धार्मिक

Today Panchang आज का पंचांग बुधवार, 05 नवम्बर 2025

आचार्य श्री गोपी राम (ज्योतिषाचार्य) जिला हिसार हरियाणा मो. 9812224501
जय श्री हरि
🧾 आज का पंचांग 🧾
बुधवार 05 नवम्बर 2025
*ॐ एकदन्ताय विद्महे वक्रतुंडाय धीमहि तन्नो बुदि्ध प्रचोदयात ।। ☄️ *दिन (वार) – बुधवार के दिन तेल का मर्दन करने से अर्थात तेल लगाने से माता लक्ष्मी प्रसन्न होती है धन लाभ मिलता है।
*बुधवार का दिन विघ्नहर्ता गणेश का दिन हैं। बुधवार के दिन गणेश जी के परिवार के सदस्यों का नाम लेने से जीवन में शुभता आती है। *बुधवार के दिन गणेश जी को रोली का तिलक लगाकर, दूर्वा अर्पित करके लड्डुओं का भोग लगाकर उनकी की पूजा अर्चना करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
🔮 शुभ हिन्दू नववर्ष 2025 विक्रम संवत : 2082 कालयक्त विक्रम : 1947 नल
🌐 कालयुक्त संवत्सर विक्रम संवत 2082,
👸🏻 शिवराज शक 352
✡️ शक संवत 1947 (विश्वावसु संवत्सर), चैत्र
☮️ गुजराती सम्वत : 2081 नल
☸️ काली सम्वत् 5126
🕉️ संवत्सर (उत्तर) क्रोधी
☣️ आयन – दक्षिणायन
🌧️ ऋतु – सौर हेमंत ऋतु
⛈️ मास – कार्तिक मास
🌝 पक्ष – शुक्ल पक्ष
📆 तिथि – बुधवार कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष पूर्णिमा तिथि 06:49 PM तक उपरांत प्रतिपदा
✏️ तिथि स्वामी – पूर्णिमा तिथि पूर्णत्व की तिथि मानी जाती है. इस तिथि के स्वामी स्वयं चन्द्र देव हैं. इस दिन सूर्य और चन्द्रमा समसप्तक होते हैं।
💫 नक्षत्र – नक्षत्र अश्विनी 09:40 AM तक उपरांत भरणी 06:34 AM तक उपरांत कृत्तिका
🪐 नक्षत्र स्वामी – अश्विनी नक्षत्र का स्वामी केतु है। इसके देवता अश्विनी कुमार हैं, जिन्हें देवताओं का चिकित्सक माना जाता है।
⚜️ योग – सिद्धि योग 11:28 AM तक, उसके बाद व्यातीपात योग
प्रथम करण : विष्टि – 08:44 ए एम तक बव – 06:48 पी एम तक
द्वितीय करण : बालव – 04:51 ए एम, नवम्बर 06 तक कौलव
🔥 गुलिक काल : – बुधवार को शुभ गुलिक 11:10 से 12:35 बजे तक ।
⚜️ दिशाशूल – बुधवार को उत्तर दिशा में दिशा शूल होता है ।इस दिन कार्यों में सफलता के लिए घर से सुखा / हरा धनिया या तिल खाकर जाएँ ।
🤖 राहुकाल : – बुधवार को राहुकाल दिन 12:35 से 2:00 तक । राहु काल में कोई भी शुभ कार्य नहीं करना चाहिए |
🌞 सूर्योदयः – प्रातः 06:16:00
🌅 सूर्यास्तः – सायं 05:15:00
👸🏻 ब्रह्म मुहूर्त : 04:52 ए एम से 05:44 ए एम
🌆 प्रातः सन्ध्या : 05:18 ए एम से 06:36 ए एम
🌟 अभिजित मुहूर्त : कोई नहीं
✡️ विजय मुहूर्त : 01:54 पी एम से 02:38 पी एम
🐃 गोधूलि मुहूर्त : 05:33 पी एम से 05:59 पी एम
🌌 सायाह्न सन्ध्या : 05:33 पी एम से 06:51 पी एम
