कृषिमध्य प्रदेश

कृषि कार्य के लिए नहीं मिल रहे मजदूर, मशीनों से किसान कर रहे कटाई

सिलवानी विकासखण्ड में हार्वेस्टर मशीनों का लग गया जमावड़ा
सिलवानी। विकासखण्ड के ग्रामीण अंचलों में इन दिनों धान कटाई का कार्य शुरू हो चुका है। किसान धान की कटाई और मिसाई के लिए जुट गए हैं। लेकिन विडंबना यह है कि कृषि कार्य के लिए मजदूर नहीं मिल रहे हैं। जिसके कारण किसानों को काफी परेशान होना पड़ रहा है। किसानों द्वारा अब मशीनों से धान की कटाई और मिसाई का कार्य कर रहे हैं। हालांकि, इस वर्ष अल्प वर्षा होने से खेतों में धान की फसल कम ही है साथ ही उत्पादन भी प्रभावित हुआ है। गत वर्ष की भांति इस वर्ष कम रकबे में धान की खेती का कार्य हुआ है। जिन किसानों के पास सिंचाई के साधन थे उन्हीं किसानों के द्वारा धान की फसल की खेती का कार्य किया गया है। धान की कटाई व मिसाई कार्य के लिए हार्वेस्टर मशीनों का जमावड़ा भी लग गया है। दीपावली पर्व में लोग घरों की साफ-सफाई में लग गए हैं। दीपावली के बाद जोरों से धान कटाई का कार्य शुरू हो जाएगा। वहीं विकासखण्ड क्षेत्र के कुछ गांवों में हार्वेस्टर मशीनों से धान कटाई का कार्य जोरों से चल रहा है। अंचल में ग्रामीणों के पलायन करने के कारण कटाई कार्य के लिए मजदूर नहीं मिल रहे हैं। जिसके कारण किसान परेशान है। जिसके चलते बड़े किसानों द्वारा मशीन से धान कटाई कराई जा रही है। ग्रामीण अंचलों में काम व मजदूरी कम मिलने से गरीब मजदूर रोजगार की तलाश में महानगर की ओर पलायन कर रहे हैं। इससे गांवों में कृषि कार्य के लिए मजदूर बमुश्किल मिलते है।
लोग हो रहे परेशान
साथ ही मजबूरन छोटे स्तर के किसान स्वयं अपने परिवार के साथ ही धीरे-धीरे धान कटाई में लगा हुआ है। किसानों ने बताया कि अधिक मजदूरी की लालच में मजदूर बाहर कमाने जाते हैं। गांव में खेती में कार्य करने मजदूर नहीं मिलते हैं और जो मिलते हैं वे भी अधिक मजदूरी मांगते हैं। इससे खेती के कार्य में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। अब किसानों द्वारा मशीन से धान की कटाई और मिसाई का कार्य कर रहे हैं। लेकिन यह कार्य भी अब किसानों को महंगा पड़ रहा है। हार्वेस्टर वालों के द्वारा डीजल रेट में बढोत्तरी के कारण इस वर्ष 1600 से 1700 रुपए एकड़ धान की कटाई का कार्य किया जा रहा है।

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