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2024 में मोदी सरकार की वापसी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता घटी, फिर भी होगी आयेगी सत्ता में, पीएम पर पीएचडी करने वाले शख्स का दावा

नई दिल्ली। वैश्विक महामारी कोरोना काल में मेडिकल इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी के चलते कई लोगों ने अपनों को खो दिया। माना जा रहा है कि लोगों को हुई तकलीफों के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की लोकप्रियता कम हुई है।लेकिन, गुजरात के मेहुल चोकसी ने कहा कि वर्तमान स्थिति में भले ही प्रधानमंत्री की लोकप्रियता में कमी आयी हो लेकिन, प्रधानमंत्री आज भी लोगों के दिलों में बसते हैं। आने वाले 2024 के चुनावों में भाजपा फिर से सत्ता में काबिज होगी।
सूरत के रहने वाले मेहुल चोकसी ने पप्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर पीएचडी थीसिस की है। उनकी रिसर्च थीसिस का नाम ‘लीडरशिप अंडर गवर्नमेंट- केस स्टडी ऑफ नरेंद्र मोदी’ है। इस रिसर्च में 450 लोगों का साक्षात्कार किया गया था। जिसमें सरकारी अफसर, किसान, स्टूडेंट और पॉलिटिकल लीडर्स थे. मेहुल ने इनसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लीडरशिप क्वालिटी से जुड़े सवाल पूछे थे और इसी के आधार पर उन्होंने पाया कि पीएम मोदी की स्पीच काफी अपीलिंग होती है।
उनकी रिसर्च में 48 प्रतिशत लोगों का मानना है कि मोदी पॉलिटिकल मार्केटिंग में बेस्ट हैं लेकिन, वर्तमान समय में नरेन्द्र मोदी की लोकप्रियता का ग्राफ गिरा है. प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भाजपा दिल्ली-बंगाल जैसे मजबूत राज्यों में मुंह की खानी पड़ी है। इसके पीछे की वजह को लेकर मेहुल बताते है कि कोरोना की पहली वेव में प्रधानमंत्री मोदी के कार्य की विश्व पटल पर प्रशंसा हुई है। हालांकि दूसरी वेव में कुछ कमी जरूर हो गयी जिससे लोगों की नाराजगी मीडिया में देखने को मिली है। मगर उनकी छवि में कोई फर्क नही पड़ेगा, आज भी प्रधानमंत्री मोदी का लोगों में विश्वास है और आने वाले चुनावों में इससे कोई फर्क नहीं पड़ेगा।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर डॉक्टरेट करने वाले मेहुल चोकसी 2010 में अपनी थीसिस लिख रहे थे। तब उस वक्त नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे. मेहुल ने मुख्यमंत्री के तौर पर नरेंद्र मोदी से जुड़े सवाल पूछे थे, जहां 51 प्रतिशत लोगों ने पॉजीटिव, 34.25 प्रतिशत लोगों ने नेगेटिव फीडबैक दिया था। 46.75 प्रतिशत लोगों ने कहा था कि पॉपुलरिटी के लिए लीडर को ऐसे फैसले लेने पड़ते हैं जो जनता के लिए सही हों। उनका कहना है कि कोरोना काल में प्रशासनिक असफलता के चलते पांच राज्यों के चुनावी नतीजों में अपेक्षाकृत परिणाम पाने में भाजपा असफल हुई है। ऐसे में आगामी दिनों में देश में होने वाले चुनावों में लोग फिर से नरेन्द्र मोदी को प्रधानमंत्री के रूप में देखकर अपना मत देंगे ।

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