💧 अमृत काल : 02:23 ए एम, नवम्बर 06 से 03:47 ए एम, नवम्बर 06
🗣️ निशिता मुहूर्त : 11:39 पी एम से 12:31 ए एम, नवम्बर 06
सर्वार्थ सिद्धि योग : 06:34 ए एम, नवम्बर 06 से 06:37 ए एम, नवम्बर 06
🚓 यात्रा शकुन-हरे फ़ल खाकर अथवा दूध पीकर यात्रा पर निकले।
👉🏼 आज का मंत्र-ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं स: बुधाय नम:।
🤷🏻‍♀️ आज का उपाय-किसी बटुक को कांस्य पात्र भेंट करें।
🪵 *वनस्पति तंत्र उपाय-अपामार्ग के वृक्ष में जल चढ़ाएं। ⚛️ *पर्व एवं त्यौहार – सर्वार्थ सिद्धि योग/ गुरु नानक जयन्ती/ त्रिपुरारी पूर्णिमा/ तुलसी विवाह समाप्ति्/ कार्तिक स्नान समाप्ति्/ केदार व्रत (उड़ीसा)/ पुष्कर मेला (अजमेर)/ पूर्णिमा समाप्ति् शाम 06.49/ देव दीपावली/ महान् स्वतंत्रता सेनानी चित्तरंजन दास जयन्ती, हरियाणा के भूतपूर्व मुख्यमंत्री बनारसी दास गुप्ता जन्म दिवस, हिन्दी फ़िल्म निर्माता-निर्देशक बी. आर. चोपड़ा पुण्य तिथि, राष्ट्रीय लाल बालों का प्यार दिवस, राष्ट्रीय डोनट दिवस, गुरु तेग बहादुर शहीदी दिवस, भारतीय क्रिकेटर विराट कोहली जन्म दिवस, भारतीय क्रिकेटर विराट कोहली जन्म दिवस, विश्व सुनामी जागरूकता दिवस, गाइ फॉक्स दिवस, अंतर्राष्ट्रीय रेड क्रास दिवस (सप्ताह)
✍🏼 *तिथि विशेष – पूर्णिमा को घी एवं प्रतिपदा को कुष्मांड खाना एवं दान करना दोनों वर्जित बताया गया है। पूर्णिमा तिथि एक सौम्य और पुष्टिदा तिथि मानी जाती है। इसके देवता चन्द्रमा हैं तथा यह पूर्णा नाम से विख्यात है। यह शुक्ल पक्ष में ही होती है और पूर्ण शुभ फलदायी मानी गयी है 🗽 *_Vastu tips* 🛟
शुभ दिशा में हो शादीशुदा जोड़े का बेडरूम
*नए या विवाहित जोड़े का बेडरूम हमेशा नैऋत्य कोण यानी दक्षिण-पश्चिम दिशा में होना शुभ माना गया है। यह दिशा स्थिरता और प्रेम का प्रतीक मानी जाती है। वहीं, ईशान कोण (उत्तर-पूर्व) और आग्नेय कोण (दक्षिण-पूर्व) में बने बेडरूम रिश्तों में तनाव और विवाद बढ़ा सकते हैं। इसलिए इन दिशाओं से बचना चाहिए। *सोच-समझकर चुनें बेडरूम के लिए रंग
*बेडरूम की दीवारों और पर्दों के रंग भी रिश्तों पर असर डालते हैं। हल्के गुलाबी, क्रीम, या हल्के पीले रंग का प्रयोग शुभ माना जाता है। बहुत गहरे या नीले रंगों से बचना चाहिए क्योंकि ये मन में नकारात्मकता और उदासी ला सकते हैं। ❇️ *जीवनोपयोगी कुंजियां* ⚜️ जिनको अति अभिमान होता है, जो अधिक एवं व्यर्थ का बोलते हैं उनकी आयु कम हो जाती है *जो निंदा-ईर्ष्या करते है या दुर्व्यसन में फँसे हैं अथवा जो जरा-जरा बात में क्रुद्ध हो जाते हैं उनकी भी उम्र कम हो जाती है
