धार्मिकमध्य प्रदेश

झांकी पांडालों में देर रात तक माता भगवती की प्रतिमाओं की स्थापना का सिलसिला रहा जारी

शुभ मुहूर्त में मां भवानी के भक्तों ने घट स्थापना के साथ अखण्ड ज्योति जलाई, शुरू हुई शक्ति की भक्ति की उपासना
रिपोर्टर : शिवलाल यादव, रायसेन
रायसेन।
गुरुवार से शक्ति स्वरूपा माता जगदंबे की कठिन उपासना का पर्व शारदीय नवरात्रि की शुरुआत धूमधाम से हुई। शहर में सुबह से लेकर देर रात तक माता रानी अंबे की उपासना के लिए दुर्गा झांकी आयोजकों ने एक से बढ़कर एक झांकी पांडालों में मां महिषासुर मर्दिनी की प्रतिमाओं की स्थापना का दौर शुभ मुहूर्त में देर रात तक चलता रहा।रायसेन शहर के विभिन्न क्षेत्रों में करीब 80 जगहों पर झांकी पंडाल सजाए गए हैं। दुर्गा झांकी पांडालों में माता जगदंबे के जयकारे गूंजते रहे। शुभ मुहूर्त में मातारानी शेरावाली की प्रतिमाओं की स्थापना पूरे धार्मिक विधान पूर्वक की गई। धर्मशास्त्री पण्डित ओमप्रकाश शुक्ला पण्डित मुकेश भार्गव, राममोहन चतुर्वेदी ने बताया कि इस बार माता जगदंबिका डोली में सवार होकर आई हैं। इसीलिए 8 दिन में ही मां कालका की पूजन आराधना के साथ विदाई दी जाएगी
शारदीय नवरात्रि के त्यौहार में माता शेरावाली की भक्ति के लिए भक्तों ने किसी ने नंगे पांव तो किसी ने निराहार मौन रखकर सिर्फ एक लौंग पर व्रत रखें और माता भगवती की उपासना शुरू की। मालूम हो कि पिछले साल भी वैश्विक कोरोना महामारी को लेकर आयोजकों ने पांडाल तो बड़े बनाए थे।लेकिन दुर्गा प्रतिमाएं जरूर छोटी स्थापित कर पूजन की गई थी। लेकिन इस बार भव्यता के साथ नवरात्र पर्व मनाए जाने की तैयारी की जा रही है।
देर रात तक दुर्गा प्रतिमाओं को पांडालों में विराजित कराने लाए….
रायसेन शहर में दोपहर से देर रात तक दुर्गा प्रतिमाओं के कारीगरों के घरों पर झांकी आयोजकों की भीड़ लगी रही।नगर के पाटनदेव के मूर्तिकार गोविंद सिंह, दौलत राम प्रजापति,सुनील महोबिया, गंज बाजार के लखन चक्रवर्ती, घनश्याम चक्रवर्ती के यहां दोपहर से लेकर देर रात तक वाहनों से माता रानी की जय हो …..जय माता दी के जयकारे ढोलनगाड़ों के बीच गूंजते रहे ।

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