धार्मिक

Today Panchang आज का पंचांग सोमवार, 13 जनवरी 2025

आचार्य श्री गोपी राम (ज्योतिषाचार्य) जिला मुख्यालय हरियाणा मो. 9812224501
✦••• जय श्री हरि •••✦
🧾 आज का पंचाग 🧾
सोमवार 13 जनवरी 2025
13 जनवरी 2025 दिन सोमवार को पौष मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि है। आज स्नान-दान एवं व्रत की भी पूर्णिमा आज ही है। आज की पूर्णिमा को पंजाब में लोहरी एवं दक्षिण भारत में भोगी कहा जाता है। आज पौषी पूर्णिमा है, जिस दिन शाकम्भरी जयन्ती भी मनाया जाता है। आज पूर्णिमा को शाकम्भरी नवरात्र पूर्ण भी हो जाती है। प्रयाग का माघी मेला भी आरम्भ हो जाता है। माघ मेला में कल्पवास एवं कल्पवास में माघ स्नान, यम-नियम एवं संयम करना आदि आज से ही आरम्भ हो जाता है। आज रवियोग भी है। आप सभी सनातनियों को “माघ मेला एवं शाकम्भरी जयन्ती” की हार्दिक शुभकामनायें।।
महा मृत्युंजय मंत्र – ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्‌। उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्।।
☄️ दिन (वार) – सोमवार के दिन क्षौरकर्म अर्थात बाल, दाढ़ी काटने या कटाने से पुत्र का अनिष्ट होता है शिवभक्ति को भी हानि पहुँचती है अत: सोमवार को ना तो बाल और ना ही दाढ़ी कटवाएं ।
सोमवार के दिन भगवान शंकर की आराधना, अभिषेक करने से चन्द्रमा मजबूत होता है, काल सर्प दोष दूर होता है।
सोमवार का व्रत रखने से मनचाहा जीवन साथी मिलता है, वैवाहिक जीवन में लम्बा और सुखमय होता है।
जीवन में शुभ फलो की प्राप्ति के लिए हर सोमवार को शिवलिंग पर पंचामृत या मीठा कच्चा दूध एवं काले तिल चढ़ाएं, इससे भगवान महादेव की कृपा बनी रहती है परिवार से रोग दूर रहते है।
सोमवार के दिन शिव पुराण के अचूक मन्त्र “श्री शिवाये नमस्तुभ्यम’ का अधिक से अधिक जाप करने से समस्त कष्ट दूर होते है. निश्चित ही मनवाँछित लाभ मिलता है।
🔮 शुभ हिन्दू नववर्ष 2024 विक्रम संवत : 2081 नल, शक संवत : 1945 शोभन
🌐 संवत्सर नाम अनला
🔯 शक सम्वत : 1945 (शोभकृत् संवत्सर)
☸️ काली सम्वत् 5124
🕉️ संवत्सर (उत्तर) पिंगल
☣️ आयन – उत्तरायण
☀️ ऋतु – सौर शिशिर ऋतु
🌤️ मास – पौष मास
🌚 पक्ष – शुक्ल पक्ष
📅 तिथि – सोमवार पौष माह के शुक्ल पक्ष पूर्णिमा तिथि 03:56 AM तक उपरांत प्रतिपदा
✏️ तिथि स्वामी – पूर्णिमा तिथि पूर्णत्व की तिथि मानी जाती है. इस तिथि के स्वामी स्वयं चन्द्र देव हैं. चंद्रदेव की पूजा करने से मनुष्‍य का सभी जगह आधिपत्य हो जाता है।
💫 नक्षत्र – नक्षत्र आद्रा 10:38 AM तक उपरांत पुनर्वसु
🪐 नक्षत्र स्वामी – आर्द्रा नक्षत्र का स्वामी राहु है। भगवान शिव के रुद्र रूप को आर्द्रा नक्षत्र का अधिपति देवता माना जाता है।
⚜️ योग – वैधृति योग 04:38 AM तक, उसके बाद विष्कुम्भ योग
प्रथम करण : विष्टि – 04:26 पी एम तक
द्वितीय करण : बव – 03:56 ए एम, जनवरी 14 तक बालव
🔥 सोमवार का शुभ गुलिक कालः-शुभ गुलिक काल 01:42:00 P.M से 02:59:00 P.M बजे तक
⚜️ दिशाशूलः- आज के दिन पूर्व दिशा की यात्रा नहीं करना चाहिए यदि यात्रा करना ज्यादा आवश्यक हो तो घर से दर्पण देखकर या दूध पीकर जायें।
🤖 राहुकालः- आज का राहु काल 08:31:00 A.M से 09:49:00 A.M बजे तक
🌞 सूर्योदयः- प्रातः 06:44:00
🌅 सूर्यास्तः – सायं 06:16:00
👸🏻 ब्रह्म मुहूर्त : 05:27 ए एम से 06:21 ए एम
🌇 प्रातः सन्ध्या : 05:54 ए एम से 07:15 ए एम
🌟 अभिजित मुहूर्त : 12:09 पी एम से 12:51 पी एम
