पचपेढ़ी रोजगार सहायक 2 हजार की रिश्वत लेते गिरफ्तार, पीएम आवास के नाम पर मांगी थी 5 हजार की रिश्वत
पहली किस्त लेते ही धराया, लोकायुक्त टीम ने करने लगा झगड़ा
रिपोर्टर : सतीश चौरसिया उमरिया पान।
उमरियापान। कटनी जिले की जनपद पंचायत ढीमरखेड़ा की ग्राम पंचायत पचपेढ़ी में पदस्थ रोजगार सहायक कमलेश झारिया और दलाल भागचंद चक्रवर्ती को 2 हजार रूपये की रिश्वत लेते लोकायुक्त टीम ने गिरफ्तार किया गया है और जैसे ही इन दोनों के हाथ धुलवाये गये तो हाथ लाल हो गये।
इस संबंध में डीएसपी लोकायुक्त जेपी वर्मा ने बताया कि ग्राम पकरिया निवासी कालीचरण पिता अमृलाल लोधी उम्र 49 वर्ष को प्रधानमंत्री आवास योजना की तीसरी किश्त जारी करने के लिए ग्राम पंचायत में पदस्थ रोजगार सहायक कमलेश पिता प्रभुदयाल मेहरा उम्र 44 वर्ष 5 हजार रुपये की मांग कर रहा था। कालीचरण ने जब रुपए नहीं दिए तो कमलेश झारिया ने उसका काम रोक दिया, जिससे परेशान होकर कालीचरण रिश्वत देने के लिए तैयार हो गया और पहली किस्त के रूप में 2 हजार रूपये देने का सौदा हुआ था। शिकायतकर्ता ने इस बात की शिकायत लोकायुक्त एसपी अनिल विश्वकर्मा से की, इसके बाद 1 जुलाई को दोपहर लगभग 12 बजे कालीचरण लोधी दो हजार रुपए लेकर ग्राम पंचायत कार्यालय पहुंचा। जहां पर रोजगार सहायक कमलेश मेहरा ने पचपेढ़ी निवासी दलाल भागचंद पिता दुलीचंद चक्रवर्ती उम्र 60 वर्ष को रिश्वत के दो हजार रुपए दिला दिए, इसके बाद भागचंद ने उक्त रकम लेकर कमलेश को दी। तभी पंचायत के बाहर खड़ी टीम ने उक्त दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। इस बात की जानकारी जैसे ही गांव में फैली तो हुजूम उमड़ पड़ा यहां तक लोकायुक्त टीम को पंचायत का मैन गैट तक बंद करना पड़ा। लोकायुक्त पुलिस ने बताया कि रोजगार सहायक पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है वहीं दलाल को सहआरोपी बनाया गया है।
लोकायुक्त टीम से करने लगा विवाद
लोकायुक्त टीम को देखते हुए ग्राम पंचायत सहित पूरे गांव में हड़कंप की स्थिति निर्मित हो गई और टीम ने जैसे ही रोजगार सहायक कमलेश झारिया को रंगे हाथों पकड़ा तो उसने विवाद करना शुरु कर दिया और वह भागचंद को पहचानने से भी इंकार कर रहा था, जबकि भागचंद को कमलेश मेहरा ने ही काम पर रखा था और इसी के माध्यम से हितग्राहियों से पैसे लेता था। इस दौरान लोकायुक्त डीएसपी जेपी वर्मा, इंस्पेक्टर स्वप्रिल दास, भूपेन्द्र कुमार दीवान, आरक्षक अमित मंडल, विजय सिंह विष्ट, अंकित दाहिया, दिनेश दुबे व राकेश विश्वकर्मा ने दबिश देकर दोनों को रंगे हाथ पकड़ लिया।
बिना पैसे के नहीं करता था कोई काम
उक्त मामले की जैसे ही जानकारी गांव में फैली तो पंचायत के बाहर ग्रामवासियों का हुजूम उमड़ पड़ा और वहां पर उपस्थित ग्रामीणों द्वारा बताया गया कि जब से पचपेढ़ी पंचायत की कमान जब से रोजगार सहायक कमलेश झारिया के हाथों में सौंपी गई है तब से इसने पंचायत को भ्रष्टाचार का अड्डा बना दिया है और बिना पैसे दिये कोई भी काम नहीं होते है। लिहाजा रोजगार सहायक की कार्यप्रणाली को लेकर लोगों में जमकर आक्रोश व्याप्त था। और समय-समय पर अधिकारियों के समक्ष ग्रामीणें द्वारा गुहार भी लगाई जाती थी लेकिन अधिकारियों द्वारा पैसे लेकर शिकायतों को दबा दिया जाता था लेकिन कहते है ईश्वर के घर देर है अंधेर नहीं।
9 हजार के वेतन में बना ली लाखों की प्रापर्टी
बताया जाता है कि रोजगार सहायक को प्रतिमाह 9 हजार रूपये वेतन के रूप में मिलते है लेकिन उसके शौक किसी करोड़पति से कम नहीं है और इसके द्वारा शासकीय जमीन पर कब्जा कर लाखों की रूपये की लागत से मकान का निर्माण करवाया गया है। चर्चा यह भी है कि रोजगार सहायक द्वारा बहुत ही कम समय में अवैध रूप से धन अर्जित किया गया है और लाखों रूपये की संपत्ति का मालिक बन गया है।


