मध्य प्रदेश

टीबी मरीजों के परिजनों को संक्रमण से बचाने छह माह तक दी जाएगी इसोनिजाइड दवाई

कलेक्टर ने टीबी मरीजों के परिजनों को दवाई वितरित कर टीबी प्रिवेंटिव ट्रीटमेंट का किया शुभारंभ, टीबी के मरीजों को नियमित दवाईयां खाने की दी सलाह
रिपोर्टर : शिबलाल यादव, रायसेन
रायसेन। राष्ट्रीय क्षय उन्मुलन कार्यक्रम के तहत जिला अस्पताल में कलेक्टर अरविन्द कुमार दुबे द्वारा टीबी प्रिवेंटिव ट्रीटमेंट कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। इस अवसर पर कलेक्टर दुबे ने कहा कि टीबी प्रिवेंटिव ट्रीटमेंट के अंतर्गत ऐसे टीबी मरीज जिन्हें फेफड़ों की टीबी है,।उनके संपर्क में रहने वाले परिवारजनों को इसोनिज़ाइड दवाई छह माह तक दी जाएगी ।ताकि उन्हें टीबी रोग न हो। उन्होंने कार्यक्रम में उपस्थित टीबी मरीजों के परिजनों को इसोनिज़ाइड दवाई वितरित कर नियमित रूप से दवाई का सेवन करने के लिए कहा।
कलेक्टर दुबे द्वारा कार्यक्रम में उपस्थित टीबी मरीजों के परिवार के सदस्यों को एक माह की टीपीटी दवा वितरित की गई। साथ ही टीपीटी कार्ड आशा कार्यकर्ता को सौंपकर छह माह तक निरंतर निगरानी में उपचार पूर्ण करने के निर्देश दिए गए। कार्यक्रम में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ दिनेश खत्री ने बताया कि टीबी रोग मरीज़ के खांसने से अन्य व्यक्तियों में फैलता है । जिस कारण एक पॉजिटिव टीबी मरीज़ 10-15 व्यक्तियो को संक्रमित कर सकता है। इसलिए टीपीटी उपचार कराना बहुत जरूरी है। सिविल सर्जन डॉ एके शर्मा ने बताया कि रिसर्च के अनुसार 97 प्रतिशत केस में दो साल के अंदर परिवार के अन्य सदस्य में टीबी रोग की संभावना हो जाती है। बच्चों में संक्रमण होने की संभावना अधिक होती है ।जिस काऱण वे कुपोषण के शिकार भी हो जाते है।
जिला क्षय अधिकारी डॉ प्रीति बाला ने बताया कि टीबी प्रिवेंटिव उपचार देने से टीबी संक्रमण होने की संभावना बहुत ही कम हो जाएगी। भारत सरकार वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त भारत करने के लिए प्रतिबद्ध है। पूरे विश्व की तुलना मे भारतवर्ष में सबसे अधिक टीबी रोगी हैं एवं लगभग 40 करोड़ लोगों में टीबी इंफेक्शन लेटेंट रूप में पाया जाता है जिसमें से प्रतिवर्ष 26 लाख भारतीयों में एक्टिव टीबी होकर नए टीबी रोगी बन जाते है। इसलिए टीबी मुक्त भारत के लिए लेटेंट टीबी इंफेक्शन का उपचार राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम का अत्यधिक महत्वपूर्ण प्रयास है।
टीबी कार्यक्रम का विकासखण्ड वार बनाया प्लान…..
जिला कार्यक्रम समन्वयक डॉ आरती सिंह गंगवार ने बताया जिला स्तर के अलावा समस्त विकासखंडों में आज से टीबी प्रिवेंटिव ट्रीटमेंट कार्यक्रम प्रारंभ किया जा रहा है। ब्लॉक वार टीपीटी दवा वितरण का लक्ष्य निर्धारित किया गया है ।जिसके तहत बरेली में 849, बेगमगंज में 264, गैरतगंज में 426, औबेदुल्लागंज में 936, साँची में 939, सिलवानी में 495 तथा उदयपुरा में 570 लक्ष्य निर्धारित है। प्रतिमाह 30 प्रतिशत लक्ष्य पूर्ण कर तीन माह में सभी को टीपीटी उपचार देकर लेटेंट टीबी इंफेक्शन को खत्म कर रायसेन जिले को टीबी मुक्त करने के लिए समस्त स्वास्थ्य विभाग प्रतिबद्ध है। कार्यक्रम में उपस्थित आशा कार्यकर्ताओं द्वारा टीबी मरीज़ के संपर्क मे रहने वाले परिजनों की कॉउंसिलिंग भी की गई। उन्हें उपचार लेने के लिए समझाईश दी गई। कार्यक्रम में क्षय एवं एड्स विभाग से डॉ बख्तायर अहमद सीएमएचओ डॉ दिनेश खत्री ,सिविल सर्जन डॉ एके शर्मा सहित अन्य चिकित्सक भी उपस्थित थे।

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