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कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने राजभवन में राज्यपाल को सौंपा इस्तीफा

बैंगलोर। कर्नाटक की सियासत में एक बार फिर हलचल तेज हुई है. सोमवार को बी.एस. येदियुरप्पा ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। ये इस्तीफा तब हुआ है। जब आज ही कर्नाटक की बीजेपी सरकार को दो साल पूरे हुए हैं, ऐसे में अब हर किसी की नज़र इस बात पर है कि अब बीजेपी राज्य की कमान किसे सौंपती है। मुख्यमंत्री के इस्तीफे के ऐलान के बाद अब राजभवन पर हलचल जारी है। बीएस. येदियुरप्पा के अलावा कई अन्य नेता-मंत्री भी राजभवन पहुंचे हैं। अपने इस्तीफे का ऐलान करते हुए बीएस. येदियुरप्पा ने कहा कि उन्हें कर्नाटक के लोगों के लिए काफी काम करना है. हम सभी को मेहनत के साथ काम करना चाहिए. भावुक हुए बीएस. येदियुरप्पा ने कहा कि वह हमेशा अग्निपरीक्षा से गुजरे हैं।
सोमवार को कर्नाटक में बीजेपी सरकार के दो साल पूरे होने का जश्न मनाया जा रहा है। बीएस. येदियुरप्पा भी सुबह से अलग-अलग कार्यक्रमों में हिस्सा ले रहे थे. बीएस. येदियुरप्पा के इस्तीफे के ऐलान के बाद दिल्ली में भी हलचल तेज़ हुई है। बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कर्नाटक प्रभारी अरुण सिंह से चर्चा की है। माना जा रहा है कि जल्द ही ऑब्जर्वर के नाम का ऐलान हो सकता है, जिसके बाद सीएम चुना जाएगा।
दिल्ली में पीएम मोदी, जेपी नड्डा से की थी मुलाकात बता दें कि कर्नाटक की सियासत को लेकर लंबे वक्त से कई तरह की अटकलें लगाई जा रही थीं। हाल ही में बीएस. येदियुरप्पा ने नई दिल्ली आकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की थी. तभी ये बात कही जा रही थी कि अब येदियुरप्पा अपना पद छोड़ सकते हैं। जब से बीएस. येदियुरप्पा के इस्तीफे की अटकलें तेज़ हुई थी, तभी से लिंगायत समुदाय के लोगों का बीएस. येदियुरप्पा से मिलना जारी था. ऐसे में इन मुलाकातों को केंद्रीय नेतृत्व को दिए जा रहे एक संदेश के तौर पर देखा जा रहा था. हालांकि, बाद में बीएस. येदियुरप्पा ने साफ किया था कि अगर केंद्रीय नेतृत्व तय करेगा तो वह इस्तीफा दे देंगे।
उल्लेखनीय है कि 2018 के विधानसभा चुनाव के बाद राज्य में कांग्रेस-जेडीएस की सरकार बनी थी, लेकिन ये सरकार एक साल ही चल पाई थी और बाद में बीजेपी ने बीएस. येदियुरप्पा की अगुवाई में अपनी सरकार बना ली थी।

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