ज्योतिष

Aaj ka Panchang आज का पंचांग बुधवार, 26 अप्रैल 2023

आचार्य श्री गोपी राम (ज्योतिषाचार्य) जिला हिसार हरियाणा मो. 9812224501
जय श्री हरि
🧾 आज का पंचांग 🧾
बुधवार 26 अप्रैल 2023

ॐ एकदन्ताय विद्महे वक्रतुंडाय धीमहि तन्नो बुदि्ध प्रचोदयात ।।
☄️ दिन (वार) – बुधवार के दिन तेल का मर्दन करने से अर्थात तेल लगाने से माता लक्ष्मी प्रसन्न होती है धन लाभ मिलता है।
बुधवार का दिन विघ्नहर्ता गणेश का दिन हैं। बुधवार के दिन गणेश जी के परिवार के सदस्यों का नाम लेने से जीवन में शुभता आती है।
बुधवार के दिन गणेश जी को रोली का तिलक लगाकर, दूर्वा अर्पित करके लड्डुओं का भोग लगाकर उनकी की पूजा अर्चना करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
🔮 शुभ हिन्दू नववर्ष 2023 विक्रम संवत : 2080 नल, शक संवत : 1945 शोभन
🌐 संवत्सर नाम अनला
🔯 शक सम्वत : 1945 (शोभकृत् संवत्सर)
☸️ काली सम्वत् 5124
🕉️ संवत्सर (उत्तर) पिंगल
☣️ आयन – उत्तरायण
☀️ ऋतु – सौर वसंत ऋतु
🌤️ मास – वैशाख मास
🌖 पक्ष – शुक्ल पक्ष
📆 तिथि – शुक्ल पक्ष षष्ठी 11:27 AM तक उसके बाद सप्तमी है ।
✏️ तिथि स्वामी – षष्ठी के देता हैं कार्तिकेय। इस तिथि में कार्तिकेय की पूजा करने से मनुष्य श्रेष्ठ मेधावी, रूपवान, दीर्घायु और कीर्ति को बढ़ाने वाला हो जाता है।
💫 नक्षत्र : पुनर्वसु – पूर्ण रात्रि तक
🪐 नक्षत्र स्वामी – पुनर्वसु नक्षत्र के देवता वृहस्पति को माना जाता है। तथा राशि स्वामी बुध है।
🔊 योग-सुकर्मा योग 08:06 AM तक, उसके बाद धृति योग
प्रथम करण : तैतिल – 11:27 ए एम तक
द्वितीय करण – गर – 12:30 ए एम, अप्रैल 27 तक
🔥 गुलिक काल : – बुधवार को शुभ गुलिक 10:30 से 12 बजे तक ।
⚜️ दिशाशूल – बुधवार को उत्तर दिशा में दिशा शूल होता है ।इस दिन कार्यों में सफलता के लिए घर से सुखा / हरा धनिया या तिल खाकर जाएँ ।
🤖 राहुकाल : – बुधवार को राहुकाल दिन 12:00 से 1:30 तकराहु काल में कोई भी शुभ कार्य नहीं करना चाहिए |
🌞 सूर्योदयः- प्रातः 05:35:00
🌅 सूर्यास्तः- सायं 06:23:00
👸🏻 ब्रह्म मुहूर्त : 04:18 ए एम से 05:02 ए एम
🌆 प्रातः सन्ध्या : 04:40 ए एम से 05:45 ए एम
🌟 अभिजित मुहूर्त : कोई नहीं
🔯 विजय मुहूर्त : 02:30 पी एम से 03:23 पी एम
🐃 गोधूलि मुहूर्त : 06:52 पी एम से 07:14 पी एम
🌌 सायाह्न सन्ध्या : 06:53 पी एम से 07:58 पी एम
💧 अमृत काल : 04:20 ए एम, अप्रैल 27 से 06:06 ए एम, अप्रैल 27
🗣️ निशिता मुहूर्त : 11:57 पी एम से 12:40 ए एम, अप्रैल 27
🚓 यात्रा शकुन-हरे फ़ल खाकर अथवा दूध पीकर यात्रा पर निकलें।
👉🏽 आज का मंत्र-ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं स: बुधाय नम:।
🤷🏻‍♀️ आज का उपाय-किसी बटुक को हरा वस्त्र भेंट करें।
🪵 वनस्पति तंत्र उपाय-अपामार्ग के वृक्ष में जल चढ़ाएं।
⚛️ पर्व एवं त्यौहार – मीनू मुमताज़ – भारतीय अभिनेत्री जन्म दिवस, कृष्ण चन्द्र गजपति – भारत के स्वतंत्रता सेनानी जन्म दिवस, श्रीनिवास रामानुजम स्मृति दिवस, अभिनेत्री मोंगूमी चटर्जी जन्म दिवस, चेरनोबिल दिवस, छगनराज चौपासनी जन्म दिवस, विश्व बौद्धिक संपदा दिवस
✍🏼 विशेष – षष्ठी तिथि को तैल कर्म अर्थात शरीर में तेल मालिश करना या करवाना एवं सप्तमी तिथि को आँवला खाना तथा दान करना भी वर्ज्य बताया गया है। षष्ठी तिथि के स्वामी भगवान शिव के पुत्र स्वामी कार्तिकेय हैं तथा नन्दा नाम से विख्यात यह तिथि शुक्ल एवं कृष्ण दोनों पक्षों में मध्यम फलदायीनी मानी जाती है। इस तिथि में स्वामी कार्तिकेय जी के पूजन से सभी कामनाओं की पूर्ति होती है। विशेषकर वीरता, सम्पन्नता, शक्ति, यश और प्रतिष्ठा कि अकल्पनीय वृद्धि होती है।
🌷 Vastu Tips 🌸
वास्तु में दिशाओं का बहुत महत्व होता है। साथ ही आपको व्यापार के साथ-साथ पढ़ाई करने वाली दिशा के स्थान का ध्यान रखना बेहद आवश्यक है। वास्तु शास्त्र के अनुसार हर दिशा का संबंध किसी न किसी ऊर्जा से माना जाता है। किसी भी काम को करने की दिशा ही हमारी सफलता को दर्शाती है। ऐसे ही कुछ कामों के बारे में आज आचार्य श्री गोपी राम से जानेंगे।
दुकान या ऑफिस में काम करते समय, उसके मुखिया का मुंह हमेशा उत्तर दिशा की ओर होना चाहिए। इससे काम में हमेशा सफलता मिलती है और बिजनेस में बढ़ोतरी होती है।
पढ़ाई करते समय विद्यार्थियों का मुंह पूर्व दिशा की ओर हो तो सबसे अच्छा माना जाता है। बाकी उत्तर या पश्चिम दिशा में मुंह करके भी पढ़ सकते हैं।
खाना बनाते समय ऐसी व्यवस्था होनी चाहिए कि खाना बनाने वाले का मुंह पूर्व या उत्तर-पूर्व दिशा की ओर हो। इससे खाना बनाने वाले की सेहत हमेशा अच्छी बनी रहती है।
साथ ही खाना खाने वाले के मुंह की दिशा भी पूर्व या उत्तर दिशा में होनी चाहिए। इससे शरीर को मिलने वाली ऊर्जा पूरी तरह से मिलती है।
⏹️ जीवनोपयोगी कुंजियां ⚜️
शंखजल का छिड़काव व पान क्यों ?शंख में जल भरकर उसे पूजा-स्थान में रखे जाने और पूजा – पाठ, अनुष्ठान होने के बाद श्रद्धालुओं पर उस जल को छिड़कने का कारण यह है कि इसमें कीटाणुनाशक शक्ति होती है और शंख में जो गंधक, फॉस्फोरस और कैल्शियम की मात्रा होती है उसके अंश भी जल में आ जाते हैं | इसलिए शंख के जल को छिड़कने और पीने से स्वास्थ्य सुधरता है |
भगवान कहते हैं : “जो शंख में जल लेकर ‘ॐ नमो नारायणाय’ मंत्र का उच्चारण करते हुए मुझे नहलाता है वह सम्पूर्ण पापों से मुक्त हो जाता है | जो जल शंख में रखा जाता है वह गंगाजल के समान हो जाता है | तीनों लोकों में जितने तीर्थ है वे सब मेरी आज्ञा से शंख में निवास करते है इसलिए शंख श्रेष्ठ माना गया है | जो शंख में फूल, जल और अक्षत रखकर मुझे अर्घ्य देता है उसे अनंत पुण्य की प्राप्ति होती है | जो वैष्णव मेरे मस्तक पर शख का जल घुमाकर उसे अपने घर में छिडकता है उसके घर में कुछ भी अशुभ नहीं होता | मृदंग और शंख की ध्वनि तथा प्रणव (ॐकार) के उच्चारण के साथ किया हुआ मेरा पूजन मनुष्यों को सदैव मोक्ष प्रदान करनेवाला है |” (स्कन्द पुराण, वैष्णव खंड)
🧋 आरोग्य संजीवनी 🍶
जकड़ाहट, आमवात, जोड़ों का दर्द आदि हो तो….
शरीर जकड़ा हुआ है, आमवात, जोड़ो का दर्द, घुटनों का दर्द आदि कि शिकायत ज्यादा है तो भोजन के समय 1 गिलास गुनगुना पानी रखो | उसमें अदरक के रस की 10-12 बुँदे डाल दो अथवा चौथाई ग्राम ( 1 चनाभर) सौंठ-चूर्ण मिला दो | भोजन के बीच-बीच में 2 -2 घूँट वह पानी पियो |
8 ग्राम लहसुन कि कलियाँ कूट के 100 ग्राम अरंडी के तेल में डाल दें और गर्म करें | कलियाँ जल जायें तो वह तेल उतार के रख लें | इससे घुटनों को, जोड़ों को मालिश करने से फायदा होता है |
📖 गुरु भक्ति योग 🕯️
संतान को देने चाहिए अच्छे संस्कार आचार्य श्री गोपी राम ने अपने नीति में बच्चों, बड़ों, बुजुर्गों, आदि सबके लिए कोई न कोई सीख दी है।हमने अपनी नीति यानी ज्ञान में संतान के बारे में भी बताया है। हमारे कहने के मुताबिक माता-पिता को संतान की शिक्षा, संस्कार और सेहत को लेकर सदैव गंभीर रहना चाहिए। बच्चों पर सबसे अधिक प्रभाव उनके मां-बाप का देखने को मिलता है और माता-पिता ही अपने बच्चों के पहले शिक्षक होते हैं। संतान और माता-पिता से संबंधित एक बात का जिक्र किया है। कहते हैं कि माता-पिता को संतान को अच्छे संस्कार देने चाहिए। संतान को लेकर हर माता-पिता को गंभीर होना चाहिए।
माता-पिता की आदतों को ग्रहण करते हैं बच्चे आचार्य श्री गोपी राम के मुताबिक बच्चों को योग्य और सफल बनाने के लिए माता-पिता को कुछ बातों का खास ख्याल रखना चाहिए। दरअसल बच्चें माता-पिता की अच्छी आदतों को तो ग्रहण करते ही हैं, लेकिन वो गलत आदतों से बहुत जल्द प्रभावित होते हैं। ऐसे में बच्चों के मामले में हमारी इन बातों को नहीं भूलना चाहिए।
बच्चों के सामने सोच-विचार कर करें बात अपने बच्चों को लेकर कहा है कि हर इंसान को उनके सामने सोच विचार कर ही बातें करना चाहिए, क्योंकि बच्चे छोटे पौधे की तरह होते हैं। ऐसे में आप उन्हें जैसा ढालेंगे वे वैसा ही फल देंगे। हमारे कहने के मुताबिक अगर आप चाहते हैं कि बच्चों की बोली और भाषा अच्छी हो तो इसके लिए सबसे पहले माता-पिता को अपनी बोली पर ध्यान देना चाहिए। इसलिए उन्हें अपनी बोली और भाषा को लेकर ज्यादा सावधानी बरतना चाहिए। क्योंकि व्यक्ति की बोली और भाषा बहुत कुछ बयां करती है।
बच्चों के सामने झूठ बोलने से परहेज करें माता-पिता हमारे के मुताबिक बच्चों के सामने माता-पिता को झूठ और दिखावा नहीं करना चाहिए। अगर आप बच्चों के सामने झूठ बोलेंगे या उन्हें अपने झूठ में शामिल करेंगे तो उनकी नजर में आप अपना सम्मान खो देंगे। इसलिए कोशिश करें कि बच्चों को झूठ और दिखावे से दूर ही रखें, नहीं तो इससे आगे चलकर आपको कई दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है।
एक दूसरे का करें सम्मान और आदर आचार्य श्री गोपी राम का कहना है कि आपसी बातचीत के दौरान माता-पिता को एक दूसरे का सम्मान और आदर का खास ध्यान रखना चाहिए। अगर इनके आपसी रिश्तों में आदर और सम्मान नहीं है तो इसका असर बच्चों के दिमाग और मन पर पड़ता है। ऐसे में इसका खास ध्यान रखना चाहिए।
किसी का अपमान करने से बचें अक्सर देखा जाता है कि बच्चों के सामने ही माता-पिता आपस में एक दूसरे से लड़ने-झगड़ने लगते हैं। पति-पत्नी एक दूसरे की कमियां निकालने लगते हैं। हमारे के मुताबिक ऐसा करने से वो अपने बच्चों की नजर में सम्मान खोने लगते हैं। बच्चों की नजर में उनका कोई सम्मान नहीं रह जाता और ऐसे में कई बार ऐसा हो जाता है कि बच्चे भी आपका अपमान करने से नहीं चूकते। इसलिए ऐसा करने से बचें।
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⚜️ यदि मंगल कि दशा चल रही हो और आप किसी प्रकार के मुकदमे में फंस गये हों तो भगवान कार्तिकेय का पूजन करें। मुकदमे में अथवा राजकार्य से सम्बन्धित किसी कार्य में सफलता प्राप्ति के लिये षष्ठी तिथि के सायंकाल में शिवमन्दिर में छः दीप दान करें। कहा जाता है, कि स्वामी कार्तिकेय को एक नीला रेशमी धागा चढ़ाकर उसे अपने भुजा पर बाँधने से शत्रु परास्त हो जाते हैं एवं सर्वत्र विजय कि प्राप्ति होती है।
जिस व्यक्ति का जन्म षष्ठी तिथि को होता है, वह व्यक्ति सैर-सपाटा पसंद करने वाला होता है। इन्हें देश-विदेश घुमने का कुछ ज्यादा ही शौक होता है अत: ये काफी यात्राएं करते रहते हैं। इनकी यात्रायें मनोरंजन और व्यवसाय दोनों से ही प्रेरित होती हैं। इनका स्वभाव कुछ रूखा जैसा होता है और छोटी छोटी बातों पर भी लड़ने को तैयार हो जाता हैं।

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