परम्-पवित्र भगवा ध्वज को सुख समृद्धि की कामना के साथ युवाओं ने सम्मान पूर्वक बदला
रिपोर्टर : शिवकुमार साहू
सिलवानी । ग्राम सांईखेड़ा में कस्बा के बीच बाजार में शौर्य, आध्यात्मिकता का प्रतीक भगवा ध्वज युवाओं के द्वारा ध्वज स्तम्भ के साथ स्थापित किया गया था जो हमारी भारतीय संस्कृति का ध्वज है | जिसे आज नवरात्रों के चलते लगे हुए ध्वज को उतार कर नया ध्वज क्षेत्र की सुख समृद्धि की कामना के साथ पूजा अर्चना कर बदला गया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में युवा मौजूद रहे । वहीं युवा विकास साहू ने बताया कि भगवा ध्वज में सूर्य का तेज समाया हुआ है। यह भगवा रंग त्याग, शौर्य, आध्यात्मिकता का प्रतीक है। भगवान श्रीकृष्ण के द्वारा सारथ्य किये गये अर्जुन के रथ पर भगवा ध्वज ही विराजमान था। भगवा ध्वज रामकृष्ण, दक्षिण के चोल राजाओं, सम्राट कृष्णदेव राय, छत्रपति शिवाजी, गुरु गोविंद सिंह और महाराजा रणजीत सिंह की पराक्रमी परम्परा और सदा विजयी भाव का सर्वश्रेष्ठ प्रतीक है । इसमें यदि सम्राट हर्ष और विक्रमादित्य का प्रजा वत्सल राज्य अभिव्यक्त होता है तो व्यास, दधीचि और समर्थ गुरु रामदास से लेकर स्वामी रामतीर्थ, स्वामी दयानंद, महर्षि अरविंद, रामकृष्ण परमहंस और स्वामी विवेकानंद तक का वह आध्यात्मिक तेज भी प्रकट होता है, भगवा ध्वज हिन्दू धर्म और हिन्दू राष्ट्र का प्रतीक होने के कारण उसे राष्ट्र ध्वज मानना हम सभी का परम् कर्तव्य है। हम किसी व्यक्ति की पूजा नहीं करते, क्योंकि हम किसी भी व्यक्ति के बारे में यह विश्वास नहीं दिला सकते कि वह अपने मार्ग पर अटल ही रहेगा। केवल तत्व ही अटल पद पर आरुढ़ रहा करते है, अथवा ध्वज अटल है ।” हम ध्वज का सम्मान करते हैं।
इस अवसर पर बड़ी संख्या में युवा मौजूद थे इस कार्य की ग्राम में सराहना की जा रही है साथ ही युवाओं ने अपने अपने फेसबुक, व्हाट्सएप एकाउंट पर फोटो वीडियो अपडेट किए जा रहे हैं।