🔯 विजय मुहूर्त : 02:15 पी एम से 02:57 पी एम
🐃 गोधूलि मुहूर्त : 05:42 पी एम से 06:09 पी एम
🌃 सायाह्न सन्ध्या : 05:45 पी एम से 07:06 पी एम
❄️ रवि योग : 07:15 ए एम से 10:38 ए एम
🗣️ निशिता मुहूर्त : 12:03 ए एम, जनवरी 14 से 12:57 ए एम, जनवरी 14
🚕 यात्रा शकुन-मीठा दूध पीकर यात्रा करें।
👉🏼 आज का मंत्र-ॐ सौं सौमाय नम:।
💁🏻‍♀️ आज का उपाय-किसी विप्र को सफेद ऊनी वस्त्र भेंट करें।
🌳 वनस्पति तंत्र उपाय-पलाश के वृक्ष में जल चढ़ाएं।
⚛️ पर्व एवं त्यौहार : प्रयागराज माघी मेला आरम्भ/ रवि योग/ शांकभरी देवी नवरात्र समाप्ति/ शांकभरी पूर्णिमा/ माघ स्नानारंम्भ/ पुष्याभिषेक यात्रा/ धनुर्मास समाप्ति/ लोहड़ी पर्व/ पुर्णिमा प्रारम्भ सुबह 05.02/ पुर्णिमा समाप्ति उ. रात्रि 03. 56/ सरोजिनी नायडू जयन्ती, (मरणोपरांत ‘अशोक चक्र’ से सम्मानित) मेजर मोहित शर्मा जन्म दिवस, हिन्दी कवि शमशेर बहादुर सिंह जन्म दिवस, भारतीय अभिनेता अश्मित पटेल जन्म दिवस, भारतीय अंतराळवीर राकेश शर्मा जन्म दिवस, भारतीय चित्रपट अभिनेता इम्रान खान जन्म दिवस, अभिनेता मदन पुरी स्मृति दिवस, संस्कृत विद्वान श्रीधर गणेश दधे पुण्य तिथि, केप वर्डे का लोकतंत्र दिवस, अंतर्राष्ट्रीय फ़िल्म समारोह दिवस (10 दिवसीय), राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा सप्ताह 11 जनवरी- 17 जनवरी तक
✍🏼 तिथि विशेष – पूर्णिमा को घी एवं प्रतिपदा को कुष्मांड खाना एवं दान करना दोनों वर्जित बताया गया है। पूर्णिमा तिथि एक सौम्य और पुष्टिदा तिथि मानी जाती है। इसके देवता चन्द्रमा हैं तथा यह पूर्णा नाम से विख्यात है। यह शुक्ल पक्ष में ही होती है और पूर्ण शुभ फलदायी मानी गयी है।
🗼 Vastu tips 🗽
वास्तु शास्त्र की मानें तो दक्षिण दिशा में कुछ पौधे लगाना आपके लिए बेहद लाभदायक सिद्ध हो सकता है। इस दिशा में आप नीम, नारियल, चमेली, एलोवेरा और मनी प्लांट लगा सकते हैं। इन पौधों को दक्षिण दिशा में लगाने से आपको धन लाभ होता है। इसके साथ ही घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह भी इन पौधों को दक्षिण दिशा में लगाने के बाद होने लगता है। पारिवारिक जीवन में ऐसा करने से सुख-समृद्धि आती है और घर के लोगों के बीच भी संतुलन बना रहता है। इसलिए आप भी घर के दक्षिण छोर में इन पौधों को लगाकर लाभ पा सकते हैं।
आपको पलंग का सिरहाना दक्षिण दिशा की ओर करना चाहिए। ऐसा करने से नकारात्मकता आप पर हावी नहीं होती और आप कई शुभ परिणाम जीवन में प्राप्त करते हैं। इसके साथ ही अगर आपके घर का मुख्य दरवाजा दक्षिण दिशा में है तो वहां आपको स्वास्तिक का चिह्न बनाना चाहिए ऐसा करने से अशुभता दूर होती है। इसके साथ ही दक्षिण दिशा वाले द्वार के बुरे प्रभाव को दूर करने के लिए आप पंचमुखी हनुमान जी की मूर्ति या फिर गणेश जी की मूर्ति इस दिशा में लगा सकते हैं।
🔰 जीवनोपयोगी कुंजियां ⚜️
डायबिटीज और अर्थराइटिस में राहत: इस लकड़ी के बर्तन में रातभर पानी रखें और सुबह खाली पेट पीएं. इससे आपका शुगर लेवल कंट्रोल रहेगा. डायबिटीज के मरीजों के लिए इस बर्तन में पानी पीना बहुत फायदेमंद है. हड्डियों के कमजोर होने की वजह से कई लोगों को गठिया और जोड़ों में दर्द की समस्या हो जाती है, जिसे अर्थराइटिस कहते हैं. ऐसे में इस लकड़ी के बर्तन या सीधे लकड़ी को पानी में भिगोकर वह पानी पीने से शरीर में ‘यूरिक एसिड’ कम होता है और रोग में राहत मिलती है.
