रघुवंशी समाज ने पिछड़ा वर्ग में सम्मिलित होने के लिए एसडीएम को सौंपा ज्ञापन
सिलवानी। अखिल भारतीय रघुवंशी क्षत्रिय महासभा जिला रायसेन के बैनर तले तहसील के रघुवंशी समाज ने प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नाम एसडीएम संघमित्रा बौद्ध को रघुवंशी समाज को पिछड़ा वर्ग में सम्मिलित करने की मांग को लेकर मंगल भवन उदयपुरा रोड से रैली के रूप में तहसील प्रांगण आकर ज्ञापन सौंपा।
ज्ञापन में उल्लेख किया है कि मध्यप्रदेश में रघुवंशी समाज सामाजिक, शैक्षणिक रूप से अत्यंत पिछड़ी अवस्था में है। तथा रघुवंशी समाज रामजी महाजन पिछड़ा वर्ग आयोग से लेकर अभी तक रघुवंशी जाति को पिछड़ा वर्ग में सम्मिलित करने हेतु संघर्षरत है। मध्यप्रदेश का रघुवंशी समाज अशोकनगर, गुना, विदिशा, रायसेन, होशंगाबाद, जबलपुर, नरसिंहपुर, छिंदबाड़ा, बैतूल, धार, इंदौर, उज्जैन, देवास, जिले में काफी अधिक संख्या में है। तथा ग्वालियर, शाजापुर, सीहोर, राजगढ़, खंडबा, खरगौन, हरदा, शिवपुरी, सागर इत्यादि जिलों में रघुवंषी निवासरत है। उपरोक्त सभी जिलों में रघुवंशी जाति में साक्षरता कम है। शासकीय सेवाओं विशेषकर तकनीकि एवं एकेडेमिक सेवाओ में प्रतिशत नगण्य है। तथा अखिल भारतीय सेवाओं में प्रतिशत शून्य है। ग्रामीण इलाकों में अधिकांश लघु और सीमांत कृषक, एवं खेतिहर मजदूर है। तथा शहरों में मिल मजदूर एवं प्रायवेट फार्मो में वर्कर है। या निम्न आय वर्ग से है। एकेडेमिक एवं तकनीकि शिक्षण संस्थाओं में समाज के विद्यार्थियों की संख्या नगण्य है। निजी व्यवसाय में भी समाज का प्रतिनिधित्व नगण्य है। अर्थात रघुवंशी जाति अत्यंत पिछड़ी अवस्था है।
ज्ञातव्य है कि आजादी के पष्चात से गठित राष्ट्रीयआयोग में मध्यप्रदेश सहित पूरे देश में रघुवंशी जाति की सामाजिक एवं शैक्षणिक स्थिति को देखते हुये रघुवंशी जाति अपनी रिपोर्ट में पिछड़ा वर्ग में शामिल करने की अनुशंसा की है। जिसकी रिपोर्ट को केन्द्र सरकार द्वारा स्वीकृत कर रघुवंशी जाति को पिछडा वर्ग में मान्य किया गया है। काका कालेकर आयोग की रिपोर्ट एवं मंडल आयोग की रिपोर्ट में मध्यप्रदेश राज्य अंतर्गत अन्य पिछड़ा वर्ग की सूची रघुवंशी जाति को पूर्व से ही शामिल किया हुआ है।
यह भी उल्लेखनीय है कि सुश्री उमाभारती तत्कालीन मुख्यमंत्री के कार्यकाल में मध्यप्रदेश राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग अध्यक्ष सरदारसिंह डंगस ने अपनी अनुशंसा दिनांक 29 अप्रेल 2004 के माध्यम से रघुवंशी जाति को पिछड़ा वर्ग की सूची में सम्मिलित करने की अनुशंसा की थी। तथा उसी अनुशंसा के तारतम्य में मध्यप्रदेश शासन पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग ने भी दिनांक 9 अगस्त 2004 को मंत्रिमंडल के समक्ष रघुवंशी जाति को पिछड़ा वर्ग में शामिल करने संबंधी अपनी पूर्व अधिसूचना क्रमांक एफ/ 23-4 /97 /54 -1 दिनांक 2 अप्रेल 1997 में पिछड़ा वर्ग की सूची में क्रमांक 67 पर अंकित राघवी जाति के पष्चात रघुवंशी जाति को जोड़ते हुये संशोधन प्रस्तावित किया था। किन्तु मंत्रीमंडल के समक्ष प्रकरण प्रस्तुत न होने से रघुवंशी जाति को पिछड़ा वर्ग में सम्मिलित करने संबंधी प्रकरण अभी तक लंबित बना हुआ है।
रघुवंशी समाज ने मध्यप्रदेश पिछड़ा वर्ग आयोग की सिफारिश अनुसार एवं मध्यप्रदेश पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग द्वारा रघुवंशी जाति को पिछड़ा वर्ग में सम्मिलित करने हेतु पूर्व में भेजे गये प्रस्ताव दिनांक 9 अगस्त 2004 के अनुशरण में मंत्रीमंडल का अनुमोदन प्रदान कर समस्त रघुवंशी जाति को अन्य पिछड़ा वर्ग की सूची में शामिल कर रघुवंशी जाति को आरक्षण का लाभ दिलाने की मांग की है। इस दौरान उमाशंकर रघुवंशी राष्ट्रीय महासचिव, राजेन्द्र सिंह राष्ट्रीय संगठन मंत्री, घनष्याम सिंह प्रदेश महासचिव, कविन्द्र सिंह प्रदेश उपाध्यक्ष, खुमान सिंह प्रदेश संगठन मंत्री, अजय पटेल युवा जिलाध्यक्ष रायसेन, माधो सिंह जिलाध्यक्ष होशंगाबाद, श्रीमति हेमलता महिला जिलाध्यक्ष रायसेन, योगेन्द्र सिंह प्रदेश उपाध्यक्ष, कैलाश रघुवंशी जिलाध्यक्ष विदिशा, रामेष्वर रघुवंशी जिलाध्यक्ष रायसेन, शिवकुमार रघुवंशी दानेन्द्र जिला मीडिया प्रभारी, बलवीर रघु आदि मौजूद रहे।