मध्य प्रदेश

कागजों में घर घर वह रही जलधारा, धरातल पर ग्रामवासी बून्द बून्द पानी को परेशान

शोपीस बनी पानी की टंकी। पानी को लेकर हेण्डपंप पर लगती है भीड़
सिलवानी।
एक ओर जहां सिलवानी ही नहीं पूरे भारत देष में वैश्विक महामारी कोरोना की मार झेल रहा है। वही दूसरी ओर नल जल योजना के ठेकेदार और अधिकारियों की मनमानी से ग्रामीण बून्द बून्द पानी के लिए तरस रहे है।
सिलवानी विकासखंड में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकीय विभाग द्वारा दर्जनों ग्रामों में घर घर पानी पहुंचाने के लिए नल जल योजना के तहत पानी की टंकी बनाकर पाइप लाइन बिछाकर कागजों में हर घर में स्वच्छ पेयजल योजना को पूर्ण दर्शाया गया है। धरातल नल जल योजना अपनी हकीकत से कोशों दूर है। दो वर्ष पूर्व ग्राम सिंगपुरी उचेरा के ग्रामीणों ने विधानसभा चुनाव का बहिष्कार का बिगुल बजाया था तो जिला प्रशासन हरकत में आया और नल जल योजना को त्वरित गति से प्रारंभ किया गया था।
कोरोना वायरस कोविड-19 की गाइल लाइन के अनुसार प्रशासन द्वारा जनता कफर्य लगाकर लोगों को घरों में रहने के निर्देश दिये है। और कोरोना से बचाव के लिए बार-बार साबुन से हाथ धोने को संक्रमण से बचाव का सबसे बड़ा उपाय बताया जा रहा है। लेकिन सिलवानी के कई क्षेत्रों में पीने के लिए पानी नहीं है। यहां लोग एक-एक बूंद पानी के लिए मोहताज हैं। कोरोना काल में बूंद-बूंद पानी के लिए संघर्ष करता तहसील का जमुनिया ऐसा ही एक गांव है। प्रचंड गर्मी के इस मौसम में पानी की जरूरत सामान्य दिनों से अधिक होती है लेकिन तहसील के अधिकतर गांवों में लोग पीने के पानी के लिए मोहताज हैं। तहसील मुख्यालय से मात्र 12 किलोमीटर दूर राजमार्ग 44 पर बसे ग्राम पंचायत उचेरा जमुनिया की पानी की टंकी शोपीस बनी हुई है। भीषण गर्मी के मौसम में तीन दिन में एक बार पानी आता है उसमे भी प्रेशर नहीं होता है जिससे ग्रामवासी बून्द बून्द पानी के लिए परेशान है। इस सम्बन्ध में पीएचई एवं ग्राम पंचायत के जिम्मेदार अधिकारी, कर्मचारियों को अवगत कराया गया, परन्तु कोई सुनबाई नही हो रही है। ग्राम में लगे हैंडपंप भी जवाब दे गए और जो हैंडपंप चालू है उन पर इस महामारी के समय लगता हैं जमाबड़ा। तहसील में अफसरों की लापरवाही और मनमानी के चलते सरकारी जनकल्याणकारी योजनाएं दम तोड़ रही है। सरकारी दस्तावेजों में नल जल योजना बाकायदा संचालित है जिसका दावा पीएचई विभाग के कार्यापालन कर रहे हैं लेकिन जमीनी हकीकत दावों के बिल्कुल उलट है। जहां गांव में टंकी व नल होते हुए भी लोग पानी के लिए तरस रहे हैं।
पानी की समस्या से परेशान नागरिकों द्वारा सोमवार को सोशल मीडिया पर तहसील मुख्यालय पर धरना प्रदर्शन करने की खबर बायरल होने पर तहसील प्रशासन धरना प्रदर्शन करने से मना कर दिया है। सिर्फ ज्ञापन देकर जिला प्रशासन को अवगत कराने के निर्देश दिये है। ग्राम के शैलेन्द्र जैन, प्रदीप प्रजापति, राहुल शर्मा, आरिफ, अमित राय, रवि राय, शैलेन्द्र ठाकुर, आदि ने बताया कि हम लोग कई बार आवेदन एवं शिकायत करने के बाद भी हम लोगों की सुनबाई नहीं हो रही है। परेशान होकर धरना प्रदर्शन करना चाहते है पंरतु प्रशासन द्वारा अनुमति नहीं दी जा रही है।
ग्राम जमुनिया आवादी लगभग 5000 है और इस ग्राम में कहने को लगभग 15 हेण्डपंप है परंतु मई की इस गर्मी में हेण्डपंपों ने जबाब दे दिया है। उनमें भी पानी नहीं निकल रहा है। और नल जल योजना के नल में तीसरे दिन ही कम प्रेशर से पानी आता है।

इस संबंध में जनपद पंचायत की मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्रीमती रश्मि चैहान का कहना है कि मैं पीएचई विभाग व उनके ठेकेदार के लगातार सम्पर्क में हूँ । उनका मैकेनिक भी उनकी गाड़ी कहा जा रही है इसका प्रतिदिन मुझे पर्सनल पर व्हाट्सएप करता है व लगातार मुझे अवगत कराता है। किंतु अधिकतर जगह पाइप बढ़ाने की समस्या है जमुनिया में भी। जिले के अधिकारियों को इससे अवगत करा दिया गया है।
वही अनुविभागीय अधिकारी राजस्व संघमित्रा बौद्ध का कहना है कि पीएचई विभाग को ग्राम जमुनियां की पानी की समस्या से अवगत करा दिया है। ग्रामीणों को कोरोना काल में धरने की अनुमति नही दी जा सकती है वह चाहे तो ज्ञापन दे सकते है।

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