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किसानों को नहीं मिल रहा योजनाओं का लाभ, तरबूज, खरबूज ने दिलाई सिलवानी को पहचान


सिलवानी। कृषि क्षेत्र के उन्नयन के लिए सरकार ने रोड मैप बनाया और अलग कृषि कैबिनेट बनाकर इस मद में पर्याप्त आवंटन उपलब्ध कराया। राज्य के अन्य जिलों में उन्नत खेती और आधुनिक तकनीक के बल पर किसान समृद्ध भी हो रहे हैं। परंतु, कृषि विभाग के अधिकारियों की लापरवाही व विकासखंड स्तरीय कृषि पदाधिकारी की मनमानी के कारण जिले के आम किसान इन योजनाओं से लाभांवित नहीं हो पा रहे हैं।
किसानों के लिए राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन, मैक्रोमोड, आईसोपोम, राष्ट्रीय कृषि विकास योजना, कृषि यांत्रिकीकरण, श्रीविधि धान प्रत्यरक्षण, संकर धान प्रत्यरक्षण, अनुदानित दर पर धान बीज वितरण, जीरो टिलेज से गेहूं उत्पादन, राष्ट्रीय कृषि विकास उपयोजना, हरित चादर जैसी अनेक योजनाएं चलायी जा रही है। परंतु, इन योजनाओं के लाभ का बड़ा हिस्सा, कृषि यंत्र विक्रेता, खाद विक्रेता और विभाग के अधिकारी सांठगांठ कर हड़प लेते हैं। कुछ किसान भी लाभांवित होते है, लेकिन आम किसान इससे प्राय: ही रह जाते हैं। विभाग द्वारा किसान की कल्याणकारी योजनाओं का प्रचार प्रसार नही किया जाता है। और विभाग की योजनाओ का लाभ राजनैतिक हस्तक्षेप एवं पहचान, रिश्तेदारों तक ही सीमित किया जाता है।
चुन्हैटिया के किसान श्रीप्रकाश श्रीवास्तव पिछले तीन वर्ष से स्वयं की लागत से खेती को लाभ का धंधा बनाने के लिये तरबूज, खरबूज एवं सब्जी की खेती कर रहे है परन्तु शासन द्वारा अभी तक कृषि विभाग की किसी भी योजना का लाभ नही मिला है। किसान इजरायली प्रणाली से खेती कर रहा है, इस प्रणाली से कम पानी में भी फसल से अच्छा उत्पादन लिया जा सकता है। किसान को कृषि विभाग, उद्यानिकी विभाग की योजनाओ का लाभ मिल जाये तो वह वृहद स्तर पर खेती कर लोगो के लिये मिशाल बन सकता है। अभी आसपास के कई किसान उसकी उन्नत तकनीकी से की जा रही खेती को देखने आते है। और किसान से सलाह लेते है, किसान द्वारा अन्य किसानों को सही जानकारी एवं सहायता उपलब्ध कराई जाती है। प्रशासन की कुछ सहायता से ही वह क्षेत्र के किसानों के लिये प्रेरणा स्रोत बन सकता है।
तरबूज, खरबूज ने दिलाई सिलवानी को पहचान
किसान श्रीप्रकाश श्रीवास्तव द्वारा पिछले तीन वर्ष से उत्तम किस्म के तरबूज, खरबूज का उत्पादन किया जा रहा है। उनके द्वारा उत्पादित किये गए तरबूज, खरबूज को भोपाल, सागर, गाडरवारा, विदिशा सहित जिले में कई स्थानों पर सप्लाई की गई। तरबूज, खरबूज की क्वालिटी ऐसी थी एक बार खाने के बाद स्वाद नही भूलता और चुन्हैटिया के तरबूज, खरबूज मांग करता है।

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