अपनी करतूतों पर पर्दा डालने पीएचई के अधिकारी दे रहे झूठी जानकारी
181 में हुई शिकायत तो ठेकेदार को बचाने लगे जिम्मेदार
मौके पर काम बंद फिर भी बता दिया कार्य प्रगति पर है
उमरियापान में 54 लाख की नल जल योजना का मामला
रिपोर्टर : सतीश चौरसिया, उमरियापान
उमरियापान । जनपद पंचायत ढीमरखेड़ा की ग्राम पंचायत उमरियापान में 54 लाख रुपये की लागत से नल जल योजना का काम 4 वर्ष पहले शुरु करवाया गया था लेकिन आज दिनांक तक वह पूर्ण नहीं होने और उक्त काम में भारी अनियमित्ता, भ्रष्टाचार और ठेका शर्तों का उल्लघन जमकर किया गया है।
उल्लेखनीय है कि ग्राम पंचायत उमरियापान द्वारा पीएचई विभाग के अधिकारियों को उक्त काम के संबंध में और ठेकेदार द्वारा की जा मनमानी के बारे में अवगत कराया गया कि उसके द्वारा कार्य नहीं किया जा रहा है। लिहाजा उसका भुगतान न किया जाये इसके बाद भी पीएचई विभाग के अधिकारियों ने कमीशन के चक्कर में उसका भुगतान कर दिया जबकि मौके पर काम पूरा नहीं है। वहीं पूरा भुगतान होने के बाद भी कार्य पूरा न होने के कारण पंचायत द्वारा आपत्ति ली गई और इस संबंध में कलेक्टर कटनी सहित अन्य अधिकारियों के समक्ष शिकायत की गई इसके बाद भी निराकरण नहीं किया गया तब परेशान होकर 181 में शिकायत की गई और संबंधित अधिकारियों की करतूतों को अवगत कराया गया। उपरोक्त मामले में 181 में शिकायत होने के बाद से ही संबंधित मातहत परेशान है और अब उनके द्वारा उपरोक्त मामले में पर्दा डालने का काम किया जा रहा है। शिकायतकर्ता ने बताया कि जब शिकायत निराकरण हेतु (एल-4) स्तर पर पहुंची है तब कार्यपालन यंत्री कटनी द्वारा झूठी जानकारी देकर 181 के पोर्टल पर यह अपलोड किया गया है कि जल जीवन मिशन के तहत ग्राम में नल जल योजना का कार्य प्रगतिरत है। अतः वर्तमान में शिकायत विलोपित किया जाना उचित होगा। जबकि ऐसा कुछ भी नहीं है और मौके पर कोई कार्य प्रगति पर नहीं है इसके बाद कार्यपालन यंत्री द्वारा इस तरह की टीप अंकित किया जाना समझ से परे है। इस तरह की झूठी जानकारी देने से उक्त मामले को समझा जा सकता है कि संबंधित अधिकारियों द्वारा ठेकेदार को किस तरह से सरकारी धन की बंदरबांट करवाई गई और नियमों को ताक पर रखकर बिना काम के भुगतान किया गया है जबकि हकीकत और कुछ ही बंया कर रही है।
पीएचई अधिकारियों और ठेकेदार की सांठगांठ आई सामने जिस तरह से बिना काम के ठेकेदार का पूर्ण भुगतान किया कर दिया गया है इससे एक बात स्पष्ट हो रही है कि हर कार्य में पीएचई विभाग के अधिकारियों और ठेकेदार की सांठगांठ से इनके द्वारा ऐसा ही किया जाता होगा जैसा ग्राम पंचायत उमरियापान में किया गया है। उपरोक्त मामले को नवभारत ने प्रमुखता के साथ उठाया था तब विभागीय अधिकारी पंचायत में दबाव बनाकर कहने लगे थे शिकायत नहीं करों जल्द पूरा काम करवा देंगे इसके बाद भी आज दिनांक तक उक्त कार्य पूर्ण नहीं किया गया है।
पाईप लाईन जगह-जगह क्षतिग्रस्त
54 लाख की नल जल योजना योजना में किस तरह से भ्रष्टाचार किया गया है इसकी बानगी ग्राम में बिछाई गई पाई लाईन से समझा जा सकता है जहां पर बिछाई गई पाईप लाईन जगह-जगह क्षतिग्रस्त हो गई है जिससे यह बात साफ है कि यदि भविष्य में उक्त काम को ठेकेदार द्वारा पूर्ण भी कर दिया जायेगा फिर भी इसका लाभ उमरियापान के वंशिदों को नहीं मिल पायेगा।
ठेका शर्तों का उल्लघंन
विभागीय सूत्रोें से मिली जानकारी के अनुसार सरकार द्वारा कोई भी ठेका जारी किया जाता तो उसमें उपयोग की जाने वाली सामग्री आईएसआई मार्क वाली होती है लेकिन उमरियापान पंचायत में हुये कार्य में ठेकेदार द्वार नियमों को दरकिनार करते हुये बिना आईएसआई मार्क वाला सामान इस्तेमाल किया गया है और इन सब बातों को जानते हुये भी पीएचई विभाग के अधिकारियों को सब कुछ ठीक दिख गया और उनके द्वारा बिना गुणवत्ता की जांचे-परखे और बिना कार्य का भुगतान कर दिया गया है जो अपने आप में संदेह पैदा करता है और इससे यह बात स्पष्ट होती है कि उक्त हुये भ्रष्टाचार में संबंधित विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत है और जमकर सरकारी धन की बंदरबांट की गई है।