मध्य प्रदेश

पात्रता पर्ची के लिए हितग्राही 3 माह से परेशान, आवेदन देने पर भी नहीं बनी राशन पर्ची

पीड़ित ने लगाए गंभीर आरोप ?
नगर पालिका अध्यक्ष तक जा पहुंची बात , एक वर्ष से गुमराह कर रहा हैं अतिरिक्त श्रमिक, सीएमओ साहब ने भी गाया गौरव गाथा का गान, राशन पर्ची के लिए क्यों भटक रहे जरूरतमंद

ब्यूरो चीफ : मनीष श्रीवास
जबलपुर। एक ओर जहां हमारी सरकारे योजनाओं का ढ़िढोरा पीट रही हैं वहीं हर गरीब को उसका हक मिलने की बात कहती है। पर वहीं गरीब वर्ग, असहाय मजदूर और मजबूर इस योजना का लाभ लेना तो दूर योजना की पात्रता पाने के लिए सालों से भटकते नजर आ रहे हैं। साथ ही उन्हे गुमराह भी किया जाता है। ताजा मामला सिहोरा नगर पालिका परिषद में देखने को मिला हैं। नए नए नियम और दस्तावेजों के जाल में फंसाकर कुछ घूसखोरों द्वारा अपनी रोटी सेकने के चक्कर में जमकर जेब गर्म की जाती है। जिससे मजबूर पीड़ित उन घूसखोरों की पूर्ति ना कर पाने के चक्कर में योजना का लाभ पाने से बंचित रह जाता है। फिर दर दर की ठोकर खाने के बाद थक कर चुप बैठ जाता है।
नगर पालिका परिषद सिहोरा का क्या हैं पूरा मामला –
आपको बताना चाहेगे कि पूरा मामला नगर पालिका परिषद् सिहोरा का है। जहां राशन पर्ची बनवाने के लिए भटक रहे दो पीड़ितों ने अपनी व्यथा बताई तो सरकार की योजनाओं के बहुत से खोखले राज उजागर हो गए। एक पीड़ित ने अपनी लिखित शिकायत प्रमुख्य सचिव, नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग, भोपाल, आयुक्त, नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग भोपाल, अपर आयुक्त नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग, भोपाल, संभागीय आयुक्त जबलपुर, कलेक्टर जबलपुर, एवं मुख्य नगर पालिका अधिकारी सिहोरा से की तो वहीं दूसरे पीड़िता के पति ने अपनी पीड़ा नगर पालिका अध्यक्ष संध्या दिलीप दुबे को बताई है।
न्याय की गुहार में उच्च अधिकरियों तक क्यों जा पहुंचा पीड़ित –
पीड़ित शुभम् केवट पिता प्रेमलाल केवट निवासी वार्ड क्रं 2, सिहोरा ने लिखित शिकायत में बताया कि वह प्रायवेट में मजदूरी का कार्य करता है। विवाह होने के बाद वह अपने माता पिता से अलग हो गया था। वह पूर्व से ही प्राईवेट मजदूरी का कार्य कर रहा है। पीड़ित ने शिकायत में आरोप लगाया हैं कि उसे राशन की आवश्यकता होने पर वह नगर पालिका परिषद् सिहोरा में पदस्थ अतिरिक्त श्रमिक अमर के पास राशन पर्ची बनवाने लगभग 3 माह पूर्व गया था। जिसके बाद अमर द्वारा नगर पालिका के पास स्थित भाई की एमपी आनलाईन दुकान में मेरे से समग्र आईडी, बच्चों के आधार कार्ड, ई श्रम कार्ड, ले लिया गया। और कहा गया काम हो जाएगा आप जाओ। और पीड़ित बार बार उनसे संपर्क करता था लेकिन उसे सर्वर नहीं चल रहा है। कह कर वापस भेज दिया जाता था। फिर पीड़ित द्वारा नगर पालिका जाकर अमर चौहान से मिला तो उन्होने मुझे फिर आवेदन करने कहा गया और मेरे द्वारा 19 फरवरी 2025 को राशन पर्ची के लिए आवेदन करवाया गया। ऐसे मुझे लगभग पिछले 3 माह से परेशान करके गुमराह किया जा रहा था। जिसके बाद अभी फिर 19 मार्च 25 को नगर पालिका सिहोरा में जाकर अमर सिंह चौहान से मिला तो उनके द्वारा कुछ पैसे की मांग की गई और मेरे द्वारा पूछने पर कहा गया मेरी दुकान में जाकर 2 हजार रुपए जमा करा दो काम हो जाएगा?
क्या अमर चौहान नगर पालिका परिषद् में अतिरिक्त श्रमिक के रूप में कार्य कर रहा है। और अमर चौहान द्वारा अतिरिक्त श्रमिक होने के बाद भी संबल कार्ड, भवन निर्माण, समग्र आईडी, राशन, जन्म-मृत्यु, विवाह आदि शाखाओं का कार्य किया जाता है। और नगर पालिका परिषद् सिहोरा के पास ही अपने भाई के नाम से एमपी आनलाईन की दुकान खोलकर रखी गई है। और हमारे जैसे गरीब मजदूरी करने वाले लोगों को नगर पालिका से जुड़ी दुकान और दुकान से नगर पालिका के चक्कर लगवाए जाते है। क्या पैसे जमा कर देने पर एक बार में ही कार्य करवा देने का आश्वासन दिया जाता है। पीड़ित ने शिकायत में बताया है कि अगर उसकी राशन पर्ची नहीं बनाई जा सकती थी तो उसे पहले ही अमर चौहान द्वारा बताया जा सकता था। परंतु लगभग 3 माह से परेशान करके यहां से वहां घुमाया जा रहा है। और बार बार नए दस्तावेज जमा करने या कुछ समझ बाद आने को कहा जाता हैं और ऐसे पीड़ित लगभग पिछले 3 माह से परेशान है। पीड़ित के अनुसार उसकी आर्थिक स्थिती कमजोर है। और वह शासन की योजना के माध्यम से राशन पर्ची बनवाकर योजना का लाभ लेना चाहता है। परंतु अमर के द्वारा उसे 3 माह से भटकाकर, गुमराह करते हुए परेशान किया जा रहा है। ना ही राशन पर्ची बनाई जा रही है। और ना ही राशन मिल पा रहा है। पीड़ित परिवार परेशान है।