उच्च रक्तचाप में असरदार इस लकड़ी से बने बर्तन में पानी पीने से ब्लड प्रेशर भी कंट्रोल रहता है. इससे आप उच्च रक्तचाप की समस्या से बचे रह सकते हैं. इसके अलावा विजयसार की लकड़ी से बने गिलास से पानी पीने से हाथ-पैरों की कापने जैसी समस्या भी दूर रहती है.
फैट कम करने में कारगर इस लकड़ी के गिलास में पानी पीने से शरीर का ‘एक्स्ट्रा फैट’ कम होता है. इससे आपका मोटापा कुछ समय में ही कम होने लगता है. इसके अलावा इस लकड़ी के बर्तन में पानी पीने से वजन जल्दी कम होता है.
विजयसार की लकड़ी से बने गिलास में पानी पीने से कई तरह के फ़ायदे होते हैं: डायबिटीज़ के मरीज़ों के लिए फ़ायदेमंद शुगर लेवल कंट्रोल रहता है शरीर में यूरिक एसिड कम होता है ब्लड प्रेशर कंट्रोल रहता है हाथ-पैरों की कापने जैसी समस्या दूर रहती है .
🍵 आरोग्य संजीवनी 🍶
बिच्छू बूटी के सबसे महत्वपूर्ण स्वास्थ्य लाभों में शरीर को डिटाक्सफाइ करना (विषाक्त पदार्थ निकालना), चयापचय की दक्षता में सुधार, प्रतिरक्षा स्वास्थ्य को बढ़ावा देने, परिसंचरण में वृद्धि, ऊर्जा के स्तर में सुधार, माहवारी का प्रबंधन, रजोनिवृत्ति के लक्षण कम करना, त्वचा को स्वस्थ रखना, गुर्दों और पित्ताशय की थैली के स्वास्थ्य की सुरक्षा करना, सूजन को कम करना, मांसपेशियों में वृद्धि, हार्मोनल गतिविधि को नियमित करना, शुगर की बीमारी (मधुमेह) को रोकना, रक्तचाप कम करना, बवासीर को कम करना और श्वसन प्रक्रिया में सुधार लाना आदि होते हैं।
हृदय के लिए बिच्छू बूटी के फायदे यह जड़ी बूटी भी हृदय को सकारात्मक रूप से प्रभावित करने में सक्षम होती है। बिच्छू बूटी का ह्रदय स्वास्थ्य पर बहुत ही अच्छा प्रभाव पड़ता है। बिच्छू बूटी से बनी चाय का नियमित रूप से सेवन लोअर सिस्टोलिक ब्लड प्रेशर को कम करने में मदद कर सकता है और कार्डियोवास्कुलर सिस्टम पर तनाव को दूर कर सकता है।
डिटॉक्सिफिकेशन के लिए बिच्छू बूटी के फायदे बिच्छू बूटी में पाए जाने वाले फायदेमंद पोषक तत्वों की वजह से यह शरीर के लिए एक बहुत ही अच्छा डेटोक्सिफायर है और इसे विषाक्त पदार्थों को शरीर से साफ करने के लिए भी जाना जाता है। एक मूत्रवर्धक पदार्थ के रूप में जाना जाता है। बिच्छू बूटी से पाचन प्रक्रिया सुचारू रूप से चलती है जिससे शरीर में खतरनाक विषाक्त पदार्थों के संचय को रोकने से बचाया जा सकता है। यह लसीका प्रणाली को भी उत्तेजित करता है, जो कि गुर्दे में अतिरिक्त विषाक्त पदार्थों से छुटकारा दिलाने में मदद करता है।
🌷 गुरु भक्ति योग 🌸