*जो अधिक खाना खाते हैं, रात को देर से खाते हैं, बिनजरूरी खाते हैं, चलते-चलते खाते हैं, खड़े-खड़े हैं उनका भी स्वास्थ्य लडखडा जाता है और आयु कम हो जाती है *जो मित्र, परिवार से द्रोह करते हैं, संतो, सज्जनों की निंदा करते है उनकी भी आयु कम होती है, जो ठाँस- ठाँस के खाता है, ब्रह्मचर्य का नाश करता रहता है वह जल्दी मरता है
*जो प्राणायाम और भगवद-मंत्र का जप नहीं करता उसकी लम्बी आयु होने में संदेह रहता है और जो ब्रह्मचर्य पालते हैं, प्राणायाम करते हैं उनकी आयु बढती है | 🌿 आरोग्य संजीवनी ☘️
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चंद्रप्रभा वटी ठीक करती है किडनी सम्बन्धी रोग किडनी के खराब होने पर मूत्र की उत्पत्ति बहुत कम होती है जो शरीर में अनेक रोग उत्पन्न करता है एवं मूत्राशय में विकृति होने पर मूत्र आने पर जलन, पेडू में जलन, मूत्र का रंग लाल होना या अधिक दुर्गन्ध होना इन सब में चन्द्रप्रभा वटी अति उपयोगी है। इससे गुर्दों की कार्यक्षमता बढ़ती है जो शरीर को साफ करते हैं। बढ़े हुए यूरिक एसिड और यूरिया आदि तत्वों को यह शरीर से बाहर निकालती है। अगर आप किडनी रोगों से पीड़ित हैं तो आयुर्वेदिक चिकित्सक की सलाह लेकर चंद्रप्रभा वटी का उपयोग करें.
*मूत्र सम्बन्धी विकारों मे यह वटी पेशाब की परेशानियों और वीर्य विकार की काफी लाभकारी तथा प्रसिद्ध दवा है। मूत्र आने पर जलन, रुक–रुक कर कठिनाई से मूत्र आना, मूत्र में चीनी आना, मूत्र में एल्ब्युमिन जाना, मूत्राशय की सूजन तथा लिंगेन्द्रिय की कमजोरी इससे शीघ्र ठीक हो जाती है। 📚 गुरु भक्ति योग 🕯️
जीवन में कभी संत के संग का भाग्य मिल जाएं तो वो आपके दुर्गुणों को आपसे दूर करने में सहायक ही होते है।
*एक बार एक मानव एक सन्त के पास गया और बोला आप मुझे दीक्षा देकर मेरा उद्धार कीजिये परन्तु मेरी कुछ मांगों को पूरा करके मुझ पर कृपा करें आशा है कि आप मुझे निराश नही लौटायँगे सन्त उसके भाव पर रीझकर बोले ठीक है मैं तुम्हें दीक्षा दूँगा तुम अपनी माँग रखो भक्त चरण स्पर्श करके बोला कि मै शराब नही छोड़ सकता और भजन भी करना चाहता है सन्त ने मुस्कुराकर कहा और कोई समस्या भक्त ने झिझकते हुये कहा मैं चोटी भी नही रखना चाहता ! सन्त ने फिर कहा कोई और इच्छा तो बाकी नही रह गई उसने प्रसन्न होकर कहा नही प्रभु और कोई इच्छा नही है
🙏🏼सन्त ने भुकुटी पर तिलक छाप देकर गले में कण्ठी पहना दी और कानों में गुरु मंत्र दे दिया और बोले आज से तुम्हे वैष्णव जीवन जीना है अर्थात मिथ्याचार और व्यभिचार त्यागकर दिन में कम से कम 40 मिनट हरि भजन करना है तथा जब भी तुम शराब का सेवन करो तो उसका दुष्परिणाम और दुष्प्रभाव मुझे समर्पण कर देना अर्थात तुम्हारे द्वारा किये गये दुष्कर्म का दंड मै भोगूँगा तुम नही
*शिष्य बड़े भारी मन से उठकर घर आ गया घर पहुंचा तो मस्तक पर तिलक छाप व गले मे कण्ठी देखकर घर के लोग सम्मान की दृष्टि से देखने लगे जो लोग सीधे मुंह बात भी नही करते थे वह अब रुक रुक कर बात करना चाहते थे वह अच्छा महसूस करने लगा तथा उसके मुंह से जो भी बात निकलती उसकी बात का घर परिवार व समाज मे वजन बढ़ने लगा
*अब अंदर से तो शराब पीने की इच्छा होती नही परन्तु दिमाग मे रह रह *कर शराब की याद आती कि बहुत दिन हो गये आज पिऊँगा और एक दिन वह शराब की बोतल खोलकर बैठ गया जैसे ही गिलास मुंह से लगाया तुरन्त गुरुदेव की स्मृति हो आई कि मेरे द्वारा किये गये पापों का दंड उन्हें भोगना होगा।
*गिलास छूट गया और आँखों से अविरल अश्रु धारा बहने लगी
*अगले ही दिन सन्त दर्शन के लिए गया और दण्डवत प्रणाम करके रोने लगा सन्त ने पूछा क्या हुआ क्या मैने कोई ज्यादा कठिनाइयों भर जीवन दे दिया। *शिष्य बोला नही भगवन जीवन तो मैने आपका संकट में डाल दिया है मेरे पाप कर्मों का दण्ड आप क्यों भोगेंगे मुझसे घोर अपराध हुआ है अपने मुझे शरणागति प्रदान कर मेरा उद्धार किया और मैने आपका ही जीवन संकट में डाल दिया *मित्रों, सन्त इत्र की तरह होते हैं जो पास से भी गुजर जाएं तो शख्सियत सँवर जाती है और भाग्य वश यदि कोई सिद्ध सन्त जीवन मे आ जाये तो जीवन एक सुंदर झील के समान हो जाता है अतः जितना हो सके सन्तो का संग करें..अपने संगी साथी चुनने में सतर्क रहे..!
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⚜️ हमारे वैदिक सनातन धर्म में हर मास की पूर्णिमा को कोई-न-कोई व्रत-त्यौहार होता ही है। जिनकी कुण्डली में चन्द्रमा की दशा चल रही हो उसे पूर्णिमा के दिन उपवास रखना अर्थात व्रत करना चाहिये। जिनके बच्चे कफ रोगी हों अर्थात सर्दी, जुकाम, खाँसी और निमोनियाँ समय-समय पर होती रहती हो उनकी माँ को वर्षपर्यन्त पूर्णिमा का व्रत करना और चन्द्रोदय के बाद चंद्रार्घ्य देकर व्रत तोड़ना चाहिये।।
पूर्णिमा माता लक्ष्मी को विशेष प्रिय होती है। इसलिये आज के दिन महालक्ष्मी की विधिवत पूजा करने से मनोवान्छित कामनाओं की सिद्धि होती है। पूर्णिमा को शिवलिंग पर शहद, कच्चा दूध, बिल्वपत्र, शमीपत्र, फुल तथा फलादि चढ़ाकर भगवान शिव की पूजा-अर्चना करने से शिव की कृपा सदैव बनी रहती है। पूर्णिमा को शिव पूजन में सफ़ेद चन्दन में केशर घिसकर शिवलिंग पर चढ़ाने से घर के पारिवारिक एवं आन्तरिक कलह और अशान्ति दूर होती है।।

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