मध्य प्रदेश

25 वर्षो से पदस्थ लिपिक जुम्मन सिंह राजपूत का नही हो रहा स्थानांतरण

रिपोर्टर : सतीश चौरसिया, उमरिया पान
उमरियापान।
जनपद पंचायत ढीमरखेड़ा में लिपिक के पद पर पदस्थ जुम्मन सिंह राजपूत लगभग 25 वर्षों से जनपद पंचायत ढीमरखेड़ा में पदस्थ है और उसके द्वारा यहां पर जमकर भ्रष्टाचार किया जा रहा है और बिना रिश्वत लिये कोई काम नहीं किया जा रहा है।
स्मरण रहे कि जुम्मन सिंह राजपूत की नियुक्ति भी जनपद पंचायत ढीमरखेड़ा में हुई थी तब से वह यहां पर ही पदस्थ है। वहीं सूत्रों ने बताया कि कुछ समय के लिये इनका स्थानांतरण रीठी जनपद पंचायत किया गया था लेकिन उक्त महोदय की वहां पर सैंटिग नहीं जम पाई लिहाजा लिपिक जुम्मन सिंह राजपूत ने पैसे के बल पर अपना स्थानांतरण पुन: ढीमरखेड़ा जनपद पंचायत में करा लिया और तब से यही पर चांदी काट रहे है।
वसूली के लिये रख लिये दलाल
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार लिपिक जुम्मन सिंह राजपूत के द्वारा वसूली के लिये बकायदा दलाल को रखा गया है जो राजपूत का इशारा मिलते ही अपने मिशन पर जुट जाते हैं और वसूली करके अपने साहब को उक्त रिश्वत की रकम देते है। वहीं कुछ सरपंच और सचिवों ने बताया कि जुम्मन सिंह राजपूत के द्वारा बिना रिश्वत के काम नहीं किया जाता है और यहां तक कि गई बार हमारे द्वारा कराये गये निर्माण कार्यों की राशि भी जारी नहीं होती है लेकिन राजपूत को पहले देना पड़ता है। कुछ सरपंचों ने हमारे संवाददाता को बताया कि विधायक निधि की जो राशि स्वीकृत होती है उसका प्रतिवेदन जिला पंचायत भेजने के लिये लिपिक जुम्मन सिंह राजपूत के द्वारा 10 से 15 प्रतिशत कमीशन लिया जाता है और यदि कमीशन की राशि नहीं दी जाती है तो उसके द्वारा प्रतिवेदन नही भेजा जाता और जानबूझकर उसके द्वारा वह फाईल दबा दी जाती है।
अधिकारियों की शह पर होता है खेल
वहीं चर्चा तो इस बात की भी है कि उक्त लिपिक पर अधिकारियों की कृपा बरस रही है और इतने लम्बे समय अंतराल के बाद भी लिपिक राजपूत का स्थानांतरण न होना अपने आप में कई सवाल खड़े कर देता है। चूंकि सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी एक परिपत्र के माध्यम से संबंधित अधिकारियों को आगाह किया गया था कि कोई भी कर्मचारी या अधिकारी 3 या 5 वर्ष से अधिक समय तक एक स्थान पर पदस्थ न रहे , इसके बाद भी उक्त लिपिक कैसे यहां पर पदस्थ है यह समझ से परे है। लिहाजा समय-समय पर चुनाव आयोग द्वारा भी वरिष्ठ अधिकारियों से इस संबंध में जानकारी मांगी जाती है कि जो भी कर्मचारी या अधिकारी 3 वर्ष से एक ही स्थान पर अपनी सेवाएं दे रहे है उनकी जानकारी चुनाव आयोग को दी जाये लेकिन ऐसा लगता है कि जंनपद पंचायत ढीरमखेड़ा में पदस्थ लिपिक जुम्मन सिंह राजपूत पर ये आदेश या निर्देश शायद लागू नहीं होते! ऐसा हम इसलिये कह रहे है कि उक्त लिपिक संबंधित कार्योलय में लगभग 20 से 25 वर्ष से एक ही स्थान पर पदस्थ ऐसे में सवाल उठना लाजमी है कि क्या वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा जानबूूझकर जानकारी उपलब्ध नहीं कराई जाती है या फिर मामला कुछ और है? चूंकि चुनाव आयोग एक संवैधानिक संस्था है और उस पर निष्पक्ष चुनाव कराना उसकी नैतिक जिम्मेदारी है। ऐसे में भी यदि संबंधित अधिकारियों द्वारा अपने अधिनस्थों की जानकारी चुनाव आयोग से छिपाई जाती है तो उक्त कार्य अव्हेलना की श्रेणी में आता है। लिहाजा यदि संबंधित लिपिक के द्वारा उक्त जानकारी छिपाई गई है तो वह भी बराबर का दोषी है। वहीं जब उपरोक्त मामले को सीईओ जिला पंचायत गोमे को अवगत कराया गया तो उनके द्वारा बताया गया कि ये गलत है और यदि संबंधित कर्मचारी इतने लम्बे समय से एक ही स्थान पर पदस्थ है तो उस पर कार्यवाही की जायेगी।

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