भारतवर्ष में गंगा, यमुना, नर्मदा और सरस्वती ये चार नदियां सर्वश्रेष्ठ हैं। इनमें भी इस भूमण्डल पर गंगा की समता करने वाली कोई नदी नहीं है। प्राचीनकाल में नर्मदा नदी ने बहुत वर्षों तक तपस्या करके ब्रह्माजी को प्रसन्न किया।
प्रसन्न होकर ब्रह्माजी ने वर मांगने को कहा।
नर्मदाजी ने कहा – ’ब्रह्मा जी! यदि आप मुझ पर प्रसन्न हैं तो मुझे गंगाजी के समान कर दीजिए।’
ब्रह्माजी ने मुस्कराते हुए कहा – ’यदि कोई दूसरा देवता भगवान शिव की बराबरी कर ले, कोई दूसरा पुरुष भगवान विष्णु के समान हो जाए, कोई दूसरी नारी पार्वतीजी की समानता कर ले और कोई दूसरी नगरी काशीपुरी की बराबरी कर सके तो कोई दूसरी नदी भी गंगा के समान हो सकती है।’
ब्रह्माजी की बात सुनकर नर्मदा उनके वरदान का त्याग करके काशी चली गयीं और वहां पिलपिलातीर्थ में शिवलिंग की स्थापना करके तप करने लगीं।
भगवान शंकर उनपर बहुत प्रसन्न हुए और वर मांगने के लिए कहा।
नर्मदा ने कहा – ’भगवन्! तुच्छ वर मांगने से क्या लाभ? बस आपके चरणकमलों में मेरी भक्ति बनी रहे।’
नर्मदा की बात सुनकर भगवान शंकर बहुत प्रसन्न हो गए और बोले – ’नर्मदे! तुम्हारे तट पर जितने भी प्रस्तरखण्ड (पत्थर) हैं, वे सब मेरे वर से शिवलिंगरूप हो जाएंगे। गंगा में स्नान करने पर शीघ्र ही पाप का नाश होता है, यमुना सात दिन के स्नान से और सरस्वती तीन दिन के स्नान से सब पापों का नाश करती हैं परन्तु तुम दर्शनमात्र से सम्पूर्ण पापों का निवारण करने वाली होगी। तुमने जो नर्मदेश्वर शिवलिंग की स्थापना की है, वह पुण्य और मोक्ष देने वाला होगा।’
भगवान शंकर उसी लिंग में लीन हो गए। इतनी पवित्रता पाकर नर्मदा भी प्रसन्न हो गयीं। इसलिए कहा जाता है ‘नर्मदा का हर कंकर शंकर है।’
◄┉┉┉┉┉┉༺✦ᱪ✦༻┉┉┉┉┉┉►
⚜️ हमारे वैदिक सनातन धर्म में हर मास की पूर्णिमा को कोई-न-कोई व्रत-त्यौहार होता ही है। जिनकी कुण्डली में चन्द्रमा की दशा चल रही हो उसे पूर्णिमा के दिन उपवास रखना अर्थात व्रत करना चाहिये। जिनके बच्चे कफ रोगी हों अर्थात सर्दी, जुकाम, खाँसी और निमोनियाँ समय-समय पर होती रहती हो उनकी माँ को वर्षपर्यन्त पूर्णिमा का व्रत करना और चन्द्रोदय के बाद चंद्रार्घ्य देकर व्रत तोड़ना चाहिये।।
पूर्णिमा माता लक्ष्मी को विशेष प्रिय होती है। इसलिये आज के दिन महालक्ष्मी की विधिवत पूजा करने से मनोवान्छित कामनाओं की सिद्धि होती है। पूर्णिमा को शिवलिंग पर शहद, कच्चा दूध, बिल्वपत्र, शमीपत्र, फुल तथा फलादि चढ़ाकर भगवान शिव की पूजा-अर्चना करने से शिव की कृपा सदैव बनी रहती है। पूर्णिमा को शिव पूजन में सफ़ेद चन्दन में केशर घिसकर शिवलिंग पर चढ़ाने से घर के पारिवारिक एवं आन्तरिक कलह और अशान्ति दूर होती है।।

Related Articles

Back to top button