आज का कार्य आज ही निपटाया जाएगा पेंडिंग नहीं, टेबल पर फाइल पेंडिंग नहीं होनी चाहिए आज कार्य आज पूर्ण होने के पक्षधर
रिपोर्टर : मनीष यादव, पलेरा।
टीकमगढ़ पलेरा। आशीष तिवारी आईएएस में छठवी रैंक हासिल करने वाले बुंदेलखंड के टीकमगढ़ जिले की पलेरा तहसील मे इनका जन्म हुआ। आशीष तिवारी ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा शासकीय हायर सेकेंडरी स्कूल पलेरा से प्राप्त की, बीटेक मैकेनिकल इंजीनियर कर इंडियन आयल कॉर्पोरेशन में 5 साल तक सेवाएं दी उन्होंने पहले ही प्रयास में यूपीएससी की परीक्षा क्वालिफाइड कर प्रशिक्षण मंजूरी के बाद पहली बार बालाघाट में सहायक कलेक्टर के रूप में पदस्थ हुए बालाघाट में अपनी सेवाएं देने के बाद कृषि विभाग भारत सरकार सहायक सचिव के पद पर पदस्थ हुए। वह कोलारस (शिवपुरी) में एसडीएम के रूप में पदस्थ रहे वर्तमान में आशीष तिवारी ग्वालियर में अपर कलेक्टर के रूप में सेवाएं दे रहे है। तिवारी ने कहा है कि मैंने बहुत ही काम किए हैं विशेषकर पेंडिंग कार्यों में रुचि लेकर तत्काल निराकरण किया है इनका मुख्य उद्देश्य लोगों के कार्यों एवं समस्याओं का निराकरण करना, विशेषकर आम जनमानस के कार्यों में रुचि बनाकर विशेष रूप से उनकी समस्याओं का निदान करना ही हमारा मुख्य उद्देश है । आशीष तिवारी आईएएस अधिकारी ने टीकमगढ़ जिले पलेरा तहसील का नाम रोशन किया घर परिवार के लोगों ने दिया मार्गदर्शन इतनी बड़ी कामयाबी हासिल की
आशीष तिवारी के दादा सेवानिवृत्त शिक्षक लखनलाल तिवारी, ताऊ ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी विनोद तिवारी व पिता बीएसएनएल एसडीओ पन्ना प्रमोद तिवारी हैं।
आईएएस अधिकारी के रूप में चयनित और संघ लोक सेवा आयोग की 2015 की परीक्षा में ऑल इंडिया में छठवीं रैंक पाने छात्र छात्राओं के लिए विशेष अपील छात्र-छात्राएं मन लगाकर पढ़ाई करें। लिखने का अभ्यास करें। बड़ी प्रतियोगी परीक्षाओं में लिखने का समय कम मिलता है। ऐसे में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे युवाओं को अच्छे तरीके से तैयारी करनी चाहिए। तिवारी का परिवार मूलरूप से टीकमगढ़ जिले के पलेरा कस्बे का निवासी है। अशीष के माता-पिता वर्ष 2000 से छतरपुर जिले के रामाजी नगर में भी निवास कर रहे हैं। आशीष तिवारी के दादा सेवानिवृत्त शिक्षक लखनलाल तिवारी, ताऊ ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी विनोद तिवारी व पिता बीएसएनएल एसडीओ पन्ना प्रमोद तिवारी हैं।
शिक्षा और उद्यमिता के बढ़ावे से होगा विकास
आशीष तिवारी ने कहा कि वह प्रशासनिक अधिकारी के रूप में शिक्षा और उद्यमिता को बढ़ावा देने का प्रयास करेंगे। किसी भी लोकतंत्र में सेवा प्राप्ति के लिए आवश्यक है कि नागरिक अपने अधिकारों के प्रति जागरूक हों और उसकी मांग करें। शिक्षा के विकास से ही इसे पूरा किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि कृषि प्रधान देश में बेरोजगारी को समाप्त करने के लिए माइक्रो, लघु और मध्यम उद्योगों को बढ़ावा देना जरूरी है। पानी की कमी की समस्या तात्कालिक नहीं है। इसलिए जल के न्यायपूर्ण उपयोग की जरूरत पर ध्यान देना होगा। कम पानी का उपयोग कर कृषि पैदावार को बढ़ावा देना होगा। ड्रिप, स्प्रिंकलर व माइक्रो इरीगेशन के बाद एसआरआई प्रणाली से पानी को व्यर्थ बहने से रोका जा सकता है। बिहार के दशरथपुरा गांव में एसआरआई सिस्टम से कम पानी में धान की पैदावार हो रही है।