सांप्रदायिक हिंसा के शिकार परिवार को मिली मदद, खुलवाई किराने की दुकान

सिलवानी । जिले की सिलवानी तहसील के चैनपुर गांव में सांप्रदायिक हिंसा के शिकार एक परिवार को सामाजिक संस्था की पहल पर आर्थिक संबल मिल सका है। दिल्ली की संस्था सेवा न्याय उत्थान फाउंडेशन और स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ताओं की मदद से पीड़िता फूलाबाई को अब किराने की दुकान के जरिये आजीविका का नया जरिया मिला है। गौरतलब है कि वर्ष 2022 में खमरिया क्षेत्र में हुए सांप्रदायिक तनाव के दौरान चैनपुर और चंद्रपुरा गांव के हरि धुर्वे और राजू धुर्वे की हत्या कर दी गई थी।
घटना के बाद से मृतकों के परिवार गहरे आर्थिक संकट में थे। इस मामले में न्यायिक कार्रवाई अभी जारी है। हाल ही में प्रतापगढ़ तहसील में आयोजित संविधान गौरव सम्मान कार्यक्रम में जब पीड़ित परिवारों ने मानव अधिकार आयोग के सदस्य प्रियंक कानूनगो से मदद की गुहार लगाई। इसके बाद आयोग के माध्यम से दिल्ली की संस्था सेवा न्याय उत्थान फाउंडेशन ने संपर्क किया। संस्था की संस्थापक स्वाति गोयल शर्मा ने पीड़िता फूलाबाई की स्थिति जानने के बाद उन्हें किराना दुकान शुरु करने के लिए सामग्री व आर्थिक सहयोग प्रदान किया। शनिवार को चैनपुर गांव में सामाजिक कार्यकर्ता राजेंद्रसिंह राजपूत और आयुध रिसर्च फाउंडेशन के सदस्य आशुतोष भार्गव की मौजूदगी में दुकान का विधिवत शुभारंभ किया गया। इस अवसर पर वीरेंद्र यादव, घनश्याम राठौर, अवधेश बारीवा, मंडल अध्यक्ष पप्पू ठाकुर सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण उपस्थित रहे। ग्रामीणों ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि यह केवल एक दुकान का उद्घाटन नहीं बल्कि सामाजिक एकजुटता का प्रतीक है। ऐसे कठिन समय में जब कोई परिवार अकेला पड़ जाता है, तो समाज और संस्थाएं उसके साथ खड़ी होती है, यह उदाहरण उसी का प्रमाण है।



