13 जुलाई 2025 से शनि होंगे वक्री, 138 दिनों तक इन राशिवालों का बजेगा बैंड, बाकी ये राशियां भी रहें सतर्क

Astologar Gopi Ram : आचार्य श्री गोपी राम (ज्योतिषाचार्य) जिला हिसार हरियाणा मो. 9812224501
|| जय श्री राधे ||
🔮 13 जुलाई 2025 से शनि होंगे वक्री, 138 दिनों तक इन राशिवालों का बजेगा बैंड, बाकी ये राशियां भी रहें सतर्क!
🔘 HEADLINES
▪️ शनि 13 जुलाई 2025 को मीन राशि में वक्री हो जाएंगे.
▪️ शनि के वक्री होने की यह अवधि करीब 138 दिनों तक रहेगी.
▪️ शनि वक्री होने से 5 राशियों पर अधिक नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है.
📆 13 जुलाई 2025 को सुबह 7 बजकर 24 मिनट पर न्याय के देवता शनि वक्री अवस्था में प्रवेश करने जा रहे हैं, वो भी मीन राशि में। शनि ग्रह को वैदिक ज्योतिष में कर्मों का न्यायाधीश कहा जाता है । ये ग्रह हमारे द्वारा किए गए अच्छे-बुरे कर्मों का फल देता है। इसी ग्रह की वजह से जीवन में अनुशासन, स्थायित्व और परिपक्वता भी आती है।
👹 शनि देव अभी मीन राशि में हैं और 29 मार्च 2025 को उन्होंने अपनी स्वयं की राशि कुंभ से मीन राशि में प्रवेश किया था, जहाँ वे अब लगभग 138 दिन तक यानी 13 जुलाई से 28 नवंबर 2025 तक वक्री अवस्था में रहेंगे। यह एक लंबी अवधि है और इसका प्रभाव केवल व्यक्तिगत जीवन पर ही नहीं, बल्कि देश, समाज और वैश्विक घटनाओं पर भी पड़ेगा। आइए जानते हैं आचार्य श्री गोपी राम से सभी 12 राशियों पर शनि की वक्री चाल का क्या प्रभाव पड़ेगा।
🐑 मेष राशि : 13 जुलाई 2025 से शनि ग्रह आपकी कुंडली के द्वादश भाव में वक्री हो रहे हैं, जो खर्च, विदेश यात्रा और आत्मचिंतन का भाव माना जाता है। यह समय पिछले महीनों से चले आ रहे अनचाहे खर्चों और मानसिक थकावट में थोड़ी राहत ला सकता है। विदेश यात्रा की योजना बना रहे लोगों के लिए अब अवसर बन सकते हैं, लेकिन योजना पक्की और व्यावहारिक होनी चाहिए। स्वास्थ्य में सुधार संभव है, विशेषकर नींद और मानसिक स्थिरता से जुड़ी समस्याएं कम हो सकती हैं।भावनात्मक रूप से खुद को थोड़ा अकेला महसूस कर सकते हैं, परिवार से दूरी बनी रह सकती है। यह समय आत्मनिरीक्षण और गहरे मनोवैज्ञानिक पहलुओं पर ध्यान केंद्रित करने के लिए अनुकूल रहेगा। पुराने अनुभवों से सबक लेकर आगे की रणनीति बनाना फायदेमंद रहेगा। संयम, अनुशासन और नियमित पूजा-पाठ से नकारात्मक प्रभावों को कम किया जा सकता है।
🐂 वृषभ राशि : शनि इस समय आपके लाभ भाव में वक्री हो रहे हैं। यह गोचर आपके सामाजिक दायरे, मित्रों और आकस्मिक लाभ पर प्रभाव डालेगा। पहले जो लाभ सहजता से मिल रहे थे, उनमें अब कुछ विलंब हो सकता है या अपेक्षाएं अधूरी रह सकती हैं। निवेश को लेकर आशंका बनी रह सकती है लेकिन योजनाबद्ध तरीके से काम करने पर लंबे समय में लाभ मिल सकता है। कार्यक्षेत्र में समर्थन कम मिल सकता है, इसलिए आत्मनिर्भरता पर जोर दें। स्वास्थ्य में मामूली उतार-चढ़ाव संभव है, विशेष रूप से जोड़ों या त्वचा से जुड़ी समस्याएं।
👩❤️👨 मिथुन राशि : शनि आपके दशम भाव में वक्री हो रहे हैं जो करियर, पिता और सामाजिक प्रतिष्ठा से संबंधित है। यह समय करियर में कुछ अवरोध, विलंब या अनिश्चितता लेकर आ सकता है। हालांकि नुकसान की आशंका नहीं है, लेकिन आपको दोगुनी मेहनत करनी पड़ सकती है। बॉस या वरिष्ठों के साथ टकराव से बचें और सरकारी कामों में सावधानी बरतें। किसी लंबित कार्य की गति धीमी हो सकती है। कार्य की गुणवत्ता पर ध्यान केंद्रित करने से स्थिति धीरे-धीरे अनुकूल हो सकती है।
🦀 कर्क राशि : शनि का भाग्य भाव में वक्री होना आपके लिए मिला-जुला समय लेकर आएगा। इस समय किस्मत पर कम और कर्म पर अधिक भरोसा करना होगा। धार्मिक यात्रा या उच्च शिक्षा से संबंधित कार्यों में विलंब संभव है, लेकिन प्रयास जारी रखने से सफलता मिलेगी। मानसिक रूप से ऊहापोह की स्थिति बनी रह सकती है। भाग्य भरोसे न बैठें, व्यावहारिक दृष्टिकोण अपनाएं।
🦁 सिंह राशि : शनि का अष्टम भाव में वक्री होना स्वास्थ्य, अचानक होने वाली घटनाओं और गुप्त शत्रुओं से जुड़ा है। पेट संबंधी परेशानी, थकान या पुरानी बीमारियों की वापसी हो सकती है। कार्यक्षेत्र में अचानक बदलाव या असहज स्थिति सामने आ सकती है। किसी भी प्रकार का बड़ा जोखिम उठाने से बचें, विशेषकर आर्थिक मामलों में। संयम और अनुशासन से ही आप स्थायित्व प्राप्त कर सकेंगे।
👰🏻♀ कन्या राशि : शनि सप्तम भाव में वक्री हो रहे हैं जो विवाह, साझेदारी और पब्लिक रिलेशन से जुड़ा है। वैवाहिक जीवन में मतभेद की संभावना बढ़ सकती है। व्यावसायिक साझेदारियों में संदेह या असहमति उत्पन्न हो सकती है। रिश्तों में लचीलापन बनाए रखना आवश्यक है। स्वास्थ्य संबंधी विषयों में खानपान पर विशेष ध्यान दें।
⚖️ तुला राशि : छठे भाव में वक्री शनि रोग, ऋण और शत्रु से संबंधित है। यह समय कार्यक्षमता बढ़ाने के लिए अच्छा है, लेकिन आपको अधिक मेहनत करनी होगी। शत्रु या प्रतिस्पर्धी सक्रिय हो सकते हैं, पर आप अपनी सूझ-बूझ से उन्हें मात दे पाएंगे। स्वास्थ्य पर ध्यान देना जरूरी है, विशेष रूप से स्किन या ब्लड प्रेशर से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं।
🦂 वृश्चिक राशि : पंचम भाव में शनि का वक्री होना शिक्षा, संतान और प्रेम जीवन पर असर डाल सकता है। इस समय आपकी सोच थोड़ी भ्रमित हो सकती है। नए कार्य की योजना बनाते समय सतर्क रहें। विद्यार्थियों को एकाग्रता में कठिनाई हो सकती है, जबकि प्रेम संबंधों में संवाद की कमी समस्या उत्पन्न कर सकती है।
🏹 धनु राशि : चतुर्थ भाव में वक्री शनि परिवार, माता, वाहन और निवास से जुड़ा होता है। पारिवारिक तनाव या घर में किसी मरम्मत की जरूरत हो सकती है। वाहन सावधानी से चलाएं और माता के स्वास्थ्य की अनदेखी न करें। कामकाज में स्थान परिवर्तन या अस्थिरता महसूस हो सकती है।
🐊 मकर राशि : शनि आपके तीसरे भाव में वक्री हो रहे हैं जो साहस, भाई-बंधु और संचार से जुड़ा है। कार्यक्षमता बनी रहेगी, लेकिन मानसिक अस्थिरता रह सकती है। भाई-बहनों से वाद-विवाद से बचें। यात्राओं में लाभ होगा लेकिन थकावट भी बनी रह सकती है। किसी प्रोजेक्ट को समय पर पूरा करना थोड़ा चुनौतीपूर्ण होगा।
⚱️ कुम्भ राशि : धन भाव में वक्री शनि आपकी आर्थिक स्थिति और पारिवारिक माहौल पर असर डाल सकते हैं। धन संचय धीमा हो सकता है या अनावश्यक खर्चों में वृद्धि हो सकती है। खानपान में सावधानी न रखने पर गले या दांतों से जुड़ी समस्या हो सकती है। पारिवारिक तालमेल पर थोड़ा असर पड़ सकता है।
🐬 मीन राशि : लग्न भाव में वक्री शनि का असर पूरे जीवन पर पड़ता है। यह आत्मबल, स्वास्थ्य और निर्णय क्षमता को प्रभावित करता है। इस समय आपको खुद से अधिक प्रश्न करने की आदत लग सकती है, जिससे आत्मविश्वास में गिरावट आ सकती है। किसी बात को लेकर मानसिक दबाव बना रह सकता है। स्वास्थ्य का ध्यान रखें और आलस्य से दूर रहें। आत्मचिंतन करें, पर आत्मग्लानि से बचें।