पीड़ित ने उच्च अधिकारियों से राशन पर्ची बनवाने, व अतिरिक्त श्रमिक अमर चौहान के विरूद्ध कठोर कार्यवाही की मांग की है। इसी प्रकार दूसरा पीड़ित पहुंचा नपा अध्यक्ष के सामने, सुनाई अपनी पीड़ा
वार्ड क्रं 10 निवासी एक पीड़िता के पति ने नगर पालिका अध्यक्ष संध्या दिलीप दुबे के सामने उपस्थित होकर खुद अपनी पीड़ा बताते हुए कहा कि वह 5 हजार रू के मासिक वेतन पर प्रायवेट नौकरी करता हैं और लगभग एक साल से राशन पर्ची बनवाने के लिए नगर पालिका के चक्कर लगा रहा है। और वहां पदस्थ अतिरिक्त श्रमिक अमर चौहान द्वारा कैसे उस पीड़ित को एक साल से रोज नए आश्वासन और रोज गोल गोल घुमाकर नए दस्तावेजों की मांग करना । बाद कुछ ले देकर कार्य करवा देना नगर पालिका अध्यक्ष के समक्ष बताया कि अमर चौहान द्वारा अपने भाई की दुकान में जाकर कुछ ले देकर कार्य करवा लेने की बात पीड़ित ने खुद बताई । जिस पर नगर पालिका अध्यक्ष संध्या दुबे द्वारा गंभीरता से मामले को समझा और अतिरिक्त श्रमिक अमर चौहान को सामने बुलाया तो पहले नगर पालिका के साहब अमर चौहान नपा अध्यक्ष को ही गोल गोल घुमाने का प्रयास करने लगे और उल्टा चोर कोतवाल को ही डाटने लगा और अपने आप को पानी से भी साफ बताने लगे तो नपा अध्यक्ष संध्या दुबे को समझने में तनिक भी देर ना लगी और उनके द्वारा सख्त रूख अपनाया गया और जब फटकार लगाई तो नपा के अमर चौहान ने कल ही पूरा कार्य करा देने की बात कहने लगे।
मुख्य नगर पालिका अधिकारी –
सीएमओ साहब की गौरव गाथा का गान
वहीं इस मामले में जब नगर पालिका के जिम्मेदार अधिकारी शैलेन्द्र कुमार ओझा से उनका पक्ष जाना गया तो साहब ने आरोपों को निराधार बता दिया और सीएमओ साहब द्वारा ना आवेदन की जांच कराई गई। ना पीड़ितो की हालत को सुना गया ना पीड़ितों के हालातों को समझा गया और सीधे कह दिया कि सब निराधार हैं। और साहब के अनुसार तो अतिरिक्त श्रमिक अमर चौहान तो दूध का धुला व्यक्ति हैं वह ऐसा नहीं कर सकता और सीएमओ साहब ने तो समस्या की बिना तह तक गए और समस्या के निराकरण को उचित ना समझकर उल्टा ही गौरव गाथा का गान गाने लग गए। तो साहब ऐसे में पीड़ित को न्याय कहां तक संभव हो पाएगा। अभी तो कुछ एक दो पीड़ित ही सामने आए है। ऐसे कितने पीड़ित होगे जिनके साथ इस व्यक्ति अमर चौहान द्वारा पैसे लिए गए होगे। कितनों का काम हुआ होगा। या कितने अभी भी यहां वहां भटक रहे हैं। इससे किसी को लेना देना नहीं पीड़ित अगर पीड़ित है। तो कोई कारण जरूर होगा, सीएमओ साहब समस्या का निराकरण गौरव गाथा के गान से नहीं होता। और अगर होता तो एक साल से पीड़ित आज नगर पालिका अध्यक्ष के सामने खड़ा नहीं होता और दूसरा 3 माह से पीड़ित न्याय की गुहार लगाने उच्च अधिकारियों को आवेदन ना करता।
ई श्रम कार्ड, संबल कार्ड, से बन सकती है राशन पर्ची- योजना प्रभारी
वहीं जब योजना शाखा प्रभारी कल्पना दिक्षित से इस मामले में बात की गई तो उनके द्वारा बताया गया कि ई श्रम कार्ड, संबल कार्ड, आदि होने पर राशन पर्ची बनाई जा सकती है। और पीड़ितों से मिलकर जल्द ही उनकी समस्याओं का निराकरण करा दिया जाएगा।
नगर पालिका के पास ही खुली है। अतिरिक्त कर्मचारी की सेटिंग की दुकान
पीड़ितों के बताए अनुसार नगर पालिका के पास ही अमर चौहान ने अपने भाई के नाम से एक कम्प्यूटर दुकान खोल रखी है। और पूरा सेटिंग का काम इसी दुकान से होने की बात कही है। और पीड़ितों के अनुसार दस्तावेज भी उसी सेटिंग की दुकान जमा कराए गए और लिए गए है और वहीं पैसे जमा कर देने और कुछ ले देकर उसी दुकान से काम करा लेने की भी बात कही गई ।

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