धार्मिक

कलयुग में भगवान रामनाम ही संसार सागर से उद्धार करता है : पंडित रेवा शंकर शास्त्री

सिलवानी। मवई गांव में तृतीय दिवस पर पंडित रेवाशंकर शास्त्री श्रद्धालुओं को भागवत कथा का रसपान श्रोताओं के लिए करा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस संसार सागर से उद्धार केवल भगवान के रामनाम से ही हो सकता है। भगवान के नाम का जाप करने वा कीर्तन करना और उनकी लीलाओं का श्रवण करना उनके चरित्र का मनन करना और भक्ति योग का आश्रय लेकर इस संसार में जीवन यापन करने वाले एपरमात्मा को प्राप्त करते हैं। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार अथाह जल राशि में मछली स्वस्थ सुखी रहती है उसी प्रकार भगवान की शरण में भक्त सुखी रहता है उन्होंने कहा कि जो व्यक्ति संसार में रहकर भक्ति योग का सहारा लेता है उसी का उद्धार होता है। इसलिए प्रत्येक मनुष्य को चाहिए कि इस संसार में रहते हुए परमपिता परमेश्वर की शरण का आश्रय ग्रहण करके उनके नाम रूप का गुण गान करता रहे। वह दयालु परमात्मा व्यक्ति को अपनी शरण में प्राप्त करके अपने आप ही उसका उद्धार कर देते हैं। अनेक दीन हीन लोगों का उद्धार उन दयालु परमेश्वर परमात्मा ने किया है। इसलिए अहंकार को छल कपट को त्यागकर उन सर्वेश्वर परमात्मा की शरण में व्यक्ति को चले जाना चाहिए। जिससे कि आत्म कल्याण जीवन काल में हो सके भागवत कथा सुनने बड़ी संख्या में श्रद्वालु पहुंच रहे हैं।

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