40 की कार्यवाही प्रस्तावित
रिपोर्टर : सतीश चौरसिया उमरिया पान।
उमरियापान। जनपद पंचायत ढीमरखेड़ा की ग्राम पंचायत धरवारा में लाखों रुपये के भ्रष्टाचार के मामले में प्रशासन ने कड़ा रुख अख्त्यार कर लिया है। उक्त मामले की गंभीरता को देखते हुये कलेक्टर प्रियंक मिश्रा ने धरवारा रोजगार सहायक नरेन्द्र हल्दकार को बर्खास्तगी को नोटिस थमा दिया है जिसमें जीआरएस को एक सप्ताह की मोहलत दी गई है। यदि संतोषजनक जवाब नहीं दिया जाता है तो रोजगार सहायक को बर्खास्त किया जायेगा।
वहीं उपरोक्त मामले में धरवारा सचिव रामसहाय चक्रवर्ती को पहले ही निलंबित कर दिया गया है जबकि सरपंच किशोरीलाल हल्दकार को भी दोषी पाया गया है जिसमें जल्द ही सरपंच पर धारा 40 की कार्यवाही प्रस्तावित की जा सकती है क्योंकि लाखों रुपये के भ्रष्टाचार मामले में उक्त तीनों व्यक्ति दोषी पाये गये है लिहाजा ग्रामीणों ने उक्त मामले को पहले कलेक्टर कटनी एवं जिला पंचायत सीईओ को ज्ञापन सौंपकर कार्यवाही की मांग की थी लेकिन कोई कार्यवाही न होने के कारण ग्रामीणों द्वारा पुनः बड़वारा विधायक विजयराघवेंद्र सिंह को उक्त संपूर्ण मामले में अवगत कराया था जिसमें संज्ञान लेते हुये बड़वारा विधायक ने एक पत्र कलेक्टर कटनी एवं जिला पंचायत सीईओ को लिखा था और उक्त पत्र जारी होने के बाद ही प्रशासन हरकत में आया जिसके बाद कलेक्टर ने जिला पंचायत सीईओ से उक्त मामले में निष्पक्ष जांच करने के निर्देश दिये थे। सीईओ जगदीश चंद्र गोमे ने उक्त संपूर्ण मामले की जांच के लिये सीईओ जनपद पंचायत ढीमरखेड़ा विनोद पांडेय को अधिकृत किया था जिसमें सीईओ ढीमखेड़ा से जांच के दौरान पाया कि धरवारा सरपंच, सचिव और रोजगार सहायक के द्वारा शासन की विभिन्न योजनाअें में भ्रष्टाचार किया गया और गलत तरीके से राशि आहरित की गई है। सीईओ जनपद पंचायत ढीमरखेड़ा विनोद पांडेय ने जांच के बाद अपना प्रतिवेदन जिला पंचायत सीईओ को सौपा था जिसके बाद सीईओ जिला पंचायत ने धरवारा सचिव को निलंबित कर दिया था वहीं जानकारी यह भी लगी है कि सरपंच पर धारा 40 की कार्यवाही हो सकती है जबकि रोजगार सहायक को बर्खास्त करने के लिये प्रतिवेदन कलेक्टर को सौंपा गया है चूंकि कुछ समय पहले ही शासन द्वारा रोजगार सहायक (जीआरएस) पर कार्यवाही का अधिकार कलेक्टर को दे दिया गया है। लिहाजा कलेक्टर द्वारा रोजगार सहायक को अंतिम नोटिस थमा दिया गया है जिसमें एक सप्ताह का समय दिया गया है इस दौरान यदि संतोषजनक जवाब नहीं मिलता है तो रोजगार सहायक को बर्खास्त किया जायेगा।
ये है मामला
ग्राम पंचायत धरवारा में सरपंच किशोरीलाल हल्दकार, सचिव रामसहाय चक्रवर्ती, जीआरएस नरेन्द्र हल्दकार के द्वारा मनरेगा, प्रधानमंत्री आवास योजना, स्वच्छ भारत मिशन सहित अन्य योजनाओं में जमकर भ्रष्टाचार किया गया था जिसमें पर ग्रामीणों द्वारा शिकायत की गई तो जांच में सत्यता पाई गई जिसमें धरवारा सरपंच, सचिव और रोजगार सहायक दोषी पाये गये जिसमें जिला पंचायत सीईओ ने धरवारा सचिव को पहले ही निलंबित किया कर था।
जनपद के अधिकारियों की भूमिका संदिग्ध
उपरोक्त मामले में कार्यवाही होने के बाद सरपंच, सचिव और रोजगार सहायक मुखर हो गये है उनके द्वारा यह भी आरोप लगाये जा रहे है कि पूरा पैसा हम लोगों ने नहीं खाया इसमें जनपद के अधिकारियों भी शामिल थे इसलिये जब हम लोगों पर कार्यवाही हो रही है तो उन पर भी कार्यवाही की जाये क्योंकि जो भ्रष्टाचार किया गया है उसमें जनपद के अधिकारियों की भूमिका भी संदिग्ध मानी जा रही है क्योंकि बिना अधिकारियों की सहमति के इतना बड़ा भ्रष्टाचार नहीं किया जा सकता लिहाजा उपरोक्त मामले में संबंधित अधिकारियो पर भी कार्यवाही होना चाहिये